बालोद। कोरोना का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। मेडिकल साइंस इस इसका परमानेंट इलाज ढूंढने में लगा हुआ है। वैक्सीन बनाने की कोशिश जारी है तो इधर आस्था का दौर भी शुरू हो गया है। बालोद जिले के एक गांव सेमरडीह में ग्रामीण कोरोना से निपटने के लिए भगवान की शरण में जा रहे हैं और आस्थावश ग्रामीण विश्व कल्याण की कामना के साथ गौमाता को खिचड़ी भी खिला रहे हैं।
यह आयोजन बीते दिनों गांव में हुआ। परिवार के हर सदस्य ने गांव के गौठान में जाकर गौ माता को खिचड़ी खिलाई तो वही यह कामना की गई कि जल्द से जल्द संसार कोरोना से मुक्त हो जाए गो पूजा के जरिए ग्रामीणों ने इस संकट से उबरने की प्रार्थना की। बताया जाता है कि ग्राम समिति के पास दान व अन्य माध्यम से मिले चावल इकट्ठा थे। जिन्हें खर्च करने को लेकर योजना बनाई गई थी। पिछले दिनों गांव में बैठक हुई और यह तय किया गया कि गौ माता को खिचड़ी का भोग करेंगे और विश्व कल्याण की कामना करेंगे। ताकि विश्व जो कोरोना रूपी महामारी से जूझ रहा है उससे भी जल्द से जल्द निजात मिले। जहां दवा नहीं वहां दुआ काम आती है इस बात को ध्यान में रखकर यहां के ग्रामीणों ने प्रार्थना की कि इस संकट से हमें जल्द निजात मिल जाए और फिर से जिंदगी पहले जैसी हो जाए। जहां ना कोई बंधन हो ना कोई सीमा और स्वच्छंद, स्वतंत्र होकर लोग अपनी जिंदगी फिर से जी सके। इस आयोजन के दौरान ग्राम प्रमुख दूज राम साहू, चुन्नी प्रीतम, देवाराम साहू, विश्राम सिंह , कन्हैया श्रीवास,धनेश्वर सिंह साहू व अन्य मौजूद रहे। आयोजन के दौरान नजारा मातर, दिवाली की तरह लग रहा था क्योंकि अक्सर गोवर्धन पूजन के अवसर पर घर पर गो लक्ष्मी के रूप में गायों व अन्य मवेशियों को पशु पालक खिचड़ी खिलाते हैं।