शहीद वीर नारायण सिंह के प्रतिमा स्थापना हेतु आदिवासी युवा छात्र संगठन ने की मांग
बालोद । आदिवासी युवा छात्र संगठन ने मांग की है कि छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा जय स्तम्भ चौक रायपुर में स्थापित किया जाए।
शहीद वीर नारायण सिंह का जन्म छत्तीसगढ़ के माटी सोनाखान में हुआ था, जो कि सन 1856 में सोनाखान के अकाल पड़ने पर उनकी प्रजा भुखमरी एवं अनाज की कमी से झेल रहे थे और वहां के साहूकारों एवं अंग्रेजों ने आम जनता को अनाज देने से मना कर दिया था, अपनी जनता को भूखे मरते देख उनकी पीड़ा देखा नहीं गया, जिसके चलते छत्तीसगढ़ वीर नारायण सिंह ने साहूकारों एवं अंग्रेजों के गोदामों लूटकर अनाजों को जनता को बांट दिया। जिसके विरोध में अंग्रेज हुकूमत ने 10 दिसंबर 1857 को रायपुर के जयस्तंभ चौक पर उन्हें बीच चौराहे पर फांसी दे दी गई।
शहीद वीर नारायण सिंह एक ऐसे देशभक्त और छत्तीसगढ़ के गरीबों के मसीहा प्रथम स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए प्राण न्योछावर कर दिए।
इस अवसर पर आदिवासी युवा छात्र संगठन संभाग दुर्ग जिला बालोद के दुष्यंत नागवंशी, तेजप्रकाश ठाकुर, चेतन ठाकुर, ललित ठाकुर, नीरज मंडावी आदि उपस्थित थे।