BIG.BREAKING- पाररास में करंट की चपेट में आए ठेका कर्मचारी की भिलाई के अस्पताल में मौत, 50 लाख मुआवजा बिना बॉडी ना ले जाने की बात पर अड़े छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के लोग, हंगामा जारी, कल भी होगा प्रदर्शन ,गुस्साए लोगों ने ठेकेदार को तमाचा जड़ा
बालोद/ भिलाई। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल बालोद जिला इकाई के अंतर्गत ठेका कंपनी ए टू जेड आईपीडीएस के कार्यरत श्रमिक महेंद्र साहू निवासी भी जामगांव बालोद ब्लॉक कल पाररास में लाइन सुधारते वक्त करंट की चपेट में आ गया था। जिसे फिर राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। वहां से फिर हालात में सुधार ना आने पर उसे देर रात को भिलाई के हाईटेक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां आज इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है।
मामले की खबर मिलने के बाद भिलाई के छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के पदाधिकारी भी गुस्सा गए और मृतक के परिवार को 50 लाख मुआवजा देने की मांग पर अड़ गए और जब तक मुआवजा नहीं मिलता बॉडी को नहीं ले जाएंगे, इस बात पर मामला गरमा गया। अस्पताल परिसर में ही पदाधिकारी धरने पर बैठ गए तो वही मामले की जानकारी मिलने के बाद कंपनी के अधिकारी व विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी भी पहुंचे। जिस ठेकेदार के अंडर में काम किया था उसे भी बुलाया गया ।जब क्रांति सेना के पदाधिकारियों ने उन्हें घटना के बारे में जानकारी मंगा तो वह गोलमोल जवाब देने लगा। बताया जाता है कि इस दौरान ठेकेदार बीके पाठक को किसी ने थप्पड़ भी जड़ दिया। जिसके बाद उसने गलती स्वीकार की तो वही इस पूरे मामले में बड़ी बात यह सामने आ रही है कि कर्मचारी की मौत के बाद अब अधिकारी खुद के बचाव के लिए अन्य कर्मचारियों पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं। अधिकारी काम शुरू करने से पहले दिए जाने वाले परमिशन की बात से इंकार कर रहे हैं तो वहीं अन्य कर्मचारियों का कहना है कि पाररास में लाइन सुधारने के पहले पार्षद लेखन साहू द्वारा अधिकारी को बताया भी गया था तो खुद गैंग लीडर ने भी जेई मांडले व बिजली ऑफिस में भी फोन करके कहा था कि हम काम शुरू कर रहे हैं। बताया जाता है कि जिस ट्रांसफार्मर को बंद करके काम किया जाना था उसमें डबल सर्किट लगा हुआ था। इसकी जानकारी विभाग के अफसरों द्वारा काम करने वालों को नहीं दी गई। कर्मचारियों द्वारा ट्रांसफार्मर का एक ही सर्किट बंद किया गया था। दूसरा सर्किट चालू रहा। इस धोखे में यह घटना होने की बात सामने आ रही है। जो कि बड़ी लापरवाही का नतीजा है। इधर उचित मुआवजा न मिलने व दोषियों पर कार्रवाई ना होने की स्थिति में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने शासन-प्रशासन व ठेका कंपनी को आंदोलन तक की चेतावनी दे दी है। कल भी इस मुद्दे पर अस्पताल परिसर में प्रदर्शन होना है। तो वहीं अब तक बॉडी को परिजन नहीं ले गए हैं।