इस शख्स ने खुद के खर्चे पर गांव में बना दी इंदिरा गांधी की स्मारक, 1984 में उनके निधन के 2 दिन बाद ही इस गांव में चंदे से स्मारक बनाने रखी गई थी नींव, यादें फिर हुई ताजा

बालोद। गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम सिर्राभांठा के समाजसेवी राजेश कुमार सिन्हा ने नेक पहल की एक और मिसाल पेश की है। उन्होंने अपने गांव के जर्जर  हो चुके इंदिरा स्मारक का जीर्णोद्धार किया है व नए सिरे से निर्माण कर दिया है। लगभग 1985 में स्वर्गीय इंदिरा गांधी की याद में ग्रामीणों के जनसहयोग से आपस में चंदा करके जगन्नाथ सिन्हा के नेतृत्व में इस स्मारक को बनाया गया था। जो कि राजेश सिन्हा के बड़े पिताजी थे। वे कट्टर कांग्रेसी भी थे। 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी के निधन के बाद नवंबर से स्मारक बनाने का कार्य शुरू हुआ था। जनवरी तक स्मारक निर्माण पूरा हुआ था। निधन के दूसरे दिन ही ग्रामीणों ने इस स्मारक बनाने की नींव रख दी थी। पहचान खो रहे वर्षों पुराने स्मारक के लिए समाजसेवी राजेश सिन्हा ने पंचायत प्रशासन से अनुमति मांगी व स्वयं के खर्चे से उसे दोबारा बनवाने की इच्छा जाहिर की। इस पर पंचायत ने सहमति दे दी और देखते-देखते उन्होंने पुराने स्मारक को तोड़वाकर  उसकी जगह नया आकर्षक स्मारक बनवाया है। जिसे सुरक्षा घेरा भी दिया गया है। पुराना स्मारक रखरखाव के अभाव में जर्जर हो चुका था। राजेश सिन्हा ने बताया कि निर्माण पूरा हो गया है। इस स्मारक में टाइल्स लगाने का काम दिवाली में प्रस्तावित है। अभी चारों तरफ स्टील के ग्रिल लगाए गए हैं। जो सुंदर हैं। ग्रामीणों ने भी समाजसेवी की इस पहल की सराहना की है। इंदिरा गांधी की यादों को दोबारा सहेजने के लिए यह गांव आगे आया है। 1984-85 की यादें फिर ताजा हो चलीं हैं।

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