बालोद। केंद्र सरकार द्वारा रासायनिक खाद के मूल्य में किए गए बेतहासा वृद्धि के विरोध में आज एनएसयूआई द्वारा प्रदेश के सभी 9 भाजपा सांसदों को प्रेम पत्र के साथ किसान गमछा भेजा गया।
एनएसयूआई प्रदेश सचिव जितेंद्र पाण्डेय ने बताया कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है राज्य के आधे से अधिक आवादी किसानी पर निर्भर है। एक तरफ कोरोना महामारी से राज्य के किसान मानसिक व आर्थिक रूप से जूझ रहे हैं, ऐसे समय में खाद के दामों में 400 से 700 रुपए तक की वृद्धि होने किसान हैरान हैं। वही जितेन्द्र ने बताया की सत्ता हासिल करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार किसानों से लोकलुभावन वादे कर सरकार में आई और उसके बाद किसानों के साथ दोहरा चरित्र दिखाते हुये किसानो के साथ मोदी सरकार छल कर रही है। देश मे पहली बार रासायनिक खादों के मूल्यों में 40 प्रतिशत से अधिक वृद्धि होने के करण किसान आज खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। एकाएक डीएपी खाद में लगभग 58 प्रतिशत वृद्धि होने के बाद अब डीएपी खाद किसानो को 1200 की जगह 1900 रुपये में क्रय करनी पड़ेगी और वही एनपीके खाद में भी 565 रुपये की वृद्धि होने कारण अब किसानों को यह खाद 1185 की जगह अब 1747 रुपये में क्रय करनी पड़ेगी और इसका सीधा सीधा असर किसानों की आर्थिक स्थिति में होगा है। क्या केंद्र सरकार किसानों के हित को भूल कर उनके साथ छलावा कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा किसानों के साथ हो रहे छलावा को देखते हुए आज NSUI द्वारा राज्य के सभी बीजेपी सांसदों को प्रेम पत्र व किसान गमछा भेज कर खाद के दामों हुये वृद्धि को वापस लेने का आग्रह किया गया। इस दौरान NSUI प्रदेश सचिव जितेंद्र पाण्डेय NSUI जिला संयोजक तिलक देशमुख मौजूद रहे।