मां है तो सबका बचपन अनूठा, निराला है, क्योंकि मां ही तो हर बच्चे की प्रथम पाठशाला है।- इस पंक्ति को सार्थक कर रही हैं सूरजपुर की मीना, जो आज बनी है नायक

“अंगना म शिक्षा एक नई पहल…शिक्षा की नई अलख की शुरुवात…” सूरजपुर-सूरजपुर जिले की शिक्षिका श्रीमती मीना राजवाड़े बनी छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के पढ़ई तुंहर दुआर की *हमारे नायक,*जिनकी सफलता की कहानी लिखी है, राज्य स्तरीय ब्लॉग लेखक विवेक धुर्वे ने

सूरजपुर – *माँ है तो सबका बचपन अनूठा, निराला है, क्योंकि माँ ही तो हर बच्चे की प्रथम पाठशाला है।* अंगना म शिक्षा कार्यक्रम के तहत अपने बच्चों को शिक्षा से जोड़ने किया प्रेरित अंगना में शिक्षा कार्यक्रम के तहत् सूरजपुर की महिला शिक्षिका श्रीमती मीना राजवाड़े ने स्वप्रेरित होकर माताओं को प्रशिक्षित कर विद्यालय आने से पूर्व बच्चों को तैयार करने का उठाया बीड़ा | विवेक धुर्वे राज्य स्तरीय ब्लॉग लेखक ने उक्त शिक्षिका की कहानी सामने लाई है जिन्होंने अपने काम से अपनी पहचान बनाई |कोरोना वैश्विक महामारी के चलते आज सभी आंगनबाड़ी संचालित नहीं हो पा रहे हैं | लिहाजा छोटे बच्चे अपनी पढ़ाई भूलते जा रहे हैं | छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए ‘अंगना म शिक्षा’ योजना की शुरुआत की है | जिससे बच्चे घर पर ही रह कर अपने माता से प्राथमिक शिक्षा ले सकें | जिसे उन्हें स्कूल खुलने पर पढ़ाई करने में परेशानी का सामना ना करना पड़े |

इसी को देखते हुए सूरजपुर जिले की शिक्षिका श्रीमती मीना राजवाड़े ने अपने विद्यालय के गाँव मे जनसमुदाय को जोड़कर सभी माताओ से संपर्क स्थापित करके कोरोना जैसे वैश्विक महामारी के बीच मे अपने बच्चों को घरो में ही शिक्षा की नींव डालने की अनोखी पहल की शुरुआत की | छत्तीसगढ़ में ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ योजना की सफलता के बाद अब आंगनबाड़ियों के छोटे-छोटे बच्चों के लिए भी सरकार ‘अंगना म शिक्षा’ कार्यक्रम चला रही है | कोरोनाकाल में लंबे समय से छोटे बच्चों के स्कूल बंद पड़े हैं |बच्चे घरों में कैद हैं | ऐसे में बच्चों में अनिवार्य शिक्षा की अलख जगाने के लिए ‘अंगना म शिक्षा’ कार्यक्रम कारगर साबित हो रहा है |

अंगना म शिक्षा – अंगना म शिक्षा के अंतर्गत किए गए कार्य-3 से 6 वर्ष के बच्चों को शाला पूर्व तैयारी हेतु माताओं व पालको को विशेष प्रशिक्षण दिया गया और बच्चों का मूल्यांकन किया गया | माता उन्मुखीकरण के द्वारा माताओं को शिक्षा से जुड़े रहने के लिए प्रेरित किया गया और माताएं अपने बच्चों को घर पर ही प्रारंभिक स्तर के जानकारी को अच्छे से बच्चों में सिखा पा रहे हैं | इसी बीच शिक्षिका मीना ने घर घर जाकर अंतिम मूल्यांकन किया गया | अंगना म शिक्षा कार्यक्रम के तहत माताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका प्रेरित होकर कार्य कर रही है, यह के साथ ब्लाक व जिला के शिक्षकों को भी स्वर प्रेरित होकर इस पुण्य काम में जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया वह प्रशिक्षण दिया गया घर-घर जाकर पुराने बोरी पर सहायक T.L.M जैसे वर्णमाला गिनती,चार्ट, ट्रेन, ब्रिज का निर्माण किया गया | माताओं से निरंतर फोन पर संपर्क किया गया और अभी वर्तमान में भी किया जा रहा है |

कोरोना महामारी के विषम परिस्थिति में भी माताएं अपने बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं | ऑनलाइन कक्षा -वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान सीजी स्कूल में वेबेक्स मीटिंग के माध्यम से निरंतर ऑनलाइन क्लास लिया गया | बच्चों को लिंक 1 दिन पहले भेजा जाता था तथा ऑनलाइन क्लास शुरू होने से आधा घंटा पहले व्यक्तिगत रूप से कॉल करके उन्हें क्लास ज्वाइन करने के लिए प्रेरित किया जाता था | इनके द्वारा ऑनलाइन राखी बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया | खिलौना निर्माण का आयोजन किया गया जिसमें बच्चे बढ़ चढ़कर भाग लिये | जिन बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं है, उन्हें कॉन्फ्रेंस कॉल के द्वारा अध्ययन कराया गया | कॉन्फ्रेंस कॉल अध्यापन के समय बच्चों के साथ पालक भी होते थे | सभी बच्चों के घर-घर जाकर निःशुल्क पाठ्य पुस्तक इनके द्वारा पहुंचाया गया | जिन बच्चों को प्रश्न पढ़ने में परेशानी होती थी उनके मोहल्ले में जाकर उन्हें प्रश्नों के उत्तर बताया गया | ऑनलाइन क्लास में सभी बच्चे जोड़ने में सक्षम नहीं होते थे,उसी स्थिति में मोहल्ला क्लास का आयोजन किया गया |
मोहल्ला कक्षा– जिसमें सभी बच्चे कोविड-19 के बचाव को ध्यान में रखते हुए मास्क लगाकर सैनिटाइजर का उपयोग करते हुए और दूरी बनाकर मोहल्ला क्लास संचालित किया गया | यह कार्य विद्यालय के बहुत से शिक्षकों के द्वारा किया गया | मोहल्ला क्लास में एसएमसी सदस्यों द्वारा, पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा, पालकों द्वारा निरंतर सहयोग मिला | मोहल्ला क्लास के दौरान विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, संगीत, चित्रकला, खिलौना बनाना, इंग्लिश स्पीकिंग इत्यादि |

हर प्रतियोगिता में मोहल्ले से पालक को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया जाता है| विशेष कार्य-स्वयं मास्क बना कर वितरण किया गया |गांधी जयंती पर चित्रकला,भाषण,स्वच्छता अभियान, योगा, ऑनलाइन प्रतियोगिता कराया गया जिसमें बच्चे बढ़ चढ़कर भाग लिये | बच्चों को जागरूक करने हेतु स्काउटिंग में राज्य स्तरीय भक्ति गीत प्रतियोगिता का आयोजन मेरे टीम सावित्रीबाई फुले के द्वारा किया गया | कोविड-19 का टीकाकरण हेतु घर-घर जाकर लोगों को प्रेरित कर वैक्सीनेशन सेंटर ले जाया गया | विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को घर जाकर अध्यापन कार्य कराया गया |