बालोद/ रायपुर। आज दिनभर सोशल मीडिया में आबकारी विभाग से संबंधित एक आदेश की कॉपी वायरल हो रही है। जिसमें कहा जा रहा है कि वर्तमान में लॉकडाउन के दौरान मदिरा के विक्रय को प्रतिबंधित किया गया है परंतु समाचार पत्रों व मीडिया रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी के अनुसार मदिरा के अनुपलब्धता के फल स्वरुप मदिरा प्रेमियों के द्वारा अवैध मदिरा के उपभोग के कारण राज्य में लोगों की मृत्यु हुई है तथा जिलों में मदिरा प्रेमियों के द्वारा आत्महत्या किया गया है अथवा आत्महत्या का प्रयास किया गया है। कई मदिरा दुकानों से मदिरा प्रेमियों के द्वारा चोरी कर मदिरा का उपयोग किए जाने के समाचार भी प्राप्त हुए हैं। उपरोक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए भविष्य में होने वाली जान माल की हानि को रोकने की दृष्टि से शासन द्वारा मदिरा दुकानों को प्रारंभ करने की कार्यवाही की जा रही है। इस संबंध में मदद करने के संचालन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश तथा प्रत्यायोजन हेतु समिति गठित करने की बात उक्त आदेश में की गई है। जिसमें 4 लोगों का नाम भी लिखा गया है। यह आदेश जमकर वायरल हो रहा है। खासतौर से मदिरा प्रेमी इसे खूब वायरल कर रहें हैं, क्योंकि उन्हें लग रहा है कि जल्द ही शराब दुकान खुल जाएगी। जब हमने इस आदेश के संबंध में बारीकी से जानकारी ली व आदेश को ध्यान से देखा तो उसमें कुछ त्रुटियां पाई गई। जिससे साबित हुआ कि यह आदेश फर्जी है। आदेश क्रमांक में 2020 लिखा है व तारीख में 14 अप्रैल 2021 यहीं से गड़बड़ी पकड़ में आ रही है तो वहीं एक अधिकारी का नाम जो इसमें लिखा है वह वर्तमान में दुर्ग में पदस्थ ही नहीं है। वही जब हमने इस संबंध में शासन द्वारा इस वायरल पोस्ट को लेकर जारी पोस्ट की तहकीकात की तो यह पता चला कि यह आदेश पूरी तरह से फर्जी है मुख्यमंत्री के डीपीआर से खंडन जारी हुआ है। छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड रायपुर के द्वारा भी खंडन जारी करते हुए कहा गया है कि उक्त आदेश कतिपय अपराधिक मानसिकता से प्रेरित व्यक्ति के द्वारा सोशल मीडिया में वायरल किया गया है। जो पूर्ण रुप से असत्य व फर्जी है। यह पत्र पूर्व के किसी पत्र में हेर फेर कर तैयार किया गया है। ऐसा कोई आदेश छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा जारी नहीं किया गया है। ऐसा फर्जी आदेश पत्र सोशल मीडिया में वायरल करना अपराधिक कृत्य है।
पत्र में उल्लेख अरविंद पाटले वर्तमान में उप महाप्रबंधक दुर्ग के पद पर पदस्थ नहीं है। पत्र के आदेश क्रमांक में 2020 लिखा है जबकि पत्र का दिनांक 14- 4-2021है। ये पत्र पूर्ण रूप से असत्य व फर्जी है। छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के दौरान उक्त आपराधिक कृत्य के लिए दोषियों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई भी की जा रही है।
कुल मिलाकर यह पोस्ट फेक है। हमारी भी अपील है कि इस वायरल पोस्ट को तत्काल रोका जाए व सही जानकारी लोगों तक साझा की जाए।