हाल-बेहाल है – मौत के एक हफ्ते बाद भी नहीं मिल पा रही कोरोना जांच रिपोर्ट! जिन्दा लोगों की तो बात ही छोड़ो,,,,,

बालोद । एक ओर जहां सरकार कहती है कि हम सैंपलिंग बढ़ा रहे हैं और जल्द से जल्द रिपोर्ट भी दे रहे हैं लेकिन सरकार के उन दावों की पोल बालोद जिले के अधिकतर परिवारों के बीच खुलती नजर आ रही है जो एक-एक हफ्ते पहले कोरोना जांच करवाए हैं लेकिन अब तक उनकी जांच रिपोर्ट सामने नहीं है. जिसके चलते उन परिवार के हर सदस्यों का जीना मुहाल होता जा रहा है। जो असमंजस में हैं कि रिपोर्ट में क्या आएगा, कब तक आएगा, अब तक क्यों नहीं आ रहा है? ऐसे कई सवालों से घिरे परिवार के लोग परेशान हैं तो वहीं एक-एक दिन उनके लिए बहुत मुश्किल से गुजर रहा। शासन-प्रशासन की बड़ी लापरवाही सैंपलिंग के बाद रिपोर्ट देने में देरी के रूप में सामने आ रही है। जिसके चलते हर संक्रमित या जो संक्रमित नहीं है पर संपर्क में आने वाले लोग हैं वह भी परेशान हो रहे हैं। तो वही कुछ संदेहवश व सुरक्षा के लिहाज से जांच करा रहे हैं वह भी अब तक रिपोर्ट के इंतजार में हैं। ऐसे कई केस सामने आ रहे हैं जिनका अब तक जांच रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुआ है। किसी को एक हफ्ता हो चुका है तो किसी को उससे भी ज्यादा। इतना ही नहीं कुछ परिवारों में मौत तक हो चुकी है उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट भी अब तक अप्राप्त है। ऐसा ही एक किस्सा है बालोद ब्लाक के ही ग्राम परसदा ज के एक 55 वर्षीय वर्मा राम सोरी की जिनकी लगभग 1 हफ्ते पहले महाराष्ट्र बॉर्डर के एक गांव में संदिग्ध मौत हो गई थी। वे भिलाई बीएसपी में पदस्थ थे। भिलाई से वे एक रिश्तेदार के घर महाराष्ट्र चले गए थे वही उनकी मौत हुई। वहां से उनके शव को लाने के बाद मामला संदिग्ध होने के कारण कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार अंतिम संस्कार हुआ पर अब तक आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं आई है। तो वहीं उनके संपर्क में आने वाले लोगों को होम आइसोलेशन पर रखा गया है। परिवार वालों को अब तक रिपोर्ट का इंतजार है। परिवार के सदस्यों का कहना है कि रिपोर्ट कब तक आएगी डाक्टर और स्टाफ भी नहीं बता पा रहे हैं। बस हम इंतजार कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई लोगों के पास स्रोत ही नहीं होता है कि वह कैसे पता लगाएं की रिपोर्ट कब तक आएगी। या रिपोर्ट जल्दी प्राप्त करने क्या करना पड़ेगा। उनकी कहीं कोई पहुंच तक नही होती ऐसे में बस इंतजार के सिवाय उन ग्रामीणों के पास कोई रास्ता नहीं होता है ऐसे कई परिवार रिपोर्ट के इंतजार में परेशान घरों में कैद हैं। इससे गरीब या मध्यम ही नहीं बल्कि उच्च वर्ग भी प्रभावित है। जिनके यहां भी कोरोना टेस्ट करवा रहे हैं। चाहे उनमें लक्षण हो या ना हो लेकिन उन्हें रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इस तरह की लापरवाही से कई परिवार जूझ रहे हैं। पर शासन प्रशासन है कि व्यवस्था सुधारने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहा है।

चोपड़ा परिवार ने लगाया लापरवाही का आरोप
ऐसा ही एक और मामला बालोद शहर में सामने आया है। जहां पर रहने वाले चोपड़ा परिवार के अमित चोपड़ा ने आरोप लगाया है कि उन्होंने 6 अप्रैल को कोरोना टेस्ट करवाई थी लेकिन आज 1 हफ्ते से ज्यादा दिन बीत गए अब तक उनकी रिपोर्ट नहीं आई है, ना ही उनके परिवार के अन्य सदस्यों की कोई रिपोर्ट आई है। उन्होंने कहा कि लापरवाही की भी एक हद होती है। हमारे परिवार के 25 लोगों ने बिना लक्षण होने के बाद भी अपनी रक्षा के लिए कोरोना टेस्ट करवाया था। 6 अप्रैल को शाम 4 बजे टेस्ट हुआ। आज 13 तारीख हो गई, रिपोर्ट अप्राप्त है।
जिम्मेदार अधिकारी से पूछो तो जवाब देते है 4 अप्रैल तक की रिपोर्ट आई है। इसके बाद मैं 5 दिन रायपुर में व्यतीत किया तो मैंने 7 अप्रैल को और 11 को दुबारा टेस्ट करवाया कि बाहर से आया हूं तो करवा लेता हूं। उसकी भी
आज तक रिपोर्ट का अता पता नहीं है। हमको कोई लक्षण नहीं परंतु इतनी लापरवाही ठीक नहीं है। मेरी बालोद प्रशासन से विनती है कि मेरी बात में गौर करें।

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