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मध्यप्रदेश में लागू है क्रमोन्नति – तो छत्तीसगढ़ में क्यों नही?

राज्य सरकार पुरानी पेंशन बहाल कर सकती है

पुरानी पेंशन नियम को केंद्र के दबाव में लागू किया गया

राज्य सरकार NPS लागू करने बाध्य नही

केंद्र व राज्य में विधायिका को पुरानी पेंशन तो कार्यपालिका को नई पेंशन क्यो?

बालोद । छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन बालोद के जिलाध्यक्ष दिलीप साहू ने बताया कि केंद्र सरकार ने 2004 में पुरानी पेंशन योजना को बंद कर बाजार आधारित नई पेंशन योजना प्रारभ की, तब बताया गया था कि कर्मचारियो को लाभ मिलेगा, लेकिन इसकी सच्चाई को समझते हुए कार्यपालिका के लिए इसे थोपा गया, जबकि विधायिका के लिए पुरानी पेंशन ही रखा गया, कार्यपालिक वर्ग 2004 के बाद बाजार की भेंट चढ़ गए जबकि विधायिका पुरानी पेंशन शुकुन से ले रहे है।

“प्रतिकार दिवस”
छ ग शासन वित्त विभाग द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक 977 के तहत 01 नवंबर 2004 से छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन के स्थान पर नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू किया गया है, जिसके कारण छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने 01 नवंबर को एनपीएस कर्मचारियों के लिए काला दिन बताते हुए प्रतिकार दिवस मनाने की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा है कि “वन नेशन-वन पेंशन, हमारा मिशन – पुरानी पेंशन” का मांग रखते हुए 01 नवंबर को एनपीएस का प्रतिकार दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है।

“अधिकार दिवस”
क्रमोन्नति, पदोन्नत्ति, वेतन विसंगति, अनुकंपा नियुक्ति, लंबित मंहगाई भत्ता के अधिकार, जुलाई से संविलियन के साथ वेटेज का अधिकार प्राप्ति के लिए अधिकार दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है।

“मध्यप्रदेश में लागू है क्रमोन्नति, तो छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं”
01 नवंबर को छत्तीसगढ़ राज्य का गठन एल बी संवर्ग के लिए अभिशाप बन गया है। 5 मार्च 2019 के पदोन्नति नियम के ई व टी संवर्ग के शिक्षकों की पदोन्नत्ति के लिए जानकारी मंगाकर पदोन्नत्ति की तैयारी विभाग कर रहा है परंतु दुर्भाग्य का विषय है कि इसी नियम में एल बी संवर्ग के पदोन्नत्ति के लिए विभाग के सचिव व संचालक मौन है, जबकि एल बी संवर्ग को भी पदोन्नति हेतु शिक्षकीय अनुभव है।

“शिक्षक सत्कार दिवस”
01 नवंबर को शिक्षा कर्मी व्यवस्था का काला अध्य्याय समाप्त होने के कारण शिक्षक सम्मान – सत्कार दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि 1 नवम्बर 2004 को तत्कालीन सरकार ने प्रदेश कर्मचारियो से सलाह के बिना ही केंद्र की दबाव में नई पेंशन योजना लागू कर दिया जबकि राज्य सरकार को इस नियम को अपनाने या लागू करने बाध्य नही थी,जिस प्रकार से पश्चिम बंगाल में पुरानी पेंशन योजना लागू है, छत्तीसगढ़ में भी रखा जा सकता था। उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अपने कर्मचारियो के लिए अब भी पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर सकता है। सरकार ने जनघोषणा पत्र में NPS के स्थान पर OPS लागू करने की बात की है। छत्तीसगढ़ में सभी कर्मचारियो को पुरानी पेंशन बहाली हेतु राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत NOPRUF के नेतृत्व में व छत्तीसगढ़ के प्रदेश संयोजक संजय शर्मा व वीरेंद्र दुबे के साथ सामूहिक संघर्ष करने की आवश्यकता है। दिल्ली राज्य केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण पुरानी पेंशन बहाली का प्रस्ताव केंद्र को भेज चुका है, किन्तु छत्तीसगढ़ राज्य को पुरानी पेंशन बहाल करने का अधिकार है।

छत्तीसगढ टीचर्स एसोसिएशन बालोद की ओर से पुरानी पेंशन बहाली व क्रमोन्नति, पदोन्नति सहित सभी मांग पर निर्णय लेने एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष दिलीप साहू, प्रांतीय संगठन सचिव प्रदीप साहू, जिला संयोजक बीरबल देशमुख, रामकिशोर खरांशु, जिला उपाध्यक्ष शिवकुमार शांडिल्य, वीरेंद्र देवांगन, संतोष देवांगन, कामता प्रसाद साहू, मोहन लाल तारम, जिला सचिव नरेंद्र कुमार साहू, जिला कोषाध्यक्ष पवन कुमार कुम्भकार, जिला मीडिया प्रभारी रघुनंदन गंगबोईर, महासचिव बीएन योगी, शेषलाल साहू, नीलेश देशमुख, राजेश चंद्राकर, संजय ठाकुर, महामंत्री ईश्वर लाल लेण्डिया, तुकाराम साहू, हल्लू राम सहारे, आनंद गहरवार, लालमणि साहू, सहसचिव नितीन सोनबरसा, जगत राम साहू, तीरथ राम साहू, अरविंद सोनी, सच्चिदानंद शर्मा, संगठन मंत्री सुरेश कुमार बंजारे, रिखी ध्रुव, दुर्गेश कुमार साहू, कुंदन बघेल, अजीत ठाकुर, संगठन सचिव तरूण कुमार टांडिया, रोमन साहू, डुलू राम साहू, रामकुमार साव, धर्मेन्द्र कुमार श्रवण, प्रचार सचिव युवराज गंधर्व, धनसिंग कौमार्य, नरेंद्र कुमार रजक, गमनेश्वर तारम, संयुक्त सचिव रामस्वरूप साहू, बालाराम निषाद, महेंद्र कुमार देशमुख, शरद यादव, भरत कृपाल, प्रचार मंत्री ईश्वर बघेल, रामसिंह ठाकुर, धनराज साहू, चंद्र शेखर तिवारी, सोमन लाल नागवंशी, जिला सलाहकार केशुरिया सोनकर, रविंद्र बडतिया, जगेश्वर गुरूपंच, हेमलाल सहारे, बिहारी राम खरे, कांतु राम पटेल, संजय शुक्ला, नंदकिशोर यादव, मिलन सिन्हा, हेमंत कुमार हिरवानी, नरेश नागवंशी, ब्लाक अध्यक्ष बालोद लेखराम साहू, डौंडी ब्लाक अध्यक्ष गजेंद्र रावटे, डौंडीलोहारा अध्यक्ष माधव साहू, गुंडरदेही अध्यक्ष राजेन्द्र देशमुख, गुरूर अध्यक्ष सूरज गोपाल गंगबेर, ललिता यादव प्रांतीय महिला प्रतिनिधि, नीता बघेल जिला प्रतिनिधि सहित महिला मोर्चा के सभी प्रतिनिधियों ने मांग की है ।

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