एक नाम ऐसा भी – “कार वाले गुरु जी” के नाम से फेमस शिक्षक पर स्कूल शिक्षा विभाग ने बनाई शॉर्ट फिल्म, हुई रिलीज, इधर कलेक्टर ने भी सम्मानित करके बढ़ाया हौसला
आप भी देखिये वह वीडियो क्लिक करें निचे दी गई लिंक पर
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बालोद /जगन्नाथपुर। जगन्नाथपुर के साहू समाज भवन में कई महीनों से मोहल्ला क्लास लगाकर कक्षा 12वीं वाणिज्य संकाय के बच्चों को पढ़ाने वाले व्याख्याता विवेक धुर्वे को शुक्रवार को कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने सम्मानित किया। इसके अलावा उनके शैक्षणिक गतिविधियों पर आधारित शॉर्ट फिल्म भी शुक्रवार को स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से रिलीज की गई।
इस वीडियो को स्कूल शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन बालोद द्वारा अपने फेसबुक पेज पर भी पोस्ट की गई है। इस पोस्ट के जरिए व्याख्याता विवेक को कार वाले गुरुजी की संज्ञा दी गई है। दरअसल में इस नाम संज्ञा के पीछे कहानी यह है कि गांव सहित पूरे स्कूल में कार वाले गुरुजी के नाम से जाने जाते हैं। जब वे कार में अपने स्कूल आते थे तो शिक्षक को बच्चे इसी नाम से संबोधित करते थे। फिर उन्होंने सोचा कि मोहल्ला क्लास में इस कार को इस्तेमाल क्यों न किया जाए। और उन्होंने कार को ही वर्चुअल क्लास का रूप दे दिया और इसी के जरिए साहू समाज के भवन के बाहर अपने कार के जरिए भी बच्चों को पढ़ाते हैं। उनके इस प्रयास को जिला प्रशासन ने काफी सराहा और स्कूल शिक्षा विभाग ने भी उन पर प्रेरणाप्रद शॉर्ट फिल्म बनाई गई।
जिसे 5 फरवरी को ही जारी किया गया। बता दे कि कोरोना काल में लगातार व्याख्याता विवेक धुर्वे मोहल्ला क्लास को महत्व देते रहे। आज स्थिति यह है कि उनका कोर्स पहले से ही पूरा हो चुका है और वह बच्चों को रिवीजन करवा रहे हैं। पूरे सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए उक्त मोहल्ला क्लास लगाया जाता है। व्याख्याता विवेक सांकरा ज हायर सेकेंडरी स्कूल में पदस्थ हैं।
कलेक्टर ने बढ़ाया हौसला, बोले स्टेट से भी बुलावा आ सकता है
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान सम्मान के बाद कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने व्याख्याता विवेक धुर्वे का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आपका काम सराहनीय है। आप तो पूरे छत्तीसगढ़ में कार वाले गुरु जी के नाम से फेमस हो गए।
जल्द ही आपको स्टेट से भी बुलावा आ सकता है। इसके लिए तैयार रहिए और अच्छा मेहनत करते रहिए। कलेक्टर ने अन्य शिक्षकों को भी उनसे प्रेरणा लेने की बात कही। तो वही डीईओ आरएल ठाकुर ने भी व्याख्याता के कार्यों को सराहाते हुए कहा कि सांकरा ज की एक दिव्यांग छात्रा रागिनी साहू को भी यही पढ़ाते हैं और रागिनी जो अजीबोगरीब दिव्यांगता से ग्रसित है, की सफलता की कहानी भी इन्होंने लिखी थी। जो कि पढ़ाई तुंहर दुआर पोर्टल में राज्य स्तर पर हमारे नायक के रूप में प्रकाशित हुई थी। ज्ञात हो की समय-समय पर “डेली बालोद न्यूज़” ने भी उनकी पहल व प्रयासों को प्रकाशित किया था….