अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष: “नशा सिर्फ शराब का नहीं होता” स्लोगन के साथ महिला कमांडो कर रही अन्य बुरे व्यसनों से भी लोगों को दूर रहने के लिए प्रोत्साहित

जुआ, सट्टा, शराब और शबाब की लत से हो रही लोगों की जिंदगी खराब
पद्मश्री शमशाद बेगम ने कहा: बुरी आदतों को कहिए ना!
महिला कमांडो की अपील: प्रलोभन और भ्रामक विज्ञापन से भी रहिए सावधान, सरकार और शासन प्रशासन को भी उठाना चाहिए उचित कदम
बालोद। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च के इस अवसर पर हम बालोद जिले सहित छत्तीसगढ़ में सक्रिय महिला कमांडो के कुछ विशेष कार्यों का जिक्र कर रहे हैं। जो कई वर्षों से समाज सुधार और नशा मुक्ति के क्षेत्र में कार्य कर रही है। हाल ही में महिला कमांडो टीम की प्रमुख पद्मश्री शमशाद बेगम द्वारा “नशा सिर्फ शराब का नहीं होता है” इस स्लोगन के साथ लोगों के बीच नशे के विभिन्न रूपों और लत के प्रति जागरूक करने और सजग करने समाज सुधार की पहल शुरू की गई है। ताकि सिर्फ शराब ही नहीं बल्कि अन्य तरह के बुरे व्यसनों से लोग आजाद हो सके और एक स्वच्छंद और स्वस्थ जीवन जी सके। आज नशा सिर्फ शराब का नहीं बल्कि जुआ सट्टा सहित अन्य बुरे व्यसनों का भी होने लगा है। जिससे समाज में बुराइयां पनप तो रही है नैतिकता का पतन हो रहा। तो आसामाजिक तत्वों के द्वारा कई बुरी घटनाओं को अंजाम भी दिया जाता है।

गांव स्तर पर एक स्पेशल पुलिस की भूमिका निभाते हुए महिला कमांडो अपने गांव में आसामाजिक तत्वों पर नियंत्रण करने का प्रयास कर रही है तो वही समाज सुधार की दिशा में भी काम कर रही है। इस पहल के तहत के गांव में महिला कमांडो जहां निर्धन बच्चों खासकर बेटियों की शिक्षा के लिए आर्थिक मदद करती है तो समय-समय पर शासन की योजनाओं से भी लोगों को अवगत कराती है। कोरोना काल की बात आती है तो लोगों को मास्क पहनाने सहित स्वास्थ्य के प्रति जन जागरूकता में भी बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी दिखाती है। तो वही विपरीत परिस्थितियों की बात हो या बड़े आयोजन में कानून व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण आदि में भी अपनी अहम भूमिका निभाती हैं।
हमारे पास हिम्मत है नशा मत करना : पद्मश्री शमशाद बेगम
पद्मश्री शमशाद बेगम कहती है कि महिला कमांडो सामाजिक बुराइयों का खात्मा, अच्छाइयों को प्रोत्साहित करने तथा शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने हेतु योग्य व्यक्ति को उसका लाभ मिल सके इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु महिला कमांडो के लिए 2006 से ग्राम और शहरों में तेजतर्रार सेवाभावी कर्मठ महिलाओं को चिन्हित किया गया था। जो लगातार अपने कार्यों का निर्वहन करते हुए आ रही है। यह निस्वार्थ भाव से गांधीवादी तरीके से अपने कार्यों को पूरा करने का प्रयास करती है।
रोज करते हैं अपने गांव में गस्त, नशा बंदी के साथ जुआ सट्टा पर भी है पाबंदी
जागेश्वरी देशमुख महिला कमांडो पापरा कहती है हम लोग रोज अपने गांव में गस्त करते हुए लोगों को जागरूक रहने तथा नशा पान नहीं करने की समझाइश देती हैं। जिससे प्रभावित होकर गांव के बड़े बुजुर्गों का साथ भी हमें मिलने लगा है। हमारे गांव में ताश जुआ सट्टा बिल्कुल बंद है। नशा पान बहुत कम लोग करते हैं। जो बचे हैं वह भी जल्द से जल्द बंद कर देंगे।
नशे या लत के प्रलोभन और दुष्प्रेरित करने वाले विज्ञापन से रहिए सावधान, सरकार को भी देना चाहिए इस दिशा में ध्यान
पापरा की महिला कमांडो यामिनी देशमुख कहती है नशा नाश की जड़ है। नशा सिर्फ ताश जुआ सट्टा का नहीं होता है। आज टीवी चैनलों में तरह-तरह के विज्ञापन दिखाए जाते हैं। जिन फिल्मी कलाकारों को हम अपना आदर्श मानते हैं वह भी चैनलों पर नशापान करते या गलत चीजों का प्रचार करते दिखते हैं। तो वही एक बड़ा उदाहरण क्रिकेट जैसे खेलों में हमारे पसंदीदा खिलाड़ी विज्ञापन करते हैं। जिसमें सट्टा लगाकर पूरा परिवार बर्बाद हो जाता है। हमें यह सोचना समझना है कि क्या गलत है क्या सही है। वहीं शासन प्रशासन और सरकार को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए कि टीवी चैनलों या कोई भी प्रचार के माध्यम पर गलत चीजों को बढ़ावा न दिया जाए
ताकि समाज गलत दिशा में न जाए। खासकर जिन्हे हम आदर्श मानते हैं उनके द्वारा गलत चीजों को कतई बढ़ावा ना दिया जाए। वरना इसका काफी बुरा असर समाज में पड़ता है।
कोरोना काल में भी नहीं थमा था समाज सेवा के कार्य
पद्मश्री शमशाद बेगम कहती है कोरोना काल में भी महिला कमांडो का कार्य जारी रहा। वे लोग सावधान रहने की सलाह देती रही। जिला प्रशासन के द्वारा स्थापित अनाज बैंक में घर-घर जाकर अनाज एकत्र कर 110 क्विंटल चावल, 110 क्विंटल दाल और 35000 रुपए जरूरतमंदों की मदद के लिए अनाज बैंक में जमा करवाए थे। ऐसी विषम परिस्थिति में भी यह कमांडो अपनी जान की परवाह किए बिना अपना कार्य करती रही। महिला कमांडो आज जहां भी सक्रिय है, अपना कार्य पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कर रही। रोज गस्त में निकलना और लोगों को जागरूक करना उनकी दिनचर्या में शामिल है। उन्होंने सभी से अपील किया कि नशापान, ताश जुआ सट्टा मत खेलिए। इससे आपके घर से सुख शांति और समृद्धि चली आती है। महिलाओं को मान सम्मान जरूर दीजिए। हम शासन प्रशासन से भी अपील करते हैं कि नशे की रोकथाम के लिए लगातार कार्रवाई जारी रखें। चाहे जुआ सट्टा शराब हो या कोई भी व्यसन हो, समाज के लिए जो घातक है उन पर अंकुश लगाना जरूरी है। शराबबंदी की दिशा में भी सरकार को पहल करनी चाहिए। तो नशा मुक्ति के अभियान में शासन प्रशासन को सबको साथ लेकर लोगों को सही रास्ते पर लाने की मुहिम चलानी चाहिए। ताकि घर परिवार और बाहर सब जगह महिलाएं सुरक्षित रहे और वास्तव में हम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के महत्व को सार्थक कर सके। महिला कमांडो अपने स्तर पर समाज सुधार और नशा मुक्ति के लिए भरसक प्रयास कर रही है।
घरेलू हिंसा की रोकथाम के लिए भी कर रहे काम, कमांडो चला रही विशेष जागरूकता अभियान
बालोद जिले में घरेलू हिंसा की रोकथाम को लेकर बनी जिला स्तरीय स्थानीय शिकायत समिति के अध्यक्ष और महिला कमांडो प्रमुख पद्मश्री श्रीमती शमशाद बेगम ने बताया सभी जिले में महिला कमांडो द्वारा घरेलू हिंसा की रोकथाम के साथ-साथ “नशा सिर्फ शराब का नहीं होता” इस थीम पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान नशे के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए लोगों को सचेत किया जा रहा है। महिला कमांडो की प्रमुख पद्मश्री शमशाद बेगम ने कहा कि आज नशा सिर्फ शराब तक सीमित नहीं है। लोग जुआ सट्टा आदि की लत के भी शिकार हैं तो वही अश्लीलता और पोर्न वीडियो की लत से भी युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। इंटरनेट पर भरे पड़े गंदे वीडियो के वेबसाइट से बच्चों तक भी आसानी से अश्लीलता परोसी जा सकती है। जिससे यौन अपराध बढ़ रहे नाबालिग बच्चों के साथ अपहरण दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही। तो साइबर क्राइम भी बढ़ रहें हैं। चंद पैसों के लालच में ज्यादा कमाने के चक्कर में लोग अपनी जमा पूंजी भी गंवा बैठते हैं। जुआ सट्टा के चलते लोग लाखों गंवा बैठते हैं और परिवार बर्बाद हो जाता है। इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए महिला दिवस के पहले से ही महिला कमांडो पूरे जिले में “नशा सिर्फ शराब का नहीं होता” इस उद्देश्य और स्लोगन के साथ एक जागरूकता अभियान शुरू की है।