पद्मश्री से सम्मानित कलाकार डोमार सिंह कुंवर के घर पहुंची विधायक संगीता सिन्हा, दी प्रत्यक्ष बधाई, जानिए डोमार जी के अब तक की जीवन यात्रा
बालोद। ग्राम लाटाबोड़ के रहने वाले नाचा कलाकार डोमार सिंह कुंवर को विगत दिनों राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री से सम्मानित किया है। इस उपलब्धि पर बालोद जिले का गौरव बढ़ाने के लिए बालोद विधायक संगीता सिन्हा मंगलवार को लाटाबोड़ पहुंची और कलाकार डोमार सिंह कुंवर से भेंट कर उन्हें प्रत्यक्ष बधाई दी और उनके सुखद जीवन की कामना की। इस मुलाकात के दौरान कलाकार डोमार सिंह ने अपने पद्मश्री पुरस्कार को भी दिखाया और अपनी अब तक की कला जगत की यात्रा के बारे में भी जानकारी दी। इस दौरान प्रमुख रूप से विधायक प्रतिनिधि कमलेश श्रीवास्तव, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष चंद्रेश हिरवानी, रोहित सागर, शंभू साहू आदि मौजूद रहे।
जानें कलाकार डोमार सिंह कुंवर के बारे में
डोमार सिंह कुंवर 12 साल की उम्र से मंचों पर नाचा का प्रदर्शन करते रहे हैं। वे विलुप्त होती छत्तीसगढ़ी हास्य गम्मत नाचा कला विधा को जीवित रखने के लिए पिछले 47 सालों से काम कर रहे हैं। बालोद ब्लॉक के ग्राम लाटाबोड़ निवासी 74 साल के डोमार सिंह कुंवर ने नाचा गम्मत को न सिर्फ जिया, बल्कि अपने स्कूल से लेकर दिल्ली समेत कई मंचों पर अपनी प्रतिभा का लोहा भी मनवाया। अब वे नाचा गम्मत और संस्कृति की अनोखी विरासत को छोटे बच्चों को सिखाकर इसे सहेजने का प्रयास कर रहे हैं। डोमार सिंह छत्तीसगढ़ के अलावा देशभर में 5 हजार से ज्यादा मंचों पर प्रस्तुति दे चुके हैं। इसके अलावा प्रेरणादायक लोक गीत, पर्यावरण, नशामुक्ति, कुष्ठ उन्मूलन के गीत भी लिख चुके हैं।
एक्टर, गम्मतिहा के साथ फिल्म डायरेक्टर भी हैं
डोमार सिंह नाचा गम्मत की प्रस्तुति के साथ ही 150 से ज्यादा प्रेरणादायक गीत भी लिख चुके हैं। इसके अलावा मन के बात मन म रहिगे जैसी तीन छत्तीसगढ़ी फिल्म का निर्माण और उसमें काम भी कर चुके हैं। इनके लिखे गानों की प्रस्तुति आकाशवाणी एवं नाचा का प्रसारण बीबीसी लंदन से भी ब्रॉडकास्ट हो चुका है।
कार्यशाला भी करते हैं आयोजित
डोमार सिंह कुंवर ने छत्तीसगढ़ राज्योत्सव, राजिम कुंभ, दिल्ली सहित देश के लगभग हर राज्यों में नाचा की प्रस्तुति दी है। अब नाचा लुप्त न हो जाए, इसलिए 10 साल से जगह-जगह कार्यशाला आयोजित कर 100 से अधिक छोटे बच्चों को नाचा और लोकगीत सिखा रहे हैं। साथ ही उसकी बारीकी और महत्व भी बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब वे नाचा की प्रस्तुति करते हैं, तब कार्यक्रम के अंत में सभी को शराब से बचने और अपराध नहीं करने का संकल्प दिलवाते हैं।