सामाजिक समरसता के लिए करें शक्ति का उपयोग-जगदीश देशमुख
दरबारी नवागांव में मनाई गई शक्ति दिवस
बालोद।पांच तत्व पृथ्वी ,जल ,अग्नि, वायु और आकाश से मनुष्य शरीर का निर्माण हुआ है ।ये ब्रह्मांड की सबसे बड़ी शक्तियां है। जो उपहार के रूप में मनुष्य को मिला है ।इसी शक्ति से हम मनुष्य और प्रकृति से परिचित हो रहे हैं। इसी शक्ति से मानव धर्म, विज्ञान और प्रकृति विज्ञान का आविष्कार किए। एक ही शक्ति से हम अनेकानेक शक्तियों से परिचित हो रहे हैं लेकिन समाज और राष्ट्र को संगठित करने के लिए सामाजिक समरसता की शक्ति सबसे बड़ी शक्ति है। जिससे हम उन्नति के शिखर पर पहुंच सकते हैं। 1857 में आजादी के विद्रोह के पहले सन 1825 में परलकोट के जमींदार हल्बा हल्बी समाज के पुरोधा गैंदसिंह नायक छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद थे। जिनकी शहादत हमें त्याग और उत्सर्ग की प्रेरणा देता है। समाज द्वारा आयोजित शक्ति दिवस के अवसर पर जिले के वरिष्ठ साहित्यकार, दूरसंचार विभाग भारत के सलाहकार सदस्य जगदीश देशमुख ने मुख्य अतिथि की आसंदी से व्यक्त किए । कार्यक्रम का अध्यक्षता के.आर भंसारे ने किया ।विशिष्ट अतिथि के.एल. निर्मलकर ,बहुर सिंह भोयर,फागूराम बढ़ई, दूरदेशी उर्वशा ने की कार्यक्रम में भगवान सिंह ठाकुर , दयालु राम भंडारी ,पुरुषोत्तम ठाकुर ,लक्ष्मण मसिया, नारायण भुआर्य,ओमिन निर्मलकर ,बरातू राम, सोहन ठाकुर सहित बड़ी संख्या में समाज प्रमुख उपस्थित थे ।मुख्य अतिथि ने विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया ।कार्यक्रम का संचालन रेवाराम उर्वशा ने किया।