नाबालिग को हैदराबाद ले जाकर दुष्कर्म, आरोपी को मिला दस वर्ष का कारावास
बालोद। मुकेश कुमार पात्रे विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) बालोद (छ.ग.) के द्वारा आरोपी जनक लाल उर्फ मनहरन निवासी मालीघोरी को भादवि की धारा 363 के आरोप में तीन वर्ष का सश्रम कारावास व 1000/- रू० अर्थदण्ड, धारा 366 के आरोप में पांच वर्ष का सश्रम कारावास 2000/- रू० अर्थदण्ड तथा भा.द.वि. की धारा 376 व संरक्षण अधिनियम की धारा 4 के आरोप में दस वर्ष का सश्रम कारावास व 3,000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। छन्नू लाल साहू, विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) के अनुसार पीड़िता के जीजा द्वारा दिनांक 05 मई 2019 को थाना बालोद आकर रिपोर्ट दर्ज कराया था कि घटना 3 मई 2019 के रात्रि 11 बजे उनकी नाबालिग साली को कोई अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला-फुसलाकर भगाकर कहीं ले गया है। सहायक उप निरीक्षक होलसिंह भुवाल के द्वारा पीड़िता के जीजा के बताये अनुसार अभियुक्त अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 363 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया गया था। तत्पश्चात् संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के खिलाफ अपराध पाये जाने पर अभियोग पत्र विचारण न्यायालय में दिनांक 23 जुलाई.2019 को अपराध अंतर्गत संहिता की धारा 363, 366 376 (2) (ब)) भा.द.व तथा संरक्षण अधिनियम की धारा 4. 5(ठ), 6 के तहत प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान पुलिस वाले आरोपी के मोबाईल नंबर को ट्रेस कर आरोपी को हैदराबाद में झोपडपट्टी में मिले। पुलिस वाले आरोपी व पीड़िता को अपने साथ लेकर थाना आये। पीड़िता का कथन लिया गया जहां पीड़िता ने बतायी कि उसकी सहमति से आरोपी और वह हैदराबाद गये थे। जहां एक झोपड़ी में रखे थे। जहां मुझे नाबालिग जानते हुए शादी का प्रलोभन देकर मेरे साथ लगातार दुष्कर्म किया एवं हैदराबाद में रहने के दरमियान वह किसी से भी आरोपी की शिकायत नहीं की थी। परन्तु उपरोक्त स्वीकारोक्ति का कोई लाभ अभियुक्त को नहीं दिया गया। क्योंकि नाबालिग स्त्री की सहमति महत्वहीन होती है। उक्त आधार पर आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।