सच्चा और झूठा कौन?सुरेगांव थाना प्रभारी पर एक युवक ने लगाया मारपीट का आरोप, प्रभारी ने बताया उसे सट्टा खाईवाल, एक आदमी द्वारा शिकायत के दो आवेदन में है दो अलग-अलग बातें….. पढ़िए पूरी कहानी,,,
सुप्रीत शर्मा/ कमलेश वाधवानी, बालोद। एक बार फिर बालोद जिले में खाकी पर उंगली उठने वाली घटना सामने आई है। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है ये अभी जांच का विषय है। क्योंकि मामला गंभीर है। आरोप सच है या झूठ यह जांच में साबित तो होगी। पर जिस तरह के आरोप लगे हैं उससे पुलिस प्रशासन की छवि पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है। मामला सुरेगांव थाना का है ।
जहां के प्रभारी अमित तिवारी पर एक युवक ने मारपीट करने का आरोप लगाया है ।साथ ही उससे एक लाख रुपए की डिमांड का भी आरोप लगाया गए हैं। वही इस आरोपों पर थाना प्रभारी अमित तिवारी ने कहा है कि आरोप लगाने वाले व्यक्ति सट्टा खाईवाल है और हमने कार्यवाही की थी तो झूठा आरोप लगाकर पुलिस को बदनाम किया जा रहा है।
एसपी के नाम से दो-दो आवेदन
सोशल मीडिया पर प्रार्थी के द्वारा एसपी के नाम से दिए गए आवेदन भी वायरल हुए हैं.। जो संदेहजनक है। शनिवार को सामने आए आवेदन में प्रार्थी ने अपनी पीड़ा बताते हुए लिखा है कि वह एक ठेकेदार के अधीन जेसीबी चलाने का कार्य करता है और ठेकेदारी कार्यक्षेत्र इलाके में चलने की एवज में पुलिस द्वारा पैसे की मांग की जा रही थी। तो वहीं उसी के नाम से ही दूसरे आवेदन जिसमें उसका हस्ताक्षर नहीं है, मैं यह जिक्र किया गया है कि उसका मालिक सट्टा लिखता है और सट्टा लिखने के एवज में पुलिस ने पैसे की मांग की थी। दोनों आवेदन एक दूसरे के विरोधाभासी हैं। ऐसे में मामला संदेह प्रद है। आखिर सच्चाई क्या है। प्रार्थी द्वारा शिकायत के बाद पुलिस द्वारा मामले की जांच भी की जा रही है।
आवेदन में इस तरह के आरोप
आरोप लगाया गया है कि सुरेगांव पुलिस ने मांगी गई रकम नही देने पर थाना में ग्राम सुरसुली के टुमनलाल साहू को बेदम पीटा है। उसके पास रखे 8700 रूपये लूट लिए एवं उसे शराब एवं गांजा के केस मे जेल भेजने की धमकी दी। केस नही बनाने के लिए एक लाख की मांग तथा राशि देना कबूला तब उसे थाने से जाने दिया गया। पुलिस कर्मियो ने युवक को इतना पीटा कि उसे गंभीर हालत मे अस्पताल मे भर्ती करना पड़ा। अस्पताल मे युवक जीवन मौत के बीच सघर्ष कर रहा है। युवक एवं उनके परिजनो को उस पर जानलेवा हमले की आशंका है। इधर कहा जा रहा है कि पीड़ित की हालत बेहद चिन्ताजनक है। उसका भिलाई के एक निजी अस्पताल मे इलाज चल रहा है, 15 दिसंबर को की गई मारपीट एवं पुलिस कर्मियो द्वारा दी गई कथित धमकी के बाद से युवक एवं उसके परिजन घबराएं हुएं है, वह सारी रात दर्द एवं भय के कारण नही सो सका है, युवक का ईलाज कर रहे डॉक्टरो ने बताया कि युवक के शरीर के पीछे हिस्से में जख्म के निशान है एवं उसे अंदरूनी चोट भी लगी है, युवक की स्थिति नाजूक है। टुमनलाल साहू ने लिखित बयान मे बताया है कि वह ठेकेदार के पास काम करता है, सुरेगांव थाना प्रभारी अमित तिवारी ने ठेकेदारी व जेसीबी चलाने के काम करने के बदले ठेकेदार से दो माह की बकाया राशि की मांग की। युवक ने बताया कि मेरे बार बार मना करने के बाद भी थाना प्रभारी मुझपर रूपये लाने का दबाव बना रहा था, मैने असमर्थता व्यक्त की तो थाना प्रभारी एवं उनके अन्य पुलिस कर्मियो ने मुझे बहुत मारा। पुलिस वालो ने मुझे एवं मै जिसके पास काम करता हूं उसे भी शराब एवं गांजा के मामलो मे फंसाने की धमकी दी एवं पुलिस कर्मियो को दोनो के लिए 4 पेटी शराब एवं गांजा की व्यवस्था करने कहा। जिससे मै बेहद डर गया एवं एक लाख देने को तैयार हो गया।
क्या बोले थाना प्रभारी
इन आरोपों पर जब हमने थाना प्रभारी सुरेगांव अमित तिवारी से बात की तो उन्होंने आरोपों से इनकार किया। उनका कहना कि हमने किसी तरह से मारपीट नहीं की है। आरोप लगाने वाला कहां से कहानी गढ़ रहा है यह वही जाने। हमने उसे थाने बुलाया था क्योंकि उस दिन हमने एक सट्टे के केस में कार्रवाई की थी। जिसमें आरोप लगाने वाला व्यक्ति ही जमानतदार था। जमानत के बाद उसे छोड़ दिया गया था। उसने दो तरह का आवेदन बनाया है। जिसमें वह अपने मालिक को सट्टा लिखने वाला बता कर सट्टा लिखने के बदले पुलिस द्वारा पैसे की मांग करने का जिक्र किया है। दूसरे आवेदन में वह बता रहा है कि उसका मालिक ठेकेदार है और वह जेसीबी चलाता है। जिसके एवज में पैसे की डिमांड की जा रही थी ।इससे पता चलता है कि पुलिस को बदनाम किया जा रहा है। विभागीय जांच के लिए मैं तैयार हूं। मुझ पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है। आरोप लगाने वाला देवरी क्षेत्र में सट्टा का बड़ा खाईवाल है।