छत्तीसगढ़ी राजभाखा दिवस पर एनटीसीएफ जिला बालोद द्वारा छत्तीसगढ़ी राजभाखा काव्योत्सव का हुआ आयोजन
बालोद। नावल टीचर्स क्रिएटिव फाउंडेशन जिला बालोद के तत्वधान में छत्तीसगढ़ी राजभाखा दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ी राजभाखा काव्योत्सव कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन किया गया। छत्तीसगढ़ी राजभाखा काव्योत्सव कार्यक्रम अरुण साहू अध्यक्ष एनटीसीएफ बालोद के संयोजन एवं अध्यक्षता में हुआ। तथा कार्यक्रम प्रभारी केसरीन बेग के नेतृत्व में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना हिम कल्याणी तथा राज गीत बिंदिया रानी गंगबेर से हुआ।
राजभाखा काव्य उत्सव में सबसे पहले शिवकुमार अंगारे छत्तीसगढ़ी भाखा बोली मा सुन ले गुत्तूर हे भाखा मोर गांव के काव्य रचना प्रस्तुत की।तत्पश्चात सुमा मण्डल ने श्री राम कथा छत्तीसगढ़ी में काव्य रचना तथा टी एस पारकर ने हम छत्तीसगढ़ महतारी हम लईका तोर चिन्हारी काव्य रचना प्रस्तुत किये इसी क्रम में विमला तथा शैलेश चेलक ने झनकर अभिमान रे काया चार दिन के हे माया काव्य रचना हमारे बीच रखे। अरुण साहू अध्यक्ष एनटीसीएफ जिला बालोद छत्तीसगढ़ी भाखा बोली की विशेषता बताते हुए कहे कि छत्तीसगढ़ी भाखा हमर पहचान हरे हमन ला हर जगह छत्तीसगढ़ी भाखा के उपयोग करना चाहि चाहे वह घर,स्कूल,बाजार, ऑफिस हो।तत्पश्चात उन्होंने अपने काव्य रचना चंदन कस माटी मा चहकत हे मोर प्राण प्रस्तुत किये। कार्यक्रम प्रभारी कैशरीन बेग ने कार्यक्रम का संयोजन किया।अंत में अपनी काव्य रचना आजकल के रहन-सहन मा रीति-रिवाज नंदा गे हे ना की प्रस्तुति देते हुए आज के कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती हर्षा देवांगन द्वारा किया गया। उपरोक्त कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन टी एस पारकर द्वारा किया गया।