लंपी वायरस से गाय बछड़ों की तस्करी थमी तो तस्करों ने किया भैंस तस्करी का कारोबार , बालोद जिले में भी घटनाएं बढ़ी, हिंदसेना ने की कलेक्टर से शिकायत
बालोद। लंपी वायरस को देखते हुए गाय बछड़े के बिक्री के बाजार को बंद कराया गया है। जिले में भी लंपी के कई केस के चलते यहां के बाजार बंद है। लेकिन इसके बावजूद मवेशी तस्करी का बाजार गर्म बना हुआ है। गाय बछड़ा नहीं सही तो भैंसों को निशाना बनाया जा रहा है। बड़ी संख्या में बालोद जिले से भैसों की तस्करी महाराष्ट्र से ओडिसा की ओर हो रही है। महाराष्ट्र के तस्कर अब जिले के ग्रामीण क्षेत्र दस्तक दे रहे। राजनांदगांव जिले से लगे हुए बालोद जिले के गांव में इस तरह की शिकायत ज्यादा आई है। जहां पर गाय बैलों की तरह एक साथ भैसों को भी बांधकर तस्करी की जाती है। इस संबंध में एक वीडियो भी सामने आया है। जिस के आधार पर समाज सेवी संगठन हिंद सेना ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर ऐसे तस्करों पर कार्यवाही की मांग की है। हिंद सेना के प्रदेश मुख्य संयोजक तरुण नाथ योगी ने बताया कि तस्करों ने जैसे आपदा में भी अवसर तलाश लिया है और गाय के स्थान पर भैंसों की तस्करी शुरू कर दी है। इस पर जल्द से जल्द रोक लगा देनी चाहिए और संबंधित लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। ज्ञापन में कहा गया है कि हैं भैंस के अवैध तस्करी रोकने कार्रवाई हो। मवेशियों में लम्पी बीमारी के चलते छत्तीसगढ़ में मवेशियों का बाजार सरकार द्वारा बंद कर दिये गए हैं। लेकिन आमगांव महाराष्ट्र से भैंस तस्करों द्वारा भैसों को लाकर तस्करी कर रहे हैं। बगतरई, बोरझरा, खपरी, डोंगीतराई, भानपुरी, माहुद, कोंगनी, मटिया, बगउद, करगाडीह आदि गांव में अवैध तस्करी का कार्य जोरों पर है। जो कि राजनादगाव होते हुए तिरगाझोला, खेरथा के रास्ते होकर बालोद जिले में लाकर तस्करी कर रहे हैं। जिसे गाड़ियों में भरकर बस्तर होते हुए उड़ीसा तस्करी किये जा रहे हैं। समाजसेवी संगठन हिन्द सेना ने मांग किया कि अवैध रूप से हो रही तस्करी पर रोक लगायी जाए और इस कार्य में लगे हुए तस्करों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए।