भतीजी के जन्मदिन पर केक पार्टी की फिजूलखर्ची से दूर गरीबों को बांटे गए सर्दी में कंबल, नर्रा के साहू परिवार ने भिलाई के चरोदा में की शहरवासियों को प्रेरित करने अनूठी पहल

बालोद। आज के वक्त में आधुनिकता की चकाचौंध में लोग जन्मदिन पर पार्टी व विभिन्न आयोजनों में फिजूलखर्ची करते हैं। शहर की संस्कृति अब गांव के हर घर तक पहुंच चुकी है। हर कोई शहर की नकल कर रहा है। लेकिन आज हम एक ऐसे परिवार की पहल को सामने ला रहे हैं। जो वैसे तो मूल रूप से बालोद के एक छोटे से गांव नर्रा के रहने वाले हैं लेकिन इन्होंने शहर में एक अलग पहचान कायम की है और वह है समाज सेवा के क्षेत्र में। नर्रा के रहने वाले समाजसेवी बेनुराम साहू ने अपनी भतीजी चहक साहू के जन्मदिन पर घर पर केक न कटवा कर ना कोई पार्टी देकर उन पैसों का सदुपयोग करते हुए जरूरतमंदों को सर्दी में कंबल बांटा गया। भिलाई 3 शहर चरोदा क्षेत्र में उक्त पहल की गई। 30 कंबल उन्होंने शहर में घूम-घूम कर जरूरतमंद गरीब तबके के लोगों को भेंट किया। कड़कड़ाती ठंड में कंबल का तोहफा पाकर जरूरतमंद लोग काफी खुश हुए और बेटी के जन्मदिन पर दुआएं दी गई। समाजसेवी बेनूराम साहू ने कहा कि अक्सर लोग बड़े-बड़े आयोजन में फिजूलखर्ची कर लेते हैं। केक आदि कहीं न कहीं पाश्चात्य संस्कृति से आई है। आज हर कोई दिखावे में फिजूलखर्ची की ओर बढ़ रहा है। लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। परिवार में किसी भी बच्चों का जन्मदिन होता है तो हम किसी तरह से केक ना काट कर हम जरूरतमंद को खाना खिलाने या कपड़ा वितरण करते हैं। उनके इस पहल का उद्देश्य अन्य लोगों को भी प्रेरित करना है। ताकि फिजूलखर्ची से जो पैसे हम बर्बाद करते हैं वह किसी अच्छे काम में लगाए जा सके और जन्मदिन भी सार्थक हो सके।

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