बालोद। विश्व हिंदू परिषद जिल सहमंत्री सतीश विश्वकर्मा व महेंद्र सोनवानी (मोनू) विश्व हिंदू परिषद जिला के निर्देश पर बजरंग दल जिला संयोजक उमेश कुमार सेन के नेतृत्व में विजयदशमी पर शस्त्र पूजा जय बजरंग व्यायामशाला में बजरंग दल द्वारा किया गया। भव्य रुप से शस्त्र पूजा करने के बाद राम भक्तों की सेना रावण दहन करने के लिए हाई स्कूल मैदान तक पहुंचे और भगवान श्री राम के द्वारा रावण का अंत किया गया। एक बार फिर असत्य पर सत्य की जीत हुई। विश्व हिंदू परिषद बालोद जिल सहमंत्री सतीश विश्वकर्मा ने कहा मान्यता है भगवान राम ने रावण का संहार करने के लिए इसी मुहूर्त में युद्ध का प्रारंभ किया था। विजयादशमी पर आयुध(शस्त्र) की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन क्षत्रिय, योद्धा और सैनिक अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं. वहीं ब्राह्राण इस दिन मां सरस्वती की पूजा करते हैं। महेंद्र सोनवानी मोनू बालोद जिल विश्व हिंदू परिषद ने कहा सामान्य रूप से आयुध उन यंत्रों को कहते हैं, जिनका प्रयोग युद्ध में होता है। इस प्रकार तीर, तलवार से लेकर बड़ी-बड़ी तोपों तक सभी यंत्र आयुध(शस्त्र) कहलाते हैं। जिन्हें हम अस्त्र या शस्त्र के रूप में भी जानते हैं।
इसके अलावा दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली वस्तु, साधन और उपकरणों को भी आयुध कहा गया है। हम आयुध पूजा के माध्यम से इन उपकरणों का आदर करते हैं और उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं, क्योंकि इनका हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है। बजरंग दल जिला संयोजक उमेश कुमार सेन ने कहा पौराणिक कथाओं के अनुसार आयुध पूजा से जुड़ी एक कहानी देवी दुर्गा द्वारा भैंस रूपी राक्षस महिषासुर को हराने की है। इस राक्षस को हराने के लिए सभी देवताओं ने अपने हथियारों, प्रतिभा और शक्तियों को मां दुर्गा को प्रदान किया था। युद्ध 9 दिनों की अवधि तक चला। नवमी की संध्या पर, देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध कर उसका कल्याण किया और युद्ध समाप्त किया। इस प्रकार, यह दिन महानवमी के रूप में भी मनाया जाता है और इसके अगले दिन आयुध पूजा (विजयदशमी शस्त्र पूजा) का अनुष्ठान किया जाता है। आयोजन में गुंडरदेही से हिमांशु महोबिया पंकज साहू व अन्य सदस्य भी शामिल हुए।