पेंशनरों की हड़ताल से भूपेश सरकार को अपराध बोध होना चाहिए- जगदीश देशमुख

बालोद| केंद्र के समान 34 प्रतिशत डीए तथा 2016 से सातवें वेतनमान के अनुसार देय तिथि से एचआरए एरियर सहित लंबित मांगों को लेकर प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के लगभग सौ से अधिक संगठन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है | अविभाजित मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद इतिहास का यह पहला मौका है कि डीए तथा एचआर के लिए कर्मचारियों को व्यापक रूप से हड़ताल करना पड़ रहा है | पिछले सरकारों के द्वारा बिना किसी हड़ताल के महत्वपूर्ण अवसरों पर अधिकारी कर्मचारियों की संवैधानिक हक को ध्यान में रखकर डीए एचआर की घोषणा कर देते थे लेकिन यह विडंबना है कि प्रदेश के जरूरतमंद पेंशनरों को भी डीए के लिए हड़ताल करना पड़ रहा है | यह इतिहास का पहला अवसर है | इस हड़ताल के लिए प्रदेश के भूपेश सरकार को अपराध बोध होना चाहिए. उक्ताशय के विचार राष्ट्रपति पुरस्कृत सेवानिवृत्त शिक्षक एवं भाजपा शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जगदीश देशमुख ने रखें | देशमुख ने कहा कि दुर्भाग्यजनक पहलू यह है कि विगत कोरोना काल में आम जनता तथा शासकीय सेवकों के द्वारा कोरोना महामारी की विभीषिका से लड़ने राज्य शासन को लोकहित में अपने कमाई का हिस्सा दान करने में लगे हुए थे| केंद्र की मोदी सरकार ने सांसदों की 2 वर्ष की निधि तथा वेतन का 60 प्रतिशत राशि देश की पीड़ित जनता के लिए समर्पित की| ऐसे संवेदनशील समय पर प्रदेश की निर्मम तथा हृदयहीन भूपेश सरकार मेज थपथपाकर अपनी वेतन तथा भत्ता बढ़ाने में लगे हुए थे |इस साल भी विधानसभा भवन में मेज थपथपाकर अपनी तनख्वाह और भत्ता बढ़ा ली है तथा अशक्त पेंशनरों के लिए वाजिब महंगाई भत्ता देय नहीं है यह शर्मनाक है |राजा को अपनी प्रजा की बेहतर सुख सुविधा का ध्यान रखना चाहिए |शासन एवं प्रशासन की बेहतर तालमेल हेतु फेडरेशन की वाजिब मांग को शीघ्र पूरा करना चाहिए|