बैंक केशियर के रिपोर्ट पर थाना गुरूर में हुआ मामला दर्ज, रिपोर्ट के 12 घण्टे बाद ही पुलिस ने धर दबोचा आरोपी को
आरोपी के कब्जे से 67,000 रूपया बरामद कर भेजा गया जेल
बालोद। पलारी के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा में एक किसान सुरेश कुमार कुर्रे के साथ ₹70000 की धोखाधड़ी हो गई। जिसने धोखाधड़ी की वह भी एक किसान ही था। जो कि अरमरीखुर्द के गांव का निकला। दरअसल में आरोपी द्वारा काउंटर के पास जाकर खुद को सुरेश कुर्रे बता कर विड्रोल फॉर्म को दिखाकर कैशियर से पैसा ले गया। यह सब गड़बड़ी बैंक प्रबंधन की एक व्यवस्था के तहत भी हुआ। जिसमें अगर सामने वाला किसान बैंक परिसर में मौजूद ना हो तो इस तरह से कोई भी भीड़ भाड़ का फायदा उठा कर दूसरे किसान का पैसा ले जा सकता है। कैशियर ने भी हड़बड़ी में आरोपी को ही पैसा दे दिया। गनीमत बाद में असली किसान वहां आया और कहने लगा कि मेरा विड्रोल फॉर्म कहां है, तो कैशियर ने बताया कि अभी तो पैसा दिया हूं। तब जाकर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। और सीसीटीवी फुटेज के जरिए धोखा देने वाले की पहचान की गईम मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने 12 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता पाई। जिसका खुलासा शुक्रवार को बालोद पुलिस ने किया। प्रार्थी जिला सहकारी बैंक ग्राम पलारी के कैशियर दुष्यंत कुमार साहू ने 18 अगस्त को लिखित में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि 16 अगस्त को रोज की तरह अपने बैंकिंग काम में लगा था, किसानों को पैसा लेनदेन कर रहा था कि इसी दौरान कृषक सुरेश कुमार कुरें निवासी वर्तमान बेलहारी द्वारा आवाज लगाकर बताया गया कि वह बहुत पहले से विड्राल फार्म भर कर पास बुक को काउंटर में रख दिया था। उससे पीछे वालों को रकम मिल गया है, इन्हे रकम नही मिला था तब उसने बताया कि वह 70,000 रूपया का विड्राल भरा था। कैशियर द्वारा बोला गया अभी कुछ मिनट पहले ही अपने काउण्टर से 70,000 रूपये का विड्राल सुरेश कुमार कुर्रे को कर चुका हूं। किन्तु सुरेश कुमार कुर्रे ने बोला कि वह कोई भी विड्राल नहीं लिया है।
तब गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए कैशियर एवं बैंक प्रबंधक द्वारा अपने बैंक में स्थित सीसीटीव्ही कैमरा के रिकार्डिंग को पीछे कर देखने पर ज्ञात हुआ कि एक अज्ञात आरोपी द्वारा कृषक सुरेश कुमार कुर्रे के पास बुक एवं विड्राल फार्म को भीड़ का फायदा उठाकर काउण्टर में जाकर अपने चेहरे को छुपाते हुए अपने आप को सुरेश कुमार बताकर नगदी रकम 70,000 रूपये काउण्टर से लेते फुटेज में दिखाई दिया। तब उक्त घटना को पता करने के लिए बैंक प्रबंधक द्वारा 2 दिन तक अपने बैंक में आने जाने वालों को फुटेज दिखाकर पहचान कराया गया। किन्तु आरोपी का कोई पता नही चलने पर चौकी कंवर थाना गुरूर में रिपोर्ट लिखवाई। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र कुमार यादव के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरिश राठौर के मार्गदर्शन तथा अनुविभागीय पुलिस अधिकारी राजेश बागड़े के पर्यवेक्षण में थाना गुरूर से टीम गठित कर अज्ञात आरोपी का पता तलाश में लगाया गया। गठित टीम द्वारा कड़ी मेहनत कर रिपोर्ट से महज 12 घण्टे के अंदर फुटेज के अज्ञात आरोपी को पहचान कर लिया गया। जो ग्राम अरमरीखुर्द का रहने वाला उमेश कुमार साहू का होना पाया गया। जिनसे बारिकी से पूछताछ करने पर बताया कि उसे रकम की आवश्यकता थी ।वह कुछ दिन पहले ग्राम पलारी के जिला सहकारी बैंक का रेकी किया था। जिसमें पाया था कि खाता धारक अपने पासबुक में विड्राल फार्म को भरकर काउण्टर में रख देते है। जिसे बैंक कर्मचारी प्रबंधक से पास कराकर पुनः उसी काउण्टर में लाकर रखता है। जहां पर उसके द्वारा उस खाता धारक का नाम पुकार कर पास बुक का विड्राल उसे दे देता है। इस दौरान कुछ कृषक खाता धारक लापरवाही कर बैंक को छोड़कर बाहर चले गये रहते थे। उनका नाम लेने पर नही रहने से उस पासबुक और विड्राल को बगल में रख दिया जाता था। इसी बात का फायदा उठाकर घटना दिनांक को आरोपी ने डेढ़ घण्टे तक बैंक में रेकी किया। खाता धारक सुरेश कुमार कुर्रे का तीन चार बैंक कर्मचारी द्वारा पुकारने के बाद भी नहीं आने से आरोपी की नजर पासबुक विड्राल पर पड़ा। तब वह अपने योजना के अनुसार भीड़ का फायदा उठाकर सुरेश कुमार कुर्रे के पास बुक एवं विड्राल फार्म को जो प्रबंधक से पास हो चुका था, मेरा है बोलकर उठा लिया एवं कैशियर काउण्टर में जाकर पासबुक तथा विड्राल फार्म को अपना नाम सुरेश कुमार बताकर दे दिया। कैशियर द्वारा चेहरा से गमछा को उतारने बोलने पर गमछा उतारकर पसीना पोछने के बहाने मुंह को छुपाते रहा। जिससे कैशियर धोखा खा गया और सहजता से 70,000 रूपया नगदी रकम आरोपी उमेश कुमार साहू को दे दिया। रकम व पासबुक मिलते ही आरोपी वहां से फरार हो गया ।आरोपी द्वारा नाम बदलकर धोखाधड़ी कर बैंक से लिये गये नगदी रकम 70,000 रूपये मे से आरोपी के कब्जे से 67,000 रूपये एवं एक एटीएम कार्ड जप्त किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। उक्त कार्यवाही में थाना गुरूर प्रभारी भानुप्रताव साव एवं चौकी प्रभारी कंवर धरम भुआर्य आर. राजेन्द्र साहू का महत्वपूर्ण भूमिका रही।