एक गरीब मजदूर को मिला 3 साल बाद इंसाफ, कोर्ट ने किया दोषमुक्त
बालोद। पुलिस द्वारा पेश चालान के अनुसार, आरोपी खेमचंद पर आरोप था कि उसने प्रार्थी और उसके परिवार को मछली नही देने पर, उसके घर आपने साथियों के साथ जाकर गाली गलौच और मारपीट कर, हत्या का प्रयास किया और 50 हजार रु को लूट का भाग जाने पर धारा 323, 294, 506, 307 और 394, 34 IPC के तहत अपराध गुरुर थाना द्वारा दर्ज किया गया था।आरोपी को उसके विरुद्ध उक्त झूठे अपराध दर्ज होने की जानकारी मिलने पर, अपने अधिवक्ता के भेष कुमार साहू के माध्यम से स्वयं हो कर न्यायालय में समर्पण किया था। उनके अधिवक्ता ने आरोपी की ओर से बचाव किया कि कथित घटना दिवस और समय पर, वह घटना स्थल से अन्यत्र जगह पर रोजी मजदूरी कर रहा था।बचाव पक्ष के न्याय संगत दलील पश्चात, अतरिक्त सत्र न्यायाधीश बालोद (श्रीमती सरोजनंद दास) ने लगाए गए उक्त आरोप से दोषमुक्त की। आरोपी का निवास स्थान अरमरीकला है, वह जमानत पर छूटने के बाद, बालोद पेशी में आने जाने के लिए पैसा नही होने के कारण से बालोद के एक होटल व्यवसाई से काम मांग कर उनके होटल में काम कर न्याय का इंतजार करने लगा। उसका सेठ भी उसके सीधा और भोलापन को देख कर उसे पूरी तरह से सहयोग किया । दोषमुक्त होने पर खेमचंद उर्फ चुटैया का एक ही शब्द था, मैं अपने होटल मालिक का अहसान कभी नही भूल पाऊंगा। उक्त दोषमुक्ति के निर्णय सुन कर, होटल मजदूर वर्ग के लोगों के द्वारा कहा गया कि, न्याय सबके लिए समान है, चाहे गरीब हो या अमीर, कह कर वकील और होटल मालिक को बधाई दी।