हम गरीबों का मजाक मत बनाओ साहब, हमने थोड़ी कोई चोरी की, रास्ते में पड़ा था बैग,,,, कोर्ट ने कहा धारा बदल दो,, अधिवक्ता दीपक सामटकर बोले वह धारा भी लगने योग्य नही,
25 लाख से भरे बैग को उठाने वाले दंपत्ति ने पूछताछ में किया खुलासा- बोले घबराहट में चले गए थे घर, हमने किसी का ₹1 भी खर्चा नहीं किया
इधर कोर्ट ने भी माना कि ये चोरी की घटना नहीं, मुचलके पर रिहा हुए दोनों, दंपत्ति जेल जाने से बचे
बालोद। बालोद के पुराना बस स्टैंड में 25 लाख से भरे बैग को उठाने वाले दंपत्ति को बालोद पुलिस ने सुबह गिरफ्तार किया और कोर्ट के सामने शाम को पेश किया। पुलिस ने इस पर प्रार्थी समेकित सांखला की रिपोर्ट पर पहले चोरी का केस दर्ज किया था। लेकिन जब कोर्ट में उन्हें पेश किया गया तो जज ने स्पष्ट किया कि यह तो कोई चोरी ही नहीं है। इस दंपति ने तो सार्वजनिक रूप से लावारिस पड़े बैग को उठाया था। तो चोरी कैसे हुई? जज ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा किया और मुचलके पर ही चोरी की धारा हटाने के निर्देश देते हुए उन्हें रिहा किया। इधर सोशल मीडिया में जमकर इस दंपति को चोर बताते हुए कुछ लोगों द्वारा फ़ोटो वायरल की जा रही है। उनका मजाक बनाया जा रहा है। इस पर अपील करते हुए दंपत्ति का कहना है कि हम गरीबों का मजाक मत बनाओ साहब,,,,। हमने कहां कोई चोरी की थी। बैग रास्ते में पड़ा था हमने उठा लिया। हमें तो मालूम ही नहीं था उस समय कि उसमें 25 लाख भरा हुआ है। कोर्ट ने भी इस घटना में कहीं ना कहीं मानवीयता को महसूस किया और इसे चोरी की घटना नहीं माना। पुलिस की कार्यवाही को गलत बताया और उन्हें मुचलके पर रिहा किया। नतीजा 25 लाख के चोरी के केस में फंसे इस दंपत्ति को जेल जाने की जरूरत नहीं पड़ी। इधर घटना में समेकित सांखला के पिता व्यापारी ताराचंद सांखला भी मानवता के नाते खुद इस दंपत्ति का जमानत लेने के लिए पहुंचे थे। लेकिन उसकी नौबत नहीं आई। कोर्ट में जाने के बाद स्पष्ट हुआ कि यह तो चोरी का मामला ही नहीं है। दंपति ने कहा कि हमने गलती से रास्ते पर पड़ा बैग उठा लिया था। थोड़ी दूर जाकर देखें तो उसमें पैसा था। लाखों की रकम थी। हमने तो गिनती भी नहीं की। लेकिन इतनी सारी रकम देखकर हम घबरा गए और पुलिस या किसी को बताने से बचते हुए घर चले गए। लेकिन इस बात का भरोसा था कि कोई ना कोई ढूंढते तो जरूर आएगा और हम उसका बैग लौटा देंगे। बालोद में उस वक्त इतना सारा पैसा लेकर हम किसी को बताने जाएंगे तो लोग हमें चोर ना समझे ये सोंचकर घबरा गए थे। दंपति ने कहा कि हम गरीब हैं। मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं। लेकिन कभी चोरी करना नहीं सीखें। जो भी हमारा मजाक उड़ा रहे हैं वह गलत है। हमारा भी आत्म सम्मान है।
सी.सी.फुटेज के आधार पर बालोद पुलिस के द्वारा महिला व पुरूष को 1 घण्टे के अंदर पहचान कर 16 घण्टे के अंदर तलाश कर किया गिरफ्तार
बालोद के पुराना बस स्टैंड के पास 25 लाख से भरा बैग उठा कर जाने वाले दंपत्ति दानीटोला गांव के निकले। जिन्हें पुलिस ने घटना के 16 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया। पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज बी0एन0मीणा के निर्देशन पर पुलिस अधीक्षक बालोद गोवर्धन ठाकुर के मार्गदर्शन में, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोद प्रज्ञा मेश्राम एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बालोद प्रतीक चतुर्वेदी डी.एस.पी. व राजेष बागडे के पर्यवेक्षण में थाना प्रभारी बालोद निरीक्षक नवीन बोरकर के नेतृत्व में एक विषेश टीम तैयार किया गया था। प्रार्थी समकित साखला उर्फ उत्तम जैन पिता ताराचंद साखला उम्र 23 साल निवासी. वार्ड क्र 06 महावीर भवन बालोद थाना व जिला बालोद ने रिपोर्ट दर्ज कराया था कि घटना दिनांक समय को प्रार्थी कपड़े के बैंग में नगदी रकम 25 लाख रूपये को लेकर अपने स्कूटी में बैंक पर रकम जमा करने जा रहा था जो पैसो से भरा बैंग अग्रवाल सलेक्शन बालोद के पास गिर जाने से हीरो होण्डा मोटर सायकल एस.एस. में सवार अज्ञात महिला एवं पुरूष के द्वारा पैसों से भरा बैग उठा कर बिना वापस किये ले जाने कि रिपोर्ट पर थाना बालोद में अपराध धारा 379, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्व कर विवेचना कार्यवाही में लिया गया। चोरी हुए संपत्ति की बरामदगी हेतु प्राप्त सी.सी. टी.व्ही फुटेज के आधार पर क्षेत्र में मुखबीर लगाया था। दिनांक 10 मई को मुखबीर से सूचना प्राप्त हुआ कि उक्त सी.सी.टी.व्ही फुटेज का महिला पुरूष एवं हीरो होण्डा मोटर सायकल एस.एस. ग्राम दानीटोला में देखना पाये जाने मौके पर पुलिस निरीक्षक नवीन बोरकर के हमराह स्टॉफ रवाना किया गया। जिन्होने संदेही पति पत्नी के कब्जे से पैसो से भरा बैंग 25,00,000 रू एवं घटना में प्रयुक्त बाइक को कब्जा में लेकर आरोपीगण को हिरासत में लेकर पुछताछ किए। आरोपीगण को विधिवत गिरफ्तार कर कोर्ट पेश किया गया। उक्त प्रकरण के मामले का खुलासा करने में स्थानीय व्यापारियों द्वारा लगाये गये सीसीटीवी कैमरा काफी उपयोगी साबित हुआ एवं व्यापारियो द्वारा पुलिस टीम का सहयोग किया गया ।
उक्त आरोपी की गिरफ्तारी में थाना प्रभारी बालोद निरीक्षक नवीन बोरकर, उपनिरीक्षक खगेन्द्र पठारे, सउनि धरम भुआर्य, महिला प्रधान आरक्षक देवकुमारी साहू, आरक्षक छन्नु लाल बंजारे, प्रवीण कुमार साहू, पुनमचंद खरे थाना बालोद व सायबर सेल टीम से निरीक्षक दिलेश्वर चंद्रवंशी प्रधान आरक्षक भुनेश्वर मरकाम, रूमलाल चुरेन्द्र, आरक्षक पुरन देंवागन,विपिन गुप्ता ,संदीप यादव,राहुल मनहरे,विवेक शाही ,आकाश दुबे ,योगेश पटेल ,मिथलेश यादव की सराहनीय भूमिका रही है।
पतासाजी में रात भर जागी पुलिस
पैसों से भरा बैग लेकर जाने वाले इस दंपत्ति की पतासाजी में रात भर बालोद पुलिस और साइबर सेल को मशक्कत करनी पड़ी। संदेह के आधार पर डौंडीलोहारा क्षेत्र के गांव में भी जाकर पूछताछ की गई । गाड़ी नंबर निकालने की कोशिश भी की गई। लगातार थाना प्रभारी नवीन बोरकर मामले में डटे रहे।
मानवता दिखाते हुए व्यापारी ताराचंद जमानत लेने आगे आए
इस घटना में कहीं ना कहीं व्यापारी के बेटे की भी गलती थी जो वह रास्ते में बैग गिरा बैठा था और उन्हें पता भी नहीं था कि बैग गिर चुका है। तो वहीं इसी रास्ते में जा रहे दंपति ने उक्त बैग को उठा लिया था। इस बीच गांव के लोगों ने सोशल मीडिया में वायरल तस्वीर को देखकर भी पुलिस को खबर की थी ये दानीटोला के हैं। जिसके बाद पुलिस दूसरे दिन सुबह उनके घर पहुंची और उनसे पैसे बरामद की और पूछताछ के लिए उन्हें थाने लाया गया। इधर मानवता देखते हुए व्यापारी ताराचंद सांखला ने खुद इस दंपत्ति की जमानत लेने आगे आए।
आरोपी दंपत्ति कहने लगे इतना पैसा देख डर गए थे इसलिए दूसरे रास्ते से घर चले गए
पूछताछ में आरोपी दंपत्ति ने खुलासा किया कि उन्हें पहले मालूम नहीं था कि बैग में पैसा था। वे कोई सामान समझ कर इसे रास्ते से उठाए थे। उसके बाद तहसील कार्यालय के पास जाकर खोल कर देखें तो इतना सारा पैसा देखकर वे डर गए थे। उन्हें लगा कि अगर किसी को बताएंगे तो उन्हें लोग चोर समझकर या गलत समझ कर पुलिस के हवाले ना कर दे। इस डर से दोनों सीधे घर ना जाकर जुंगेरा होते हुए अंदरूनी रास्ते से दानी टोला पहुंच गए। क्योंकि सीधे जाते तो रास्ते में थाना भी पड़ता है। दोनों ने बैग को सही सलामत घर में रखा था। उसमें से ₹1 भी खर्च नहीं किया। उन्हें पता था कि जिसका भी बैग व पैसा होगा ढूंढते जरूर पहुंच जाएंगे और हुआ भी वही। सुबह पुलिस आई। उन्होंने पुलिस को सब कुछ बता दिया और पैसा सहित सुपुर्द कर दिया। दंपत्ति रोजी मजदूरी करते हैं। दंपत्ति ने भावुक होते हुए बताया कि उन्हें इन पैसों का कोई लालच नहीं था। वे इतना सारा पैसा देखकर घबरा गए थे और इसी घबराहट में वे घर चले गए।
अधिवक्ता दीपक सामटकर की राय- इनका मानना इसमें धारा 403 भी जोड़ना निराधार
कोर्ट ने मामले में बालोद पुलिस को आरोपी दंपत्ति के खिलाफ चोरी की धारा हटा कर धारा 403 का केस बनाने निर्देशित किया है। इस पर विधि के जानकार अधिवक्ता दीपक सामटकर से जब हमने धारा 403 के बारे में जानकारी ली तो उनका कहना था कि इसका अर्थ संपत्ति का दुर्नियोग और संपरिवर्तन आता है। लेकिन इस केस में ऐसी कोई घटना भी नही हुई है। दंपत्ति के द्वारा उस 25 लाख में कहीं कोई ₹1 भी खर्च नहीं किया गया है। उसे गिना भी नही गया। बात सिर्फ यही है कि वे इतनी सारी रकम मिलने के बाद डर के कारण थाने तक नहीं आ पाए। उन्हें यही लगा कि थाने जाएंगे तो उन्हें कोई चोर ना समझे। उन्हें कोई जेल ना भेजें। आखिर पुलिस वही तो करने जा रही थी। घटना की बारीकी से जांच कर देखें तो इसमें तो दंपत्ति पूरी तरह से निर्दोष हैं। उन पर कोई धारा ही नहीं जुड़ सकती। दम्पत्ति के द्वारा कोई राशि खर्च नही करना , दुर्विनियोग या संपरिवर्तन नही है इसलिए यह धारा उचित भी नही है।तो सवाल भी उठता है कि आज पुलिस से लोग सच्चाई बताने से भी घबराते हैं। इसके पीछे पुलिस के प्रति डर बैठा हुआ है। जिसे पुलिस को दूर करना बहुत जरूरी है। वरना आगे भी इस तरह की घटना हो सकती है। कहीं कोई किसी को जानकारी हासिल होती है तो लोग पुलिस से डर के कारण सामने नहीं आना चाहते। उन्हें खुद फस जाने का डर बना रहता है।
यद्यपि उक्त दंपत्ति की नैतिक जिम्मेदारी थी कि उन्हें थाने में राशि छोड़ देना था लेकिन वे डर के कारण नही जा पाए । आमजन के मस्तिष्क में बसा यही डर दूर करना शासन प्रशासन की जिम्मेदारी है।
संबंधित खबर