बेटे भाग्य से पैदा होते हैं तो बेटियां सौभाग्य से

बालोद। घरेलू हिंसा एवम लिंग भेद गंभीर मुद्दों पर भारत स्काउट्स एवं गाइड्स के राज्य मुख्य आयुक्त एवं संसदीय सचिव विनोद सेवन लाल चन्द्राकर के निर्देशानुसार एवं राज्य सचिव कैलाश सोनी के मार्गदर्शन में ,संयुक्त राज्य सचिव सीमा साहू ,अध्यक्ष सुभाष पुस्तकर, जिला मुख्य आयुक्त
गिरीश चंद्राकर मार्गदर्शन से वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया गया। कल्पना चावला रेंजर टीम ,शा हाई स्कूल भण्डेरा,डौंडी लोहारा जिला बालोद के तत्वाधान में रखा गया ।घरेलू हिंसा, निदान,लिंग भेद जैसे विषय पर चिंतन किया गया। मुख्य अतिथि राज्य संयुक्त सचिव श्रीमती सीमा साहू द्वारा गाइड,रेंजर्स को हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने,अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने को प्रेरित किया। कार्यक्रम का नेतृत्व श्रीमती कैशरीन बेग ,रेंजर लीडर,सहयोगी, होस्ट की भूमिका में श्रीमती नंदा सोनी व्याख्याता द्वारा,लिंग भेद की विशिष्ट जानकारी दी गयी। अतिथि वक्ता श्रीमती पुष्पा चौधरी, माध्यमिक शाला मटिया,वक्ता के रूप में
रेंजर कु योगेश्वरी, मुस्कान ठाकुर,रेशमा, उद्देश्य परिचर्चा का मुख्य उद्देश्य घरेलू हिंसा लिंग भेद से संबंधित सभी पहलुओं को उजागर करना,अपने अधिकारों की जानकारी,घरेलू हिंसा के विरुद्ध महिला संरक्षण अधिनियम की धारा 2005 को परिभाषित करना,धारा,भारतीय दंड संहिता के तहत धारा 4,5,10,12,14,16,17,18 19,20,22,किसी भी प्रकार की परेशानी आने पर क्या उपाय किया जाए, इसकी जानकारी श्रीमती कैशरीन बेग द्वारा दिया गया।

निष्कर्ष- लड़के भाग्य से पैदा होते है तो लड़कियां सौभाग्य से

मकान को घर बनाने वाली सिर्फ़ बेटियां होती हैं। संविधान को पढ़ना,उसकी विस्तार पूर्वक
समझना,अपने अधिकार, सबल बनने के लिए खुद सजगता दिखानी होगी। स्वयं के लिए,अपने आसपास के लोगो के लिए,बेटा बेटी एक समान होते है, ऐसा कहे ही नही माने भी।वर्चुअल कार्यक्रम में भागीदारी रही,मोनिका साहू, तारनी,यामिनी देवांगन,हर्षिता मिश्रा, जानवी,कौशल कुमार,नेमेश धनकर सम्मिलित हुए।

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