शिक्षक के वेतन वृद्धि रोकने वाले जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश कॉपी में ही बड़ी गलती -असमर्थता को लिखा असर्मथता
जब शिक्षक ने गलती की तो उन पर कार्यवाही हुई। अब जब अधिकारी भी वही गलती कर रहे हैं तो उन पर भी कार्रवाई हो- देवेन्द्र हरमुख जिला अध्यक्ष सहायक शिक्षक फेडरेशन
बालोद। सत्र 2021-22 में बच्चों की पढ़ाई विभिन्न माध्यमों से शुरू हो चुकी है। बच्चों को मोहल्ला क्लास ,पारा क्लास ,ऑनलाइन क्लास और विभिन्न तरीकों से शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जा रहा है। संसाधान की कमी के बावजूद भी शिक्षक बच्चों के हित में अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे है। लम्बे समय से (लगभग 16 माह से) बच्चे स्कूल से दूर रहने के कारण उनके अध्ययन के स्तर में गिरावट आना स्वभाविक है। कुछ बच्चे तो लिखना और पढ़ना भी भूल गए है। इस बात को पालक और अधिकारी भी स्वीकार करते है। अभी स्कुल खुले 10 दिन भी नही हुए और अधिकारी अपने रौब में नजर आ रहे है। जबकि अभी बहुत सारी समस्याएँ भी है, जिन समस्याओं के बावजूद भी शिक्षक पढाई करा रहे है ऐसे में उनका मनोबल बढ़ाने के बजाय अधिकारीगण समय समय में उन्हें जलील करने से बाज नही आ रहे हैं। सहायक शिक्षक फेडरेशन के जिला अध्यक्ष देवेंद्र हरमुख ने कहा कि अब जबकि स्कूल खोलने के आदेश शासन द्वारा जारी किया गया है तब 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ बच्चे स्कूल आ रहे है और उन्हें ऑफलाइन माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से एक आदेश और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वीडियो में जिला शिक्षा अधिकारी कक्षा चौथी के एक छात्रा को पुस्तक पढ़ने और शिक्षक को अंत्येष्टि लिखने पर असमर्थता जाहिर कर रहे है। जिला शिक्षा अधिकारी ने एक शिक्षक को हिंदी में अंत्येष्टि लिखने कहा जिसे शिक्षक ने गलत लिखा ऐसा जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने किसी कर्मचारी से पूछकर कहा। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक को डांट भी लगाई कि आपने हिंदी साहित्य में एम ए किया है और अंत्येष्टि लिखना नहीं आ रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी कबीरधाम के द्वारा दिनांक 31.07.2021 को जिले के शासकीय प्राथमिक शाला रक्से का औचक निरीक्षण किया गया। जिसमे मोहल्ला क्लास का संचालन शिक्षकों द्वारा किया जा रहा था। इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी ने ऊपर बताये अनुसार शिक्षक और बच्चे से अध्ययन अध्यापन से असहमत हुए।
साथ ही कबीरधाम डीईओ ने अपने पद की धौंस ऐसे दिखाई की वे यह भूल गए की अभी कोरोना का समय चल रहा है ऐसे में सरकार द्वारा दी गई गाईड लाइन का उन्होंने जमकर धज्जियाँ उड़ाई है। उन्होंने खुद मास्क नही पहना और ऐसे ही स्कूल के बच्चों के पास जाकर उनसे सवाल जवाब करते रहे। ऐसे में उन पर भी कोरोना गाइड लाइन की अनदेखी करने और बच्चों के स्वस्थ्य को ध्यान में न रखते हुए उनके पास बिना मास्क के जाने के कारन उन पर भी कार्यवाही होनी चाहिए।