ई रिक्शा खरीदी में गड़बड़ी का आरोप, भाजपा नेता मनोज दुबे ने की कलेक्टर के नाम से ज्ञापन सौंपकर शिकायत

दल्लीराजहरा। भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दल्ली राजहरा निवासी मनोज दुबे (पिंटू) ने कलेक्टर के नाम से ज्ञापन देकर दल्ली नगर पालिका में हुए ई रिक्शा खरीदी में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है नगर पालिका द्वारा वर्तमान में 5 नग ई रिक्शा लगभग 20 लाख रुपये में इसकी खरीदी की गई है। वही यही ई रिक्शे लगभग 1 लाख 50 हजार रुपये के आस पास में खुले बाजार में आसानी से मिल जाता है परंतु नगर पालिका द्वारा जानबूझकर ठेकेदार को लाभ पहुचाने के लिये 1 नग ई रिक्शा लगभग 4 लाख में खरीद कर बाजार मूल्य से दो गुना दामों से अधिक में खरीदी कर शासन को 5 नग ई रिक्शा की खरीदी 10 से 12 लाख के लगभग का नुकसान पहुँचा कर आर्थिक अनियमितता बरती गई है। नगर पालिका दल्ली राजहरा द्वारा पूर्व में भी अध्यक्ष /पार्षद /एल्डरमेन निधि /पेयजल/निकाय मंदो से 3 सीटर स्टील चेयर, 2 इंची जी आई पाइप की खरीदी भी बाजार मूल्य से लगभग 2 से 3 गुना दामों में खरीदी कर आर्थिक अनियमितता बरती गई थी। जिसकी पूर्व में भी हमारे द्वारा इसकी शिकायत की गई थी परंतु हमारे द्वारा की गई शिकायत की जांच नही हो पाने के कारण नगर पालिका अधिकारियों के हौसले बुलंद होते जा रहे है और इनके द्वारा लगातार आर्थिक अनियमितता बरतते हुए भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। नगर पालिका द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार से पर्दा उठाने के लिये आरटीआई कानून के अंतर्गत नगर पालिका के द्वारा खरीदी की गई सामानों के सम्बंध में जानकारी मांगी जाती है तो नगर पालिका द्वारा किसी भी प्रकार से कोई भी जानकारी इस कानून के अंतर्गत उपलब्ध नही कराई जाती है और इनके द्वारा लगातर अपने किये हुए भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिये आरटीआई कानून का भी उल्लंघन करते हुए आवेदकों को मानसिक रूप से परेशान किया जाता है। जिसके कारण आवेदकों को सूचना प्राप्त करने हेतु राज्य सूचना आयोग की शरण में जाना पड़ता है। मनोज दुबे ने कलेक्टर से मांग किया कि दल्लीराजहरा द्वारा सफाई कार्य हेतु ई रिक्शा खरीदी और भण्डार शाखा के माध्यम अध्यक्ष/पार्षद/एल्डरमेन निधि/पेयजल/निकाय मद से की गई 3 शीटर चेयर 2 इंची जी आई पाइप की बाजार मूल्य से दो गुना दामों में खरीदी कर खरीदी में हुए आर्थिक अनियमितता करते हुए जो भ्रष्टाचार किया गया है उसकी सूक्ष्मता से जांच कर दोषी अधिकारियों से वसूली की कार्यवाही की जाए।