खुद के खिलौने खुद बनाए, अनुभव लेकर विज्ञान सीखे ,पढ़िये पुष्पा के खिलौने से कैसे हो रही पढ़ाई सरल
बालोद। विज्ञान आश्रम एवं यूनिसेफ के माध्यम से राज्य परियोजना कार्यशाला समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित ऑनलाइन वेबिनार में खेल खेल में सीखे हम विज्ञान से आगे बढ़े हम थीम पर मार्गदर्शक प्रियंका घरात के निर्देशन में समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजन हुआ।खुद के खिलौने खुद बनाए अनुभव लेखन विज्ञान सीखे इस कार्यशाला में बालोद जिला से श्रीमती पुष्पा चौधरी बालक अर्जुन्दा मिडिल स्कूल का चयन किया गया। जिसमें शिक्षिका के द्वारा टॉय पेडागोजी वेबीनार में उनके उत्कृष्ट ,रचनात्मक कलाकृतियों को शामिल किया गया। शिक्षिका के द्वारा घर में बचे बेकार कपड़े एवं वेस्ट मटेरियल से रचनात्मक तरीके से खिलौने का निर्माण किया गया है। अर्थात किसी भी बेकार पड़ी चीजों से किस प्रकार हम खिलौने बना सकते हैं और उस खिलौनों को एक पात्र का नाम देकर किसी भी विषय को बच्चों के सामने प्रस्तुत सरलतापूर्वक आसानी से समझा सकते हैं। शिक्षिका द्वारा शासन के द्वारा विभिन्न योजनाओं का संचालन किया गया। जिसमें ऑनलाइन क्लास, मोहल्लाक्लास, बुलटू के बोल, लाउडस्पीकर आदि योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन किया गया। इसी के अंतर्गत नई शिक्षा नीति में एक विषय है टॉय पेडागाजी , जिस पर कार्य संचालन करना है। जिसमें शिक्षिका चौधरी के द्वारा कबाड़ से जुगाड़ कर अर्थात शिक्षा को नवाचार के माध्यम से एवं खेल खेल के माध्यम से रोचक बनाया गया। टॉय पेडागोजीउनके द्वारा के अंतर्गत मुहल्ला क्लास में विभिन्न कलाकृतियों को बच्चों को आसानी से सिखाने और सीखने का कार्य किया गया एवं उन्होंने घर पर रखे विभिन्न अनुपयोगी वस्तुयों के माध्यम से खेल को रोचक एवं रचनात्मक तरीके से बच्चों के समक्ष प्रस्तुत किया। इसी तारतम्य में डॉल बनाकर खेल खेल में बच्चों को शिक्षा देने का सराहनीय कार्य किया।पुष्पा चौधरी द्वारा अंगना मा शिक्षा जैसे कार्यकम को भी सफलता पूर्वक संचालन किया गया। कोरोनकाल में विभिन्न बेबीनार में शामिल किया गया।अभी आमा राइट प्रायोजना का संचालन कार्य कर रही है।
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