नकली लूट की असली कहानी -पढ़िए जांच में सामने आए दिलचस्प बातें, मामला 13 लाख की लूट का, सहयोगी आरोपी को पता भी नहीं था की लूट नकली है, उसे असली दिखाने हथौड़े से फोड़ा कांच, मारा गया था स्प्रे

बालोद/ डौंडीलोहारा। डौंडीलोहारा दल्ली मार्ग पर जाटादाह जंगल के पास कथित 13 लाख की लूट के मामले में पुलिस ने कल शाम को खुलासा कर दिया है। मामले में चार आरोपी पकड़े गए हैं तो एक फरार बताया जा रहा है। हालांकि फरार आरोपी घटना के वक्त मौजूद नहीं था। उसकी संलिप्तता कॉल रिकॉर्ड के आधार पर सामने आई है। जोकि मास्टरमाइंड ड्राइवर अक्षय तिवारी का ही फुफेरा भाई है। लूट की यह घटना पूर्व नियोजित निकली। पुलिस जांच व आरोपियों से पूछताछ में कई दिलचस्प तथ्य सामने आए। जो हम आपके सामने रख रहे हैं। मामले में मुख्य आरोपी व मास्टरमाइंड अक्षय तिवारी ही था। जो कार चला रहा था। जिसने दुर्ग से अपने दो दोस्तों रंजोत सिंह व दिलप्रीत सिंह को बुलाकर बाइक के जरिए लूट करवाई। पर इस लूट की खासियत यह थी कि लूट को असली तरीके से ही अंजाम दिया गया था। क्योंकि अक्षय तिवारी के साथ जो सेल्समैन सचिन महोबिया भी कार में बैठा था। उसे पता ही नहीं था कि यह पहले से ही की गई प्लानिंग है। इसलिए उसे लूट को असली दिखाने के लिए दुर्ग से आए हुए आरोपियों द्वारा कार रुकवा कर हथोड़ा से कांच फोड़ा गया। घटना में चाकू का कोई इस्तेमाल नहीं किया गया। कांच फोड़ने के बाद ड्राइवर और सेल्समैन दोनों के चेहरे पर स्प्रे भी छिड़का गया। जिसके बाद फिर पैसा निकाला गया और बैग खाली करके वापस कार में रखा गया और फिर दोनो आरोपी जो दुर्ग से आए थे वह बाइक से वहां से फरार हो गए। थोड़ी देर जाने के बाद बटेरा के आसपास रुक कर अक्षय तिवारी ने अपने मालिक पुनम कोचर को फोन किया और बताया कि हमारे साथ लूट हो गई है तो फिर मालिक ने दल्ली राजहरा के एक व्यक्ति के जरिए स्थानीय थाने का नंबर मांग कर बताया गया कि लूट हुई है। इस घटना की प्लानिंग लगभग 4 माह से की गई थी। इसके पहले भी अक्षय तिवारी व दुर्ग से दो आरोपी आकर इस रूट को देख चुके थे कि कहां हम घटना को अंजाम दे सकते हैं। इतना ही नहीं मामले में दिलचस्प बात यह भी सामने आई कि मालिक को भी लूट का भय  दिखाने के लिए जब 4 माह पहले हुए इसी रोड से वे पैसा लेकर जा रहे थे तो उनकी कार के सामने कांच पर दुर्ग के आरोपियों द्वारा रेत भी फेंका गया था। जिससे गाड़ी अनबैलेंस हो गई थी। पर उस समय सूझबूझ से काम लेते हुए मालिक ने तेज रफ्तार से कार दौड़ाई और वहां बच कर निकल गए थे। इस बार कार में मालिक नहीं था इसलिए उनके विश्वासपात्र कर्मचारी अक्षय तिवारी ने प्लानिंग के मुताबिक अपने दोनों दोस्तों को दल्ली राजहरा में पहले से बुला लिया था। जैसे ही इनकी कार दल्ली से निकली वे दूरी मेंटेन करते हुए आराम से पीछे पीछे आते रहे और जाटादाह  के पास पहुंचने पर बाइक की लाइट को अप्पर डिपर  करके इशारा करते हुए लूट को योजना के तहत अंजाम दिया गया।


 बयानों में ही खुल चुका था राज, मिलीभगत से हुई है लूट
 घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अलर्ट हो गई थी व अक्षय तिवारी व सचिन महोबिया दोनों को थाने लाया गया था। दोनों से अलग अलग  पूछताछ हो रही थी। सचिन महोबिया को थाने में रखा गया था तो ही अक्षय तिवारी को साथ लेकर पुलिस घटनास्थल की पतासाजी में लगी थी। इस दौरान सचिन महोबिया ने पूछताछ में ही सारा राज उगल दिया था कि मुझे इसकी खबर नहीं थी कि लूट योजना के तहत की गई है। लूट हो जाने के बाद बाद में मुझे अक्षय तिवारी ने बताया कि यह मेरी प्लानिंग है। घबराओ मत कुछ नहीं होगा और उसने मुझे एक लाख दिलाने का झांसा दिया। लालच में आकर मैं भी उनके प्लानिंग में शामिल हो गया। इधर पूछताछ में अक्षय तिवारी लूट की असली कहानी बता रहा था और घटनास्थल दिखाने ले गया था। जहां कार में कांच के टुकड़े पाए गए। घटनास्थल में ऐसा कुछ साक्ष्य नहीं मिल रहा था कि लूट वास्तविक लगे। इससे पुलिस को संदेह हो गया था कि अक्षय तिवारी झूठ बोल रहा है। कॉल डिटेल सीसीटीवी फुटेज सहित अन्य कई तकनीकी साक्ष्यों से पता चला कि इसमें दुर्ग के भी आरोपी शामिल हैं और उन्हें पकड़ने के लिए लगातार दो से 3 दिन तक पुलिस दबिश देती रही। पर दुर्ग के आरोपी फरार हो गए। पैसा भी उन्हीं के पास था। जिन्हें फिर कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ा गया। पैसा भी बरामद हुआ ।


फुफेरा भाई है फरार, डीजे कोर्ट दुर्ग में है उनका पिता बाबू


 इस घटना में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल  मास्टरमाइंड अक्षय तिवारी का फुफेरा भाई ऋषभ शुक्ला वर्तमान में फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।  उसका पिता डीजे कोर्ट दुर्ग में बाबू है। ऋषभ अपने पिता की पहुंच का हवाला देकर आरोपियों को कहता था कि मैं तुम लोगों को छुड़वा दूंगा। घबराओ मत। पुलिस कुछ नहीं बिगाड़ सकती। पुलिस ने अभी 4 लोगों को पकड़ा है। ऋषभ शुक्ला फरार है।

दो अलग-अलग केस दर्ज
पहले अज्ञात आरोपी के खिलाफ मालिक पूनम कोचर की शिकायत पर धारा-294, 34, 394, 427, 506 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। मामले को गम्भीरता से लेते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकजितेन्द्र सिंह मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  डी.आर. पोर्ते द्वारा घटना स्थल पहुंचकर घटना स्थल का निरीक्षण कर उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों को अत्यावष्यक दिषा-निर्देष दिया गया। वारदात घटित कर लूट की रकम व अन्य सामान लेकर फरार हुये आरोपियों की बरामदगी व गिरफ्तारी हेतु नगर पुलिस अधीक्षक राजहरा  अब्दुल अलिम खान के पर्यवेक्षण में तथा पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बालोद  दिनेश कुमार सिन्हा के नेतृत्व में निरीक्षक  मनीष शर्मा थाना प्रभारी डौण्डीलोहारा, निरीक्षक  कुमार गौरव साहू ,निरीक्षक  रोहित मालेकर ,निरीक्षक  भानुप्रताप साव के साथ एक विशेष टीम तैयार किया गया।  टीम के द्वारा प्रार्थी पूनम कोचर ,सेल्समैन अक्षय तिवारी व सचिन महोबिया से बारीकी से पूछताछ कर अपने मुखबीर तंत्र ,सीसीटीवी फुटेज एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की सघन पता तलाश कर पकड़ा गया । अब घटना में धारा 407, 408, 120 भी दर्ज हुआ है।


मुख्य आरोपी अक्षय ने भी उगला सब कुछ   

सबूत मिलने के बाद मामले में अक्षय तिवारी से कड़ाई से पूछताछ करने पर यह ज्ञात हुआ कि वह मोबाईल व्यवसायी पूनम कोचर के राजनांदगांव स्थित उसके मोबाईल दुकान में बतौर सेल्समेन व ड्रायवर पिछले 04-05 वर्षों से कार्य कर रहा था। इस दौरान वह राजनांदगांव से देवरी, लोहारा, राजहरा, डौण्डी, भानुप्रतापपुर, पखंाजुर के मोबाईल दुकानदारों को मोबाईल सप्लाई करना व उनसे रकम की वसूली करने का कार्य करता था। वसूली से प्राप्त लाखों रूपये को वह हमेशा ही राजनांदगांव पहुंचाकर अपने मालिक पूनम कोचर को देता था। इस प्रकार वह अपने सेठ का विश्वास जीत लिया था। इसी का फायदा उठाते हुए लालच में आकर लगभग 03-04 महिने पहले स्वंय व अपने फुफेरा भाई ऋषभ शुक्ला के साथ नाटकीय ढंग से योजना बनाया। इसके लिए इन्होनें सिकोला भाठा दुर्ग के अपने 02 अन्य साथियों रनजोत सिंह उर्फ षिबू व दिलप्रीत सिंह को प्लान के बारे में विस्तार से समझाकर घटना स्थल व रूट का पूर्व से अभ्यास भी किया ।घटना दिनांक को पूर्व प्लान के मुताबिक जब आरोपी अक्षय तिवारी अपने सहकर्मी सचिन महोबिया के साथ पंखाजूर , भानुप्रतापपुर, बांदे ,दुर्ग कोंदल , दल्लीराजहरा आादि जगहों में मोबाईल बेचकर वसूली की रकम लेकर वापस राजनांदगांव की ओर आ रहे थे। तब पूर्व सुनियोजित योजना के मुताबिक ग्राम जाटादाह के थोडा दूर पूर्व पल्सर मोटर सायकल से आयें उनके साथी रंजोत सिंह उर्फ षिबू व दिलप्रीत सिंह को अक्षय तिवारी अपनी कार होण्डा सिटी से देखकर पूर्व से बैठे हुए शिबू और दिलप्रीत को अपने गाडी का हार्न बजाकर तथा कार के लाईट को अपर डिपर कर ईशारा किया गया।  उसकी गाडी आगेे धीरे-धीरे बढते देख शिबू और दिलप्रीत अपने मोटर सायकल सेे अक्षय की कार का पीछा करते आये और ग्राम जाटादाह के पहले वालेे नाला को क्रास करते ही अक्षय तिवारी ने डामर रोड से नीचे कार को उतार कर नाली के पास लेजाकर खड़ा कर दिया। जिससे दिलप्रीत व षिबू के द्वारा बाईक वहीं खड़ी कर अपने पास रखे हथौड़े से ड्रायवर साईड वाली कांच को तोड़ दिया। चूकिं कार में उसके साथ सहकर्मी सचिन महोबिया भी था इसलिए  इन दोनो के द्वारा उनसे मारपीट का नाटक कर जबरदस्ती दरवाजे को खोलकर रकम व अन्य सामान वाले बैग को लूट कर ले गये। तब अक्षय और सचिन वहा से 01 कि.मी. आगे आकर ग्राम जाटादाह तालाब किनारे मंदिर पास कार कोे रोककर कार के पीछे चक्का का हवा खोलकर पीछेे पंचर होना जैसे दिखाये तथा सचिन ने सेठ पूनम कोचर को फोन कर घटना के बारे में बताया कि हमें लूट लिया गया है। उसके बाद लूट को देखने वाले सही माने, यह सोचकर अक्षय और सचिन ने अपने-अपने बैग को जो कार के पीछे सीट में रखा था वही पर तालाब में फेंक दिये। कुछ दिन बाद इस रकम को आपस में बाटनें का प्लान बनाये थे। प्लान के मुताबिक कुल रकम में से सचिन महोबिया, दिलप्रीत सिंह तथा रंजोत सिंह उर्फ षिबू को 01-01 लाख रूपये एवं स्वयं घटना के मास्टर मांइड अक्षय तिवारी व ऋषभ शुक्ला 05-05 लाख रूपये आपस में बांटना तय किये थे।   प्रकरण का 01 आरोपी ऋषभ शुक्ला पिता विजय शुक्ला निवासी सिकोला दुर्ग फरार है।

ये है गिरफ्तार आरोपीगण
अक्षय तिवारी पिता बालमुकुद तिवारी उम्र 28 साल पता प्रेमनगर सिकोला भाठा थाना मोहनगर जिला दुर्ग (छ0ग0)सचिन महोबिया पिता संतोष कुमार महोबिया उम्र 27 वर्ष साकिन चौखडिया पारा वैष्णव देवी मंदिर पास राजनांदगांव वार्ड क्र 39 थाना बसंतपुर जिला राजनांदगांव (छ0ग0)रंजोत सिंह उर्फ शिबू बोपाराय पिता गुरमीत सिंह बोपाराय उम्र 24 वर्ष साकिन स्टेशन पारा तितुरडीह दुर्ग थाना मोहन नगर जिला दुर्ग (छ0ग0)दिलप्रीत सिंह भुट्टर पिता निरंजन सिंह भुट्टर उम्र 24 वर्ष साकिन वार्ड नंबर 14 प्रेमनगर सिकोला भाठा दुर्ग थाना मोहन नगर जिला दुर्ग (छ0ग0)

केस को सुलझाने में इनकी भूमिका         

 उक्त लूट के प्रकरण को सुलझाने व आरोपियो की गिरफ्तारी मे डीएसपी श्री दिनेष कुमार सिन्हा, नगर पुलिस अधीक्षक राजहरा श्री अब्दुल अलीम खान ,निरीक्षक मनीष शर्मा थाना प्रभारी डौण्डीलोहारा, निरीक्षक कुमार गौरव साहू ,निरीक्षक श्री रोहित मालेकर , निरीक्षक श्री भानुप्रताप साव, उपनिरीक्षक हरि शंकर साहू, सउनि धरम भूआर्य , प्रधान आरक्षक भुनेष्वर मरकाम ,महिला प्र.आरक्षक सीता गोस्वामी सायबर सेल से प्र.आरक्षक रूमलाल चुरेन्द्र, आरक्षक पूरन देवंागन, आरक्षक विपिन गुप्ता, आरक्षक राहुल मनहरे, आरक्षक संदीप यादव ,आरक्षक विवेक शाही ,आरक्षक मिथलेष यादव ,आरक्षक योगेष पटेल थाना डौण्डीलोहारा से आरक्षक यज्ञदत्त, आरक्षक केहर नेताम, पिपेश्वर बंजारे तथा जिला दुर्ग से थाना प्रभारी मोहन नगर निरीक्षक श्री बृजेष कुषवाहा तथा उनकी टीम की सराहनीय भूमिका रही।

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