बालोद। प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए अब बाहर से आने वाले हार्वेस्टर ट्रैक्टर व थ्रेसर चालकों पर भी नजर रखी जाएगी, क्योंकि इनके जरिए कोरोना फैलने का भी खतरा रहता है। कई किसान खासतौर से बड़े किसान इनके साथ सांठगांठ करके इन बाहर से आने वाले चालकों व उनके संचालकों को चोरी छिपे गांव में प्रवेश दे देते हैं और बाद में जब एक ये कोरोना के शिकार होते हैं या पहले से कोरोना पीड़ित रहते हैं, तो कई लोगों तक संक्रमण फैलने का डर रहता है।
ऐसी स्थिति को देखते हुए प्रशासन इन पर नियंत्रण रखने का इंतजाम कर रही है और इसी के मद्देनजर एक नया आदेश जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि वर्तमान नोबेल कोरोनावायरस कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु अन्य राज्यों या जिलों से फसल कटाई के प्रयोजन से आने वाले (हार्वेस्टर थ्रेशर ट्रैक्टर) व्यक्तियों के लिए यह आदेश जारी किया जाता है कि पिछले 72 घंटों के भीतर के आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर उन्हें गंतव्य स्थान में जाने की अनुमति होगी, अन्यथा उनका कोरोना टेस्ट किया जाएगा तथा टेस्ट निगेटिव पाए जाने पर ही गंतव्य स्थान में जाने की अनुमति होगी, तो वही दूसरा नियम लागू किया गया है कि यदि किसी भी व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जाती है तो ऐसे व्यक्ति हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
कलेक्टर द्वारा जारी उक्त आदेश से चोरी चुपके गांव में दूसरे राज्य या जिले से आने वाले हार्वेस्टर चालकों के बीच हड़कंप की स्थिति मची हुई है, तो वही संबंधित विभाग के अफसरों द्वारा किसानों से अपील भी की गई है कि वे किसी को बिना जांच या प्रमाण के पनाह ना दे। वरना अगर इसमें किसानों की संलिप्तता पाई जाती है और बाद में उक्त व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं, तो मामले में किसानों के ऊपर भी कार्रवाई हो सकती है। अक्सर वही होता है कि जैसे ही खेती किसानी का सीजन आता है, खासतौर से फसल कटाई की नौबत आती है, तो किसान स्थानीय हार्वेस्टर ना मिलने पर पंजाब हरियाणा व आसपास के राज्यों से हार्वेस्टर मंगवाते हैं। कई ऐसे हार्वेस्टर संचालक भी होते हैं, जो गाड़ियां पहले से ही यहां छोड़ कर गए रहते हैं और जैसे ही सीजन आता है, उनके ड्राइवर यहां पहुंचते हैं और धान कटाई की जाती है। ऐसे में नियमों की अनदेखी भी देखने को मिलती है। ऐसे हार्वेस्टर चालक और संचालक किराए के मकानों में ठहरते हैं, तो ऐसे में मकान मालिक की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह सभी दस्तावेज जांच परख कर के उन्हें मकान में जगह दे। उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव तो नहीं है, इसकी पुष्टि करें। उनकी रिपोर्ट निगेटिव होने पर या शासन से जो निर्देश प्राप्त हुआ है, उसके अनुसार निगेटिव होने पर ही उन्हें वहां ठहरने की इजाजत दी जाए। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए यह बहुत ही जरूरी हो गया है कि बाहर आने वाले लोगों की निगरानी गंभीरता से हो और इसी के मद्देनजर उक्त आदेश जारी किया गया है, जिससे ऐसे बाहरी लोगों पर सख्ती भी बरती जाएगी।
जारी आदेश में महत्वपूर्ण बात यह है कि पिछले 72 घंटों के भीतर की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए, वरना उन लोगों को जहां वे जाना चाह रहे हैं वहां तक जाने की इजाजत नहीं मिलेगी। अगर ऐसी दशा में वे कहीं से बिना चेकिंग के चोरी-छिपे प्रवेश करते हैं और बाद में पकड़े जाते हैं, तो उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।