November 22, 2024

ये कैसा मजाक? हार्ट अटैक से हुई मौत, अंतिम संस्कार के पहले कोटवार ने बताया मैसेज आया है कोरोना पॉजिटिव का, रिश्तेदार मुक्तिधाम से भागे, पढ़िये गुरुर के इस गांव का किस्सा

तस्वीर- मृतक धनंजय साहू जिनकी हार्ट अटैक से मौत हुई

गुरुर/बालोदगुरुर ब्लाक के ग्राम बोहारडीह में कोरोना पॉजिटिव की गलत रिपोर्ट के चलते गांव में कोरोना से मौत की अफवाह उड़ गई। तो वही लोग अंतिम संस्कार के दौरान मुक्तिधाम से भाग खड़े हुए। जबकि मृतक धनंजय साहू उम्र 75 वर्ष की मौत हार्ट अटैक से हुई थी। उनके पेट में दर्द था। परिजन उन्हें इलाज के लिए गए गुरुर अस्पताल ले गए थे जहां से उन्हें बठेना धमतरी रिफर किया गया था। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। गुरुर में जब उनका कोरोना जांच कराया गया तो रिपोर्ट निगेटिव थी। जिसे रेफर करते वक्त पर्ची में भी लिखा गया था। पर जब 1 मई को अंतिम संस्कार के लिए उनके शव को मुक्तिधाम ले जाया गया इस बीच कई रिश्तेदार व ग्रामीण भी वहां मौजूद थे। तभी गांव के कोटवार ने बताया कि हमारे पास मैसेज आया है कि धनंजय साहू की मौत कोरोना से हुई है और वह ग्रामीणों को मैसेज दिखाने लगा। जबकि परिजनों के पास ऐसा कोई मैसेज नहीं आया था, ना ही स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें कोई सूचित किया था। क्योंकि पहले ही उन्हें पॉजिटिव के बजाय रिपोर्ट निगेटिव होने का प्रमाण दे दिया था। लेकिन ग्रामीण कोटवार की बातों में आ गए और कोरोना से मौत मानकर मुक्तिधाम से ही भाग निकले। इस पर परिजन नाराज हुए व स्वास्थ्य विभाग से पुष्टि के लिए दुबारा गुरूर अस्पताल पहुंचे। जहां बीएमओ डॉ जीआर रावटे ने उन्हें लिखित में दिया कि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं बल्कि नेगेटिव थी।

एंटीजन टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव

तो वही कोटवार को प्राप्त मैसेज को लेकर बीएमओ का कहना था कि हो सकता है कि नंबरिंग में गलती हुई होगी और यह मैसेज धोखे से इनके नाम से प्राप्त हुआ होगा। तो वहीं मैसेज में जो मोबाइल नंबर दिया है वह भी धनंजय साहू या उनके परिवार का नहीं है बल्कि किसी दूसरे जिले के डॉक्टर का नंबर है। इससे स्पष्ट पता चल रहा है कि विभागीय त्रुटि की वजह से ऐसा हुआ है। मृतक धनंजय कुमार साहू उम्र 75 की मौत हार्ट अटैक से हुई पर कोटवार को प्राप्त मैसेज दूसरे कर था जिसे वह सही मानकर गांव वालों को कोरोना पॉजिटिव बताने लगा। पर इसकी वजह से अफवाह ऐसा उड़ा कि अंतिम संस्कार में शामिल हुए रिश्तेदार और ग्रामीण वहां से भाग गए और अब कोई उनके घर में जाने से कतरा रहा है। जबकि कोरोना से मौत ही नहीं हुई है।

घटना की कहानी,पोते की जुबानी

मृतक के पोते राजेन्द्र कुमार साहू ने बताया कि उनके दादा को 30 अप्रैल को पेट दर्द होने पर शाम 5:30 बजे गुरुर के सरकारी अस्पताल में ले गए थे। जहां स्थिति में सुधार नही होने पर उन्हें 7 बजे के आसपास रिफर किया गया। 7:30 के बाद हम बठेना धमतरी अस्पताल पहुंचे। जहां उन्हें जनरल वार्ड में भर्ती कराया गया था। क्योंकि उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव थी। दूसरे दिन 1 मई को दोपहर करीब 12 बजे इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। उसी दिन दोपहर 3 बजे हम अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम ले गए। जहां कई ग्रामीण और रिश्तेदार भी पहुंचे हुए थे। क्योंकि हार्टअटैक से उनकी मौत हुई थी। पर कोटवार द्वारा अचानक आकर कहा गया कि रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हमारे पास मैसेज आया है जबकि घर वालों के पास ऐसा कोई मैसेज नहीं आया था, न हीं विभाग ने कोई सूचना दी थी। एंटीजन टेस्ट में रिपोर्ट नेगेटिव होने की पर्ची हमें दी गई थी पर कोटवार मैसेज को सही बता कर गांव वालों को जानकारी देता रहा कि रिपोर्ट पॉजिटिव है। जिसके बाद गांव में अफवाह उड़ गया व लोग मुक्तिधाम से चले गए और अब हार्ट अटैक को भी कोरोना से मौत समझ रहे हैं जबकि यह विभागीय त्रुटि है। इसमें जिसने भी गलती की है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

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