गरीबों की रोजी रोटी की सुध लेने में पीछे है राज्य सरकार, योजना ऐसी बनाए कि कागज में न रहें :- शिवसेना
बालोद/डौंडीलोहारा
शिवसेना जिला सचिव हर्षवीर कसार ने राज्य सरकार पर अपनी ही पीठ थपथपा कर अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने का आरोप लगाते हुए कहा है कि शिवसेना के बार-बार गरीब तबके के लोगों के जीवन शैली में बदलाव लाने पलायन रोकने, राज्य में रोजगार के समुचित प्रबंध करने, गरीबों को आर्थिक रूप से संबल बनाने ध्यान दिलाते हुए राज्य सरकार से मांग की गई किंतु राज्य सरकार ने उक्त दिशा में किसी भी प्रकार की पहल नहीं कर राज्य के गरीबों दैनिक मजदूरी करने वाले श्रमिकों को छलने के सिवाय कुछ नहीं किया. राज्य की भूपेश सरकार की ढेरों योजनाएं धरातल पर नजर आ रही है. जिसमें गोबर खरीदी योजना तो पूरी तरह फ्लॉप हो गई. कुछ महीने की खरीदी में सरकार की योजना ने दम तोड़ दिया. इस तरह नरवा घुरवा बाड़ी योजना का भी बुरा हाल है. जिसमें निर्माण कार्यों की धज्जियां उड़ गई है. औसतहीन गुणवत्ताहीन निर्माण ने राज्य सरकार की नीतियों की पोल खोल कर रख दी है. क्या इसी तर्ज पर काम करते हुए भूपेश सरकार 5 साल पूरा करेगी? नई नीति वह भी उचित व दूरदर्शी नीतियों के साथ काम करनी चाहिए, जिससे राज्य की जनता का भला हो. अन्यथा राज्य की जनता के हाथ भूपेश सरकार की गलत चयन का पछतावा ही आएगा. अभी भी वक्त है राज्य की जनता की खुशहाली के लिए उन्हें आर्थिक रूप से संबल बनाने रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने योजनाबद्ध तरीके से गांव गांव में छोटे एवं कुटीर उद्योगों का ढांचा तैयार करें जो कि वास्तविक व धरातल पर हो, ना कि कागजों पर. शिवसेना नेता संदीप कसार ने भी छत्तीसगढ़ सरकार व शासन प्रशासन से जल्द से जल्द ग्रामीण जनों के मनरेगा कार्यो का भुगतान व प्रधानमंत्री आवास योजना की किस्तों का भुगतान कर हितग्राहियों को सहयोग व संबल प्रदान करने की बात कही है. साथ ही दैनिक रोजी मजदूरी कर पेट पालने वालों की दशा पर फोकस करते हुए उन्हें आर्थिक सहयोग प्रदान करने की बात कही है जो कि ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक संस्थाओं की कमी के चलते उन्हें सहयोग नहीं मिल पाता साथ ही साथ ग्रामीण क्षेत्रों के साधन संपन्न व सेवाभावी लोगों से गरीबों व जरूरतमंदों को कोरोना काल में सहयोग की अपील की है.