लागू हो रहे लॉकडाउन में भाजपाइयों ने लगाया विसंगति का आरोप, तो प्रदेश सरकार की सूझबूझ पर उठाया सवाल, डॉक्टर्स से भी अपील पैसा कमाना छोड़ दिखाए मानवता
बालोद – सरकार के निर्देश पर लागू हो रहे लॉकडाउन में भाजपाइयों ने विसंगति का आरोप लगाया है इसके अलावा प्रदेश सरकार की सूझबूझ पर सवाल भी उठाया जा रहा है वहीं इस संकट में भी डॉक्टर्स से अपील की जा रही है की वे इलाज के नाम पर अधिक पैसा कमाना छोड़कर मानवता व दया दिखाए,,,, राकेश यादव प्रदेश मंत्री भाजपा ने कहा हम सब उन निजी अस्पताल संचालको डाक्टरो, जांच करने वाली संस्थाओं के लोगो से हाथ जोड़कर निवेदन करते है कि इस (कोरोना) संकट के समय मानवता कराह रही है, लोग त्राहि त्राहि कर रहे है ,यह समय पैसा कमाने का नही , सेवा करने का है. कागज के नोट खूब कमा भी लिए तो उनसे पेट नही भरने वाला, किन्तु यदि मानवता की सेवा कर ली तो आपकी सात पीढ़िया मोक्ष पा जाएगी. इसलिए जितना उचित है उतना लीजिए. ज्यादा मत कमाइए क्योकि बीमारी से मरीज मरता है और अस्पताल के भारी भरकम बिल से उसका परिवार. कैसे लोग इतनी व्यवस्था करे, यदि इतनी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी संवेदना नही है तो धिक्कार है ऐसी शिक्षा पर… ये हमारे संस्कार नही है. हमारे संस्कार तो वो संस्कार हैं कि इस देश को जब संकटकाल में धन की जरूरत पड़ी तो लोगो ने अपना सर्वस्व दान दे दिया, महिलाऐ माताओ, ने अपने मंगल सूत्र दे दिए.अपने मूल संस्कारो की ओर लौट आइए. पीड़ित मानवता की सहायता कीजिये. डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया है. समाज ने आपको अब भगवान बनकर दया दिखाइए…
कमलेश सोनी पूर्व अध्यक्ष/पार्षद ने कहा जिन सेवाओं को छूट दी गई है, ज़िला प्रशासन सुनिश्चित करे कि सेवा प्रदाता और लाभार्थी गाइडलाइन का पालन करते हुए सेनेटाइजेशन, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति अनुशासन का परिचय दें. अमित चोपड़ा पूर्व जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा ने कहा शासन गाईडलाइन में उचित मूल्य राशन दुकान प्रतिबन्धित श्रेणी रखा गया है जबकि अभी अप्रैल का राशन 30 40 प्रतिशत ही वितरण हुआ है, शत प्रतिशत वितरण हो विशेष ध्यान देने जरूरत है. सुरेश निर्मलकर अध्यक्ष भाजपा शहर मंडल बालोद ने कहा भारतीय जनता पार्टी शहर शहर मंडल ने कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र शनिवार शाम से प्रस्तावित लॉकडाउन को लेकर बालोद शहर कई स्थानों पर सामने आ रही विसंगतियों को लेकर प्रदेश सरकार की सूझबूझ पर सवाल खड़ा किया है। लॉकडाउन का आदेश जारी करने से पहले प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को दैनिक ज़रूरतों की चीजों और राशन आदि की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करना था. जिससे भारी अफ़रा-तफ़री का माहौल नहीं दिखता. जो शुक्रवार को विभिन्न स्थानों पर दिखा. लॉकडाउन की घोषणा और संभावना से कालाबजारी और निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर दैनिक जरूरते की चीजों और राशन आदि बेचे जाने की शिकायत आ रही है. प्रदेश के दीग़र ज़िलों में भी लॉकडाउन की घोषणा और उसकी संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए.