आखिर पूर्व विधायक राजेंद्र राय ने सीएम पर क्यों लगाया आरोप- कलेक्टर को बना रहे हैं बलि का बकरा? पढ़िए यह मामला
बालोद/ गुंडरदेही। गुंडरदेही विधानसभा के पूर्व विधायक व वर्तमान भाजपा नेता राजेंद्र राय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर छत्तीसगढ़ के सभी कलेक्टर को बलि का बकरा बनाये जाने का आरोप लगाया है। उनका यह आरोप लॉक डाउन के फैसले को लेकर है। क्योंकि स्थिति बिगड़ रही है ऐसे में मुख्यमंत्री स्वयं किसी तरह का फैसला लेने से बचने के बजाय कलेक्टर पर फैसला छोड़ दिए हैं। पूर्व विधायक राजेंद्र ने कहा कि यह भूपेश की चाल है। खुद जिम्मेदारी उठाने के बजाय कलेक्टर्स पर जिम्मेदारी डाल दिया है। कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ के सभी कलेक्टर बलि के बकरे बन गए हैं। उन्होंने कहा कि जिसका डर था वही हो रहा है। रायपुर में आयोजित क्रिकेट से कोरोना संक्रमण इस तेजी से बढ़ रहा है कि कुछ जिलों में लॉकडाउन की नौबत आ गई है। दुर्ग में जो कोरोना बढ़ा है लगातार जो मौतें हो रही, उसमें सर्वे रिपोर्ट में भी यही बात आई हैं कि जो मरीज पाए जा रहे हैं उनमें अधिकतर क्रिकेट देखने के लिए गए थे। या उनके परिवार का कोई सदस्य गया हुआ था। वहां से आने के बाद संक्रमण तेजी से फैल रहा है। सुरक्षा व्यवस्था का किसी तरह का ध्यान क्रिकेट के आयोजन में नहीं रखा गया था। यह दुर्भाग्य है कि सरकार ने तो क्रिकेट करवाने की छूट दे दी लेकिन होली के आयोजन पर प्रतिबंध लगाया गया था। हम चाहते हैं कि सुरक्षा व्यवस्था हो, पर लापरवाही भी ना हो। आज क्रिकेट के आयोजन जहां हजारों लाखों की भीड़ इकट्ठा थी बिना किसी सुरक्षा के आयोजन हुआ उसका दुष्परिणाम कोरोना का बढ़ता संक्रमण व मौत है।
राय ने कहा कोरोना नियंत्रण में भूपेश बघेल सरकार असफल साबित हुई है। मुख्यमंत्री का ही दुर्ग ज़िला कोरोना का क़हर झेल रहा है पर मुख्य मंत्री सहित प्रदेश के मंत्रियो ने अपना हाथ खिंच दिया है ।जवाबदारी से बचने ज़िलों के कलेक्टर्स को बलि का बकरा बनाया गया है। सीएम असम चुनाव में बिज़ी हैं,क्या सरकार पीड़ितों को बचा पाएगी? ये सवाल आज जनता भी पूछ रही।
क्या कांग्रेस सरकार में सक्षम मंत्री तक नहीं जो फैसले ले सके?
अंत में पूर्व विधायक राजेंद्र राय ने एक सवाल यह भी उठाया है कि अगर सीएम कहीं बाहर होते हैं तो किसी मंत्री को प्रभारी सीएम बना कर आकस्मिक या आपातकाल की स्थिति में फैसले लिए जा सकते हैं। पर छत्तीसगढ़ में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं दिख रही। सीएम असम चुनाव के नाम से बाहर हैं तो यहां कोरोना संकट को लेकर ठोस फैसला नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि क्या छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार में कोई सक्षम मंत्री तक नहीं है जिन्हें प्रभारी सीएम बनाया जा सके और ऐसे संकट की घड़ी में फैसले लिए जा सके। पर यहां तो हाल ही कुछ दूसरा है जो किसी से छिपी नहीं है।