November 22, 2024

अलग अंदाज में मना महिला दिवस- जिनके कोख से जन्मे ख़ास बच्चे उन माताओं का सम्मान करने उनके घर तक पहुंचे भाजपाई. प्रदेश मंत्री राकेश यादव की अगुवाई में हुई अनूठी पहल

बालोद– जिले के वृद्धजन महिलाओं का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन भारतीय जनता पार्टी के द्वारा घरों में जाकर आशीर्वाद लेकर श्रीफल और साल देकर उन्हें सम्मानित किया गया। वहीं युवा पीढ़ी को बुजुर्गो द्वारा किये गए अनोखे कार्यो और साहसिक कार्यो के बारे में बताया गया कि उन बुजुर्ग महिलाओ द्वारा कितना अनोखा काम किया गया है। जिसके कारण आज जिले मे जो डॉक्टर, आईपीएस, नर्स, इंजिनियर व अन्य अधिकारी जो उपलब्धि हासिल किये है। उनके पीछे उन बुजुर्ग माताओं का कितना सहयोग रहा है। जिन्होंने गरीबी, भुखमरी, और अनपढ़ रहते हुए भी अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर इस काबिल बना दिया कि उनके कारण आज पुरे जिले मे अनोखी पहचान है। जिनके उत्कृष्ट कर्मो को नहीं भुला जा सकता। जिन्हे भारतीय जनता पार्टी के द्वारा घरों में मिलकर उन बुजुर्ग महिलाओ का सम्मान किया गया। जिससे बुजुर्ग महिलाएं बहुत ही ज्यादा खुश हुई। जिनकी खुशी का असर उनकी आँखो और उनके स्वभाव से पता चल रहा था। जो ज्यादा कुछ बोले बिना ही बहुत कुछ बयाँ कर रही थी। जो अनमोल रत्न इन बुजुर्ग महिलाओ ने बालोद वासियों को दिए है।

पढ़िए उन माताओं की कहानी जिसके कारण बालोद को अनमोल रत्न प्राप्त हुए है,,,

पहली महिला हैं-बालोद शिकारीपारा में दसमत बाई का सम्मान किया गया। जिनके घर मे 6 डॉक्टर, 2 ईई, 2 एसडीओ, 2 बीएसपी कर्मी, 1लेखापाल अधिकारी, 1 सेलटैक्स कमिश्नर और एक बेटा वर्तमान मे सुरेश निर्मलकर बालोद शहर मंडल का अध्यक्ष है।

दूसरी महिला हैं– बीना देवी अग्रवाल उम्र लगभग 78वर्ष, जिनका परिवार पुरे बालोद के लिए वरदान साबित है। बालोद जिले को एक डॉक्टर का परिवार मिला है। जो चिकित्सा के क्षेत्र में पूरे जिले में प्रसिद्ध है। जो अपने बच्चे को पढ़ा लिखा कर इस काबिल बनाया कि उनके द्वारा आज जिले के विभिन्न प्रकार के बीमारियों से लड़ रहें लोगों का इलाज हो पा रहा है। जिसके कारण आज जिले के लोगों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ रहा है। वहीं इनके पूर्वजों द्वारा दान किया गया जमीन आज सरयू प्रसाद स्टेडियम के नाम से जिले में प्रसिद्ध है। जो वर्तमान में बालोद वासियों के लिए एक अनोखा मैदान है। जहाँ पर बच्चे आज भी खेल और मनोरंजन के लिए पहुँचते है।

तीसरी महिला हैं- माता सूरज देवी चौरड़िया उम्र 82वर्ष, जिन्होंने दो बेटे और एक बेटी को जन्म दिया। जिसमे से एक डॉक्टर प्रदीप जैन है। जिसके कारण आज जिले के विभिन्न बीमारियों से ग्रसित लोगों का इलाज बालोद जिले मे संभव हो रहा है। जो वर्तमान में बालोद जिले के बड़े डॉक्टरो में से एक हैं।

चौथी महिला हैं – खरथुली निवासी माता हेमिन बाई ठाकुर उम्र लगभग 101वर्ष है। जिनका सम्मान किया गया। जिनके पति का निधन हुआ तब उनके दो बेटे थे। जो बहुत ही छोटे थे । बड़ा बेटा हिरा सिंग ठाकुर का उम्र लगभग तीन वर्ष था और बेटा भीषण लाल ठाकुर का उम्र डेढ़ वर्ष के थे। तब इनकी माँ ने अपने दोनों बच्चों को पढ़ा लिखा कर इस काबिल बनाया कि भीषण लाल ठाकुर ने 1974 में मेरिट सूची में आकर बालोद जिला सहित पुरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है। जिनकी माँ एक अनपढ़ महिला है। जिनका छोटा बेटा 1976 में बालोद जिले से डिप्टी कलेक्टर बना। जिसके बाद 1989 में आईईएस अधिकारी बना। जिसके बाद 2008 में बालोद जिले का पहला पीएससी अध्यक्ष के रूप मे भीषण लाल ठाकुर का चयन हुआ था। जो वर्तमान समय में गांव मे अपनी माँ और अपने संयुक्त परिवार के साथ जिंदगी जी रहें है।

इस उत्कृष्ट कार्यो और उनके अनमोल पहल के लिए जिन्होंने ने नींव की ईट बनकर अपना कर्तव्यों का निर्वहन किया, उन्हें अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर भारतीय जनता पार्टी द्वारा सम्मानित किया गया। इस मौके पर राकेश यादव प्रदेश मंत्री भाजपा बालोद , सुरेश निर्मलकर अध्यक्ष बालोद शहर मंडल, अमित चोपड़ा पूर्व युवा मोर्चा अध्यक्ष, सुरेंद्र देशमुख, कैलाश चांडक, नरेंद्र सोनवानी, राहुल सोनी बालोद सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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