शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान गुरूर में समर्पित संस्था की जमाकर्ता शिक्षा व जागरुकता कार्यशाला संपन्न

गुरुर।
शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान गुरूर में भारतीय रिजर्व बैंक की जमाकर्ता शिक्षा व जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बैंक उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों एवं उनके हितार्थ वित्तीय योजनाओं के प्रति जागरुक करना है। कार्यक्रम में जिला लीड बैंक से श्री सौरभ जैन, शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य श्री एनके साहू उपस्थित थे। कार्यशाला में श्री सौरभ जैन ने कहा कि वित्तीय शिक्षा वर्तमान समय कि महत्वपूर्ण आवश्यकता है क्योंकि वित्तीय समझ से व्यक्ति अपनी व परिवार की वित्तीय व्यवस्था को सुव्यवस्तिथ कर सकता है। उन्होंनें कहा कि बैंक से जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति का यह अधिकार है कि वह अपने जमा धन व निवेश की विस्तृत जानकारी बैंक प्रबंधन से प्राप्त कर सकता है और यदि बैंक प्रबंधन जानकारी नहीं देता है तो उसे तत्काल बैंकिंग लोकपाल से संपर्क करना चाहिए। श्री सौरभ जैन ने उपस्तिथ छात्र एवं छात्राएं के उत्साह को देखते हुये कहा कि वित्तीय मामलों की जानकारी के प्रति छात्राओं की यह ललक इस बात का परिचायक है कि अब समाज में व्यापक बदलाव आने वाला है। कार्यक्रम के उद्देश्य के विषय में जानकारी देते हुये ’समर्पित संस्था के अध्यक्ष डाॅ. संदीप शर्मा ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक से जुडे़ उपभोक्ताओं के सामने आने वाली विभिन्न परेशानियों को देखते हुये उन्हें जागरुक करने के लिये जमाकर्ता शिक्षा और जागरुकता कार्यक्रम की शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि जमाकर्ता अपने अधिकार और वित्तीय शिक्षा के प्रति अज्ञानता के कारण ही लगातार चिटफंड कंपनी, ऑनलाइन शाॅपिंग, दूरभाष में ए.टी.एम. की जानकारी आदि माध्यमों से ठगी का शिकार हो रहा है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए कार्यशाला के माध्यम से बैंक उपभोक्ताओं को जागरुक बनाया जा रहा है। डाॅ. संदीप शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिये भारतीय रिजर्व बैंक ने पूरेदेश भर से मात्र 20 संस्थाओं का चयन किया है और उसमें से समर्पित संस्था एक है। इसके साथ ही इस कार्यक्रम के लिये चयनित होने वाली समर्पित संस्था छत्तीसगढ़ की एकमात्र संस्था है। कार्यशाला में उपस्थित बैंक प्रतिनिधियों व मास्टर ट्रेनर श्री हितेश मिश्रा व संतोषी बघेल ने बैंक खाता खुलवाने, उसका संचालन, बचत योजना, वित का प्रबंधन, के.वाय.सी. प्रक्रिया, बैंक ऋण, ऋण संबंधित उपभोक्ताओं के अधिकार, जमाकर्ताओं के अधिकार, बैंकिंग लोकपाल, चिटफंड कंपनियों, नान बैंकिंग फाइनेंस कंपनी आदि की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।