जनवादी लेखक संघ की वैचारिक संगोष्ठी में शहीद दुर्वाशा लाल निषाद का कृतित्व एवं बालोद जिले का सॉंस्कृतिक इतिहास पुस्तक लेखन पर विचार
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बालोद। बालोद ब्लॉक के ग्राम कोहंगाटोला में 28 जनवरी 2025 की संध्या 3 बजे वैचारिक गोष्ठी एवं जनवादी कवि सम्मेलन सम्पन्न हुआ। आयोजन के मुख्य अतिथि जनवादी लेखक संघ छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष डॉ. परदेशीराम वर्मा रहे अध्यक्षता श्रीमती गंगादेवी साहू ने की, कारगिल शहीद दुर्वाशा लाल निषाद के पिता मुनीलाल निषाद एवं साहित्यकार बद्री प्रसाद पारकर विशिष्ट अतिथि रहे। कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी रायपुर के उद्घोषक लव कुमार सिंह आरव ने की।
भारत माता की पूजा अर्चना एवं अतिथि स्वागत के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। जनवादी लेखक संघ के जिला संयोजक अशोक आकाश ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया। विचार गोष्ठी का विषय “छत्तीसगढ़ के साहित्यकारों का वर्तमान साहित्यिक रुझान” पर चर्चा करते मुख्य अतिथि डॉ.परदेशी राम वर्मा ने कहा कि आदि काल से लोग लोकप्रियता हासिल करने साहित्य लेखन करते हैं, समय और देश की स्थितियों पर रचना करने वाले, सही दृष्टि रखने वाले रचनाकार ही जनप्रिय होते हैं। हमारा आज का समय कठिन है। विशेषकर छत्तीसगढ़ में भाषा और अस्मिता को लेकर लेखक समुदाय, संस्कृतिकर्मी चिंतित हैं। छत्तीसगढ़ राज्य बनाने का प्रमुख उद्देश्य छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति तथा छत्तीसगढ़ के आम जन का हित चिंतन ही था। लेकिन आज भाषा और संस्कृति के क्षेत्र में स्थानीयता को महत्वहीन करने वाले पूरी तरह अपनी योजना में सफल हो रहे हैं। साहित्यकार बद्रीप्रसाद पारकर ने कहा छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़िया परदेशिया होने की कगार में है। सड़क के किनारे की जमीन छत्तीसगढ़िया बेच रहे हैं यह हमारी सभ्यता संस्कृति के विरुद्ध है इसके लिये जनजागरण करने वाले साहित्य लेखन कर साहित्यकार संस्कृति एवं सभ्यता की रक्षा करने आगे आये।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि समाजसेवी मुनीलाल निषाद ने सभा को सम्बोधित करते कहा मेरे शहीद पुत्र दुर्वाशा लाल निषाद का कर्ज चुकाने उस पर लेखन कर मैने बालोद जिले की धरा पर विराजमान विशिष्ट धरोहरों को देश दुनिया के सामने लाने का प्रयास कर रहा हूँ। उन्होंने अपने पुत्र देवरी गाँव के शहीद दुर्वाशालाल निषाद के जीवन एवं बालोद जिले के इतिहास को लेकर ग्रंथ प्रकाशन पर प्रकाश डाला। उल्लेखनीय है कि उक्त ग्रंथ में बालोद जिले के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.अशोक आकाश ने बालोद जिले की विशिष्ट धरोहर एवं व्यक्तित्व पर लेखन किया है जिसे प्रकाशन एवं सम्पादन हेतु पुस्तक के सम्पादक डॉ.परदेशी राम वर्मा को भेंट किया गया। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में जनवादी लेखक संघ जिला बालोद के जनवादी कवियों ने काव्य पाठ किया। मानपुर मोहला से आये शायर इकबाल खान तनहा ने एकता एवं मेल मिलाप के महत्व पर गजल प्रस्तुत किया। गुमान साहू मटेवा ने छत्तीसगढ़ियों के जागरण पर गीत प्रस्तुत किया, देवनारायण नगरिहा ने त्याग और बलिदान ही अपना धर्म महान है गीत की प्रस्तुत दी ।श्रीमती हर्षा देवांगन ने देश भक्ति पर भावपूर्ण संदेश अभिव्यक्त किया, लालेश्वर अरुणाभ ने वाह रे आज के मनखे शीर्षक कविता प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के आयोजक डॉ. अशोक आकाश ने घंटी और तलवार कविता के माध्यम से लड़की और लड़का में भेद न करने का बड़ा संदेश दिया। गायत्री साहू ने स्वरचित सुमधुर गीत की प्रस्तुति दी। संचालन कर रहे कवि लव कुमार सिंह आरव ने बेहतरीन संचालन से सभा को ऊँचाई प्रदान किया। कार्यक्रम में श्रीमती पूर्णिमा सिन्हा एवं श्रीमती हेमलता साहू का सहयोग सराहनीय रहा। डॉ.अशोक आकाश के आभार प्रदर्शन के साथ सभा समापन की घोषणा की गई।