एन एच एम कर्मियों में है भारी आक्रोश
बालोद। छत्तीसगढ़ प्रदेश एन एच एम कर्मचारी संघ की बड़ी बैठक गुरुघासीदास प्लाजा रायपुर में हुई. जिसमें बालोद सहित 33 जिलों से एन एच एम स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष एवं नेतृत्वकर्ता उपस्थित हुए। विधानसभा शीतकालीन सत्र 16 से 20 दिसम्बर को देखते हुए बड़ा आंदोलन करने की तैयारी और रणनीति बनाया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित मिरी ने बताया की प्रदेश एन एच एम कर्मचारी अपने लंबित मांग नियमितीकरण स्थाईकरन, घोषित 27%प्रतिशत वेतन वृद्धि सहित ग्रेड पेय स्केल सहित 18 बिंदु मांग को लेकर पिछले विधानसभा सत्र के दौरान भारी बारिश में विधानसभा घेरने निकले थे। साथ ही विभिन्न मंच के माध्यम से मुख्य मंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा,सहित स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को आवेदन देते आ रहे है, विगत दिनों श्याम बिहारी जायसवाल ने मीडिया के समक्ष एनएचएम कर्मचारियों को उनके लंबीत 27% प्रतिशत वेतन वृद्धि को तत्काल देने की बात बोलें थे, जो आजपर्यंत तक इन कर्मचारियों को अप्राप्त है। जिससे कर्मियों में भारी आक्रोश हैं.एनएचएम कर्मचारियों ने बताया कि उनके रेशलाइजेशन कमेटी वेतन विषगती, ग्रेड पेय स्केल निर्धारण के लिए बिना समय निर्धारण का कमेटी तो बनाया जाता हैं लेकिन कमेटी सिर्फ कमेटी बनकर ही रह जाता हैं। आज तक उसमें कोई निर्णय नहीं आता है। जिससे कर्मियों का समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाता है।
ज्ञात हो की पूर्व सरकार ने संविदा कर्मियों के लिए नियमितीकरण की घोषणा किया था लेकिन नियमितीकरण नहीं होने के कारण उक्त कर्मचारियों ने 31 दिनों के तुता रायपुर में बड़ा आंदोलन भी किया गया था। जिसमें भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में डॉ रमन सिंह, अरुण साव,विजय शर्मा, ओपी चौधरी, केदार कश्यप सहित प्रमुख नेता आंदोलन स्थल में पहुँचे हुए थे और भाजपा सरकार बनने पर 100 दिवस के अंदर एन एच एम संविदा कर्मियों के समस्त समस्याओं का निराकरण करने की बात बोला गया था । जो आज भाजपा सरकार को बने एक वर्ष से ज्यादा समय हो गया हैं उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है। प्रदेश एन एच एम कर्मचारी संघ के पदाधिकारीयों ने बताया की 8 दिसम्बर को प्रदेश स्तरीय मीटिंग रायपुर में किया गया है। जिसमें 33 जिलों के 16000 से ज्यादा कर्मचारी बैठक कर आगे की रणनीति तय किए है। एन एच एम कर्मचारियों के आंदोलन में चले जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, इन्ही कर्मचारियों के भरोसे अस्पताल की जिम्मेदारी टीका हुआ है। पुरे प्रदेश में आयुष्मान आरोग्य मंदिर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित जिला अस्पताल में इन कर्मचारियों की संख्या पूरे प्रदेश में 160000 से ज्यादा है। ओपीडी आईपीडी, संस्थागत प्रसव, आपातकालीन सेवा राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों का संचालन इत्यादि इन्ही कर्मचारियों के भरोसे संचालित किया जाता है।