तरौद में गैंग रेप कर गला दबाकर हत्या करने वाले आरोपीगणों को मिला आजीवन कारावास, दोस्त की गवाही से आरोपियों तक पहुंची थी पुलिस, अंधे कत्ल का था मामला

बालोद। सत्र न्यायाधीश डॉ० प्रज्ञा पचौरी, बालोद, जिला बालोद (छ.ग.) के द्वारा तीन आरोपी ओमप्रकाश उर्फ टेटे पिता जगलू राम साहू, उम्र 18 वर्ष 08 माह, नीरज कुमार पिता अनुजराम पटेल, उम्र 19 वर्ष, और गुलशन कुमार पिता नंदलाल ठाकुर, उम्र 25 वर्ष, तीनो निवासी भाठापारा, तरौद, थाना व जिला बालोद (छ.ग.) को भादवि की धारा 450/34 के आरोप में तीनों को 10-10-10 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000-1000-1000/- रू अर्थदण्ड भा.द.वि. की धारा 376 (घ) के आरोप में तीनों को आजीवन कारावास (जिसका अभिप्राय उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिये कारावास) य 20,000-20,000-20,000/- रूपये अर्थदण्ड भादवि की धारा 302 के आरोप में तीनों को आजीवन कारावास व 20,000-20,000-20,000/- रूपये अर्थदण्ड तथा भा.द.वि. की धारा 201 के आरोप में तीनों को 07-07-07 (वर्ष 1,000-1,000-1,000/- रुपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण की पैरवी शासन की ओर से भगवती प्रसाद साहू, विशेष लोक अभियोजक बालोद (छ.ग.) के द्वारा किया गया। जिसके अनुसार घटना की संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि प्रार्थी कामेश्वर दास मानिकपुरी ने दिनांक 16.09.2018 को मर्ग इंटीमेशन में रिपोर्ट दर्ज कराया कि. दिनांक 16.09.2018 के 6:30 बजे करीब अपने घर में था। उसी समय जानकारी हुआ कि. मृतिका के घर से बदबू आ रही है। घर का दरवाजा बाहर से बंद है एवं कुंदा में खुला ताला लटका हुआ है। तब सरपंच प्रभा देवी, पंच कांशीराम साहू को जानकारी देकर गांव के अन्य लोगों के साथ मृतिका / पीड़िता के घर जाकर दरवाजा खोलकर घर अंदर जाकर देखे तो मृतिका / पीड़िता अपने कमरे में खाट पर चित्त अवस्था में मृत पड़ी हुई थी। तथा शव से बदबू आ रहा था। सूचना पर मर्ग क्रमांक 80/2018 कायम कर जांच पंचनामा कार्यवाही किया गया। मौके पर घटनास्थल का निरीक्षण कर नजरी नक्शा तैयार किया गया एवं ताला तोड़ने का पंचनामा तैयार किया गया। मृतिका के घर के दरवाजे में लगे ताले एवं घर के दीवार के किनारे पड़े खाली शराब के पाव की शीशी जप्त किया गया। शव का पोस्टमार्टम कराया गया। विवेचना दौरान प्रार्थी व अन्य गवाह राजकुमार साहू व घनश्याम कुमार उर्फ मोनू चंद्राकर से पूछताछ कर कथन लिया गया। घनश्याम कुमार उर्फ मोनू चंद्राकर से पूछताछ करने पर बताया कि घटना दिनांक को वह और नीरज, रामधुनी का कार्यक्रम देख रहे थे, उसी समय करीबन रात 8:00 बजे के आसपास नाली तरफ गये जहां अभियुक्त यानी आरोपी गुलशन एवं ओमप्रकाश मिले, जहां अभियुक्त गुलशन एवं ओमप्रकाश गांजा का सेवन कर रहे थे और उसी समय आरोपी नीरज ने कहा कि शराब पीयोगे क्या। तब मैं और नीरज शराब का सेवन किये। मृतिका के घर के पीछे में बने हुए मठ में बैठकर वे लोग गांजा पिये। उसके बाद अभियुक्त ओमप्रकाश, नीरज, गुलशन मृतिका के घर के राचर को खोलकर घर के अंदर गये तथा घर में लगे दरवाजा को खटखटाये। तब मृतिका दरवाजा खोली तभी अभियुक्त ओमप्रकाश मृतिका को लेकर घर के अंदर चले गये। वह डरकर कार्यक्रम स्थल पर चला गया। जब वह कार्यक्रम स्थल से देखा तो वहां पर तीनों अभियुक्तगण पीडिता के घर से निकल रहे थे। घटना के दूसरे दिन अभियुक्तगण ओमप्रकाश, गुलशन और नीरज तीनों ने घनश्याम कुमार चंद्राकर को बताये कि हमने पीड़िता के साथ बलात्कार कर उसके गला दबाकर हत्या कर दिये है तथा उक्त घटना को किसी को नहीं बताने की धमकी भी दिए। विचारण के दौरान अभियुक्तगणों का मेमोरेण्डम कथन लिया गया, जिसमें अभियुक्त ओमप्रकाश उर्फ टेटे द्वारा कथन किया गया है कि दिनांक 13.09.2018 को अपने साथी गुलशन ठाकुर, नीरज पटेल के साथ मिलकर मृतिका / पीड़िता के घर के अंदर रात्रि करीबन 10:00 बजे जाकर मृतिका / पीडिता के साथ तीनों मिलकर बारी-बारी से बलात्कार किये और घटना की जानकारी गांव वालों को होने के डर से मृतिका / पीड़िता की गला दबाकर हत्या करना स्वीकार किया तथा हत्या करने के बाद उसी के घर में रखे दो नग ताला को चाबी सहित लेकर मुख्य दरवाजा को बाहर से सांकल लगाकर उसके कुंदा में छोटे खुला हुआ ताला को चाबी सहित लटका दिया तथा राचर में बड़ा ताला को लगाकर चाबी पीड़िता के घर के सामने दाऊबाड़ी में फेंक देना बताया। दूसरे दिन पुलिस द्वारा निशानदेही पर अभियुक्त ओमप्रकाश के पेश करने पर बरामद किया गया। इस प्रकरण में कोई प्रत्यक्षदर्शी साक्षी नहीं है। यह मामला एक अंध हत्या का है एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित है। मामले को परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर प्रमाणित मानकर आरोपीगणों को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।

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