नाबालिग के साथ गैंगरेप करने पर 20 वर्ष का कारावास, बर्थडे पार्टी मनाकर घर लौट रही पीड़िता से तीन लोगों ने की थी हैवानियत
बालोद। मुकेश कुमार पात्रे विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) बालोद (छ.ग.) के द्वारा आरोपीगण खिलेन्द्र मेश्राम उर्फ खिलेश्वर मेश्राम पिता स्व. भुवन लाल मेश्राम, उम्र 25 वर्ष, बिरेन्द्र धुर्वे पिता गजावर धुर्वे, उम्र 23 वर्ष, और नवीन यादव पिता प्रहलाद यादव, उम्र 24 वर्ष, तीनों निवासी बिरेतरा थाना व जिला बालोद (छ.ग.) को भादवि की धारा 363/34 के आरोप में तीन-तीन-तीन वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 /- रू० अर्थदण्ड तथा भा.द.वि. की धारा 376 व संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा के आरोप में तीनों आरोपीगण को बीस-बीस बीस वर्ष का सश्रम कारावास 2,000/- रुपये अर्थदंड से दण्डित किया गया। अभियोजन की ओर से प्रकरण में पैरवी छन्नू लाल साहू विशेष लोक अभियोजक (पोक्सो) द्वारा की गई। घटना की कहानी अभियोजन के अनुसार पीडिता दिनांक 29 जुलाई.2020 को थाना बालोद में उपस्थित होकर एक लिखित आवेदन पेश कर रिपोर्ट दर्ज करायी कि 22 जनवरी 2020 को वह अपनी सहेली के जन्मदिन मनाने के लिये उनके घर गयी थी। रात्रि 11 बजे सहेली के भाई उनको घर के पास छोड़कर चला गया। उसी समय रोड में खड़े गांव के ही खिलेन्द्र उर्फ खिलेश्वर, बिरेन्द्र, नवीन एवं उमेश पीड़िता के पास आकर इतनी रात को किसी लड़के के साथ कहां से आ रही है, तब पीडिता ने बतायी कि वह अपनी सहेली की जन्मदिन मनाकर आ रही है। पीड़िता द्वारा पडोसी पारस साहू को आवाज देने पर वह अपने पिता के साथ घर से बाहर आया, पारस साहू ने आरोपीगण को कहा कि लड़की को घर जाने दो इतना कहकर वापस अपने पिता के साथ घर के अंदर चला गया। पीड़िता अपने घर के अंदर जाने ही वाली थी कि आरोपीगण पीडिता के मुंह को दबाकर खीचते हुए गली में ले जाकर पीड़िता के साथ आरोपी खिलेन्द्र उर्फ खिलेश्वर, बिरेन्द्र और नवीन के द्वारा बारी-बारी से जबरदस्ती दुष्कर्म किया और आरोपी उमेश खड़ा होकर देख रहा था. फिर आरोपीगण द्वारा घटना की जानकारी किसी को भी देने पर जान से मार देने की धमकी दिया तथा दूसरे जगह ले जाकर फिर से दुष्कर्म करने की धमकी देकर वहां से भाग गये। जिसके आधार पर उप निरीक्षक सरिता तिवारी के द्वारा पीड़िता के पिता के बताये अनुसार आरोपीगण के खिलाफ अपराध कमांक 249/2020 अंतर्गत संहिता की धारा 366 (क). 376(घ), 506, 34 के तहत् प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया गया। तत्पश्चात् संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्तों के खिलाफ अपराध पाये जाने पर अभियोग पत्र विचारण न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां विचारण के दौरान आये साक्ष्य के आधार पर आरोपियों को उक्त दंड से दंडित किया गया।