दूसरे आपातकाल की संज्ञा देकर भाजपा उतरी विरोध में, रासुका संबंधी राजपत्र की प्रतियां जलाकर किया धरना प्रदर्शन
बालोद। छत्तीसगढ़ में मतांतरण और धार्मिक सांप्रदायिकता फैलाने वालों के खिलाफ कांग्रेस सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाए जाने पर बालोद जिला भाजपा द्वारा शहर के जयस्तंभ चौक में धरना प्रदर्शन किया गया। यहां पर सैंकड़ों भाजपाई कांग्रेस सरकार पर धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया प्रदर्शन के माध्यम से भाजपा ने कहा रासुका की जरूरत आखिर प्रदेश सरकार को क्यों पड़ रही है । धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाली ये सरकार आखिर क्या करना चाह रही है। धरना प्रदर्शन से हम सरकार का विरोध करते हैं। रासुका विषय और सरकार की कमियों को लेकर भाजपाइयों ने जमकर हल्ला बोला और राज्य पत्र में प्रकाशित रासुका संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां भी जलाई।
पुनः आपातकाल लगाने की तैयारी
भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार ने कहा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने एक बार फिर से आपातकाल लगाने की साजिश रची है। मतांतरण को बढ़ावा देने के लिए रासुका लगा दिया है। कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति की पोल खुल गई है यहां पर अघोषित आपातकाल लगाने के साजिश रच रही है एक आपातकाल कांग्रेस की सरकार में आया था और अब यह दूसरा आपातकाल है।जिलाध्यक्ष ने कहा मुख्यमंत्री अपना सिंहासन बचाने के लिए ईसाई मिशनरी की शरण में हैं। आदिवासी समाज में धर्मांतरण के जरिए खंडन का षड्यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने कहा यहां 32 जिलों में रासुका लगाया जा रहा है तो क्या मुख्यमंत्री जी को अपने कानून व्यवस्था पर भरोसा नहीं है।
सबसे बड़े छलिया सीएम
पूर्व विधायक वीरेंद्र साहू ने मुख्यमंत्री को सबसे बड़ा छलिया कहा। उन्होंने कहा बालोद जिले के तीनों विधायकों को पैसा जा रहा है। रजिस्ट्री को रोककर रखा गया है। सब काम के लिए घूस चल रहा है। रासुका भी मुख्यमंत्री का भय है ।वहीं पूर्व विधायक राजेंद्र कुमार राय ने भी पूरे मामलों को लेकर सरकार को घेरते हुए नजर आए। पा रही है। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार, किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू पूर्व विधायक वीरेंद्र साहू, प्रीतम साहू, राजेंद्र राय, छगन देशमुख अभिषेक शुक्ला,यादराम साहू प्रमोद जैन महामंत्री किशोरी साहू कोषाध्यक्ष सुदेश सिंह जिला उपाध्यक्ष त्रिलोकी साहू, भाजपा मंत्री शरद ठाकुर, जयेश ठाकुर, नरेश साहू, जिला पंचायत सदस्य कीर्तिका साहू,संध्या भारद्वाज पुष्पेंद्र चंद्राकर, नीतीश यादव, नगर पंचायत अध्यक्ष सोमेश सोरी, भाजपा नेत्री प्रतिभा चौधरी, खिलेश्वरी साहू, कमलेश सोनी राजीव शर्मा, दानवीर साहू, शशिकांत निषाद संदीप सिन्हा मंडल अध्यक्ष सुरेश निर्मलकर, प्रेम साहू, दुष्यंत सोनवानी, रूपेश सिन्हा, मनीष झा कौशल साहू, पिछड़ा वर्ग मोर्चा अध्यक्ष जितेंद्र साहू, किसान मोर्चा अध्यक्ष तोमन साहू, अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष विक्रम ध्रुवे भाजयुमो अध्यक्ष आदित्य पीपरे, विकास जैन, गजेंद्र यादव, गुलाब सिन्हा, राहुल साहू, सहित बड़ी संख्या में पार्षदगण जनपद सदस्य गण सहित नेता जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
रासुका कानून क्या है ?
रासुका कानून जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 के नाम से जाना जाता है। यहां 1980 से मतलब उस सन से है जिस साल यह कानून देश में पारित किया गया था। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम जैसा की नाम से ही थोड़ा बहुत समझ आ रहा होगा कि इस कानून में देश की सुरक्षा के सम्बन्ध में प्रावधान किये गए है। जहाँ केंन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार को पूर्ण शक्ति प्राप्त है कि यदि देश या राज्य में किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा कोई ऐसी गतिविधि की जाती है या की जाने की आशंका है या ऐसा कुछ भी किये जाने का पूर्ण विश्वास है कि उनकी ऐसी गतिविधियों से देश व् देश के नागरिको की सुरक्षा में बाधा पड़ सकती है या देश सुचारु रूप से चलने में बाधित हो सकता है या होता है तो उस प्रत्येक व्यक्ति को इस रासुका कानून के तहत गिरफ्तार किये जाने का आदेश केंद्रीय सरकार , राज्य सरकार द्वारा पारित किया जा सकता है। यही आदेश छग सरकार ने जारी किया है।