बालोद। आदिवासी बाहुल्य ब्लॉक डौंडी के कुसुमटोला गांव में फसल बीमा के अधिकांश किसानों के खाते में 25 पैसे, 50 पैसे, 72 पैसे से लेकर 25 रुपए तक आए हैं। किसानों का कहना है फसल नुकसान का आकलन सही तरीके से नहीं किया गया है। उक्त मामला प्रकाश में आने के बाद भाजपा किसान मोर्चा भी सामने आ गई है और मामले की जांच करवा रही है। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू के निर्देश पर कुसुमटोला में प्रधानमंत्री बीमा योजना में हुई गड़बड़ी के मामले में पांच सदस्य दल का गठन कर दिया गया है। जो दल गांव जाकर किसानों से बातचीत कर पूरे मामले की जांच करेगी और 3 दिन के भीतर अपना रिपोर्ट पेश करेगी।
ये हैं दल में शामिल
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हुई गड़बड़ी के जांच के लिए 5 सदस्यीय जांच दल का गठन हुआ है । तोमन साहू भाजपा किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष बालोद के नेतृत्व में जांच दल का गठन किया गया है। जिसके सदस्य मनीष झा मंडल अध्यक्ष भाजपा डौंडी, सोमेश साहू प्रदेश कार्य समिति किसान मोर्चा , मनोहर सिन्हा जिला महामंत्री भाजपा किसान मोर्चा बालोद , मितेन्द्र वैष्णव मंडल अध्यक्ष किसान मोर्चा डौंडी शामिल हैं।
नाम मात्र मुआवजा मिला है
किसानों को 25 पैसे से लेकर 100 रुपये तक का मुआवजा मिला है। किसानों का कहना है कि कर्ज लेकर खेती की गई। बर्बादी से बचने के लिए फसल का बीमा कराया गया था, लेकिन अब मुआवजा मिलने पर ऐसा लग रहा है कि बीमा कंपनी किसानों के गरीबी का मजाक उड़ा रही है। पिछले साल फसल बीमा के अधिकांश किसानों के खाते में 25 पैसे, 50 पैसे, 72 पैसे से लेकर 25 रुपए तक आए हैं। इससे नाराज किसानों ने कुछ दिन पहले डौंडी कृषि विभाग कार्यालय पहुंचकर जमकर हंगामा भी किया था। फसल के नुकसान के सही आकलन के हिसाब से मुआवजा देने की मांग की जा रही है। प्रति हेक्टेयर 720 रुपए तक बीमा प्रीमियम जमा कराया गया था।
किसानों के खाते में आए 25से 50 पैसे भी
किसान भीखम सिंह आर्य ने बताया कि उनके खसरे नंबर में क्रमशः 50 पैसा, 71 पैसा और 25 पैसा मुआवजा राशि आया है। किसान कसक आर्य के पास 12 एकड़ खेत है। जिसके लिए हर साल 4 हजार 800 रुपए बीमा की प्रीमियम राशि उनके खाते से कटती है, लेकिन मुआवजा राशि सिर्फ 48 रुपए और 62 रुपए ही मिली है ऐसे कई किसान नाम मात्र मुआवजा मिलने से हैरान परेशान हैं।