महिला स्व सहायता समूह ने अब रसोइयों पर भी लगाया मनमानी का आरोप,महंगाई में कुकिंग कास्ट बढ़ाने की भी उठी मांग
बालोद। रसोईया संघ द्वारा चल रहे अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते स्कूलों में मध्यान्ह भोजन विगत 12 जुलाई से प्रभावित है। तो वहीं इस बीच भोजन चलाने वाली स्व सहायता समूह भी परेशान हो रही है। लगातार वे भी जिला प्रशासन के समक्ष अपना पक्ष रख रही हैं और व्यवस्था बनाने की मांग की जा रही है। इस क्रम में एक बार फिर गुरुवार को जनदर्शन में पहुंचकर स्व सहायता समूह की महिलाओं ने अपनी समस्या बताई। इस बार महिलाओं ने रसोइयों की मनमानी का आरोप भी लगाया। महिलाओं ने कहा कि अफसरों का कहना है कि रसोइयों की नियुक्ति का अधिकार समूह को है। हम वैकल्पिक व्यवस्था के तहत दूसरा रसोईया रखना चाहते हैं। लेकिन रसोईया इसका विरोध कर रहे। ना खुद ठीक से काम कर रहे हैं ना दूसरों को काम करने दे रहे हैं। शासन का स्पष्ट आदेश है कि अगर काम नहीं कर रहे तो उनके मानदेय में कटौती हो। महिलाओं ने अधिकारियों द्वारा अनावश्यक दबाव दिए जाने का आरोप लगाया। इसके अलावा महिलाओं ने कहा कि इस महंगाई के दौर में 5 से ₹6 प्रति बच्चा जो भुगतान किया जाता है। वह अपर्याप्त है। कुकिंग कास्ट की राशि बढ़ाई जानी चाहिए। तब जाकर हम गुणवत्तापूर्ण और अच्छे से भोजन दे सकेंगे। इसी तरह बिहान स्व सहायता समूह से सामग्री खरीदी को लेकर बनाए जा रहे दबाव को लेकर भी महिलाओं ने विरोध किया। संघ की अध्यक्ष चंचल सरकार ने कहा कि हम अपने हिसाब से कहीं से की सामग्री खरीद सकते हैं। बिहान से ही सामग्री लेकर भोजन पकाने का दबाव ना बनाया जाए। महिलाएं स्वयं स्वतंत्र हैं। ज्ञात हो कि लगातार हड़ताल से कई जगह भोजन नहीं बन पा रहे हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कहा है कि वैकल्पिक व्यवस्था करें। दूसरा रसोईया रखें । रसोईया नहीं आ रहे हैं तो भोजन बनवाने की प्रमुख जिम्मेदारी स्व सहायता समूह पर डाली गई है।