बालोद/ अर्जुंदा। अर्जुंदा में जिला स्तरीय प्रवेश उत्सव कार्यक्रम के दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम का कार्यक्रम चल रहा था। इस बीच जहां खाना बना था वहां पर कुछ शिक्षक खाना खा रहे थे। जिसे एक वेब मीडिया के द्वारा खबर प्रचारित की गई कि शिक्षकों में खाने की होड़ लगी हुई थी, शिक्षक कार्यक्रम छोड़ पेट पूजा में मशगूल थे। इस खबर पर छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन ने कड़ा रोष जताया। फेडरेशन के जिलाध्यक्ष देवेंद्र हरमुख ने कहा कि बिना सच्चाई जाने ऐसी खबर प्रसारित नहीं करनी चाहिए। जिनसे शिक्षकों की भावनाओं को आहत हो। जीवन जीने के अधिकार में खाना खाना भी सभी का मूल अधिकार है। उनसे भला हमें कोई रोक कैसे सकता है। जब भूख लगेगी तो हर कोई खाना खाएगा। सच्चाई के तह तक पहुंचे बिना शिक्षकों को बदनाम करने की साज़िश की गई। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र हरमुख ने बताया की कार्यक्रम निर्धारित समय से विलंब से प्रारंभ हुआ । शास कन्या उ मा वि जो कि अभी आत्मानंद स्कूल भी उक्त प्रागंण में लगने के कारण सुबह पाली में संचालित होती है। एवं 12 बजे के पश्चात आत्मानंद स्कूल संचालित होती है इस कारण आज कक्षा छठवीं से कक्षा आठवीं तक के बच्चों को सुबह बुलाकर छुट्टी दे दिया गया था तथा शेष कक्षा नवमीं से बारहवीं तक के बालिकाओं व आत्मानंद के बच्चों को ही बुलाया था जो कि आत्मानंद के बच्चों को मध्याह्न भोजन का लाभ अभी नहीं मिलता है। तथा सभी बच्चों को 12 बजे के बाद बुलाया गया था क्योंकि कार्यक्रम 1 बजे प्रारम्भ होना था।इस कार्यक्रम में विकासखण्ड के समस्त शिक्षक एवं अधिकारी गण दो दिवस से दिन रात एक कर कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु मेहनत कर रहे थे जो कि आज भी समस्त अधिकारी गण,संकुल समन्वयक गण,स्थानीय शाला के शिक्षक गण,कार्यालयीन स्टाफ सुबह से ही कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु अपने अपने घरों से आए थे,जिसमें से कुछ नास्ता भी नहीं किए थे । दो दिवस से कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु कर्मचारी व शिक्षक गणों के लिए खाना का व्यवस्था किए थे शिक्षक/कर्मचारी गण कार्यक्रम को बिना व्यधित करते हुए खानाकर अपने अपने कार्या का पुनः निर्वाहन किए। बिना किसी सच्चाई जाने यहां पर एक तथाकथित पत्रकार द्वारा काम में लगे शिक्षकों का फोटो वीडियो लेकर वेब मीडिया के जरिए वायरल करना कहां तक ठीक है। जो शिक्षक खाना खाते दिखाई दे रहे है वे सुबह से ही अपने घर से निकल गए थे तथा 9 बजे से अर्जुन्दा पहुँच गए थे। उन्होंने बिना कार्यक्रम में बाधा पहुचाये बारी बारी से खाना खाया है। वे भी खड़े हो के जल्दबाजी में ताकि वे फिर से कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु वहाँ उपस्थित हो सके। इस प्रकार का बिना सच्चाई को जाने किसी का भी फोटो व विडियो डाले है जिससे शिक्षक जगत अपमानित महसूस कर रहा है। यहाँ शिक्षक भूखे रह कर सुबह से कार्य कर रहे थे तो कुछ समय के लिए खाना खाना क्या अनुचित हो गया जबकि इसमें किसी भी प्रकार का कोई व्यवधान ही नही हुआ।
जिलाध्यक्ष देवेन्द्र हरमुख ने समस्त मिडिया कर्मियों से निवेदन किया है कि इस प्रकार बिना किसी की सच्चाई जाने बार- बार शिक्षकों को ग़लत खबर छापना ठीक नही है।
अगर खबर छापना है तो किस प्रकार शिक्षक दो दिन से दिन रात एक कर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान देते हैं यह छापना चाहिए।
शाला छुट्टी के बाद भी गैर शैक्षणिक कार्यो का निर्वाहन करते हैं यह छापना चाहिए। इस प्रकार का खबर छापकर शिक्षकों का मनोबल बढ़ाए ना कि बिना सच्चाई जाने खबरों का प्रचार प्रसार करें।
संबंधित खबर