डौंडीलोहारा । बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मानव धर्म के प्रणेता सद्गुरुदेव श्री सतपाल जी महाराज के प्रेरणा से दो दिवसीय सद्भावना सम्मेलन का आयोजन प्रथम दिवस रविवार को सत्संग कार्यक्रम का शुभारंभ स्व लाल रघुवीर सिंह मिनी स्टेडियम बाजार चौक डौंडीलोहारा में किया गया। जिसमें विशेष अतिथि के रूप में जबलपुर से उपस्थित महात्मा सुजाता बाई जी ने अपने ओजस्वी विचार रखते हुए कहा कि भगवान ने हमें मानव जीवन क्यों दिया? यह आज जानने का विषय है और इसकी जानकारी सिर्फ सत्संग के माध्यम से ही हो सकता है। जब हम सत्संग को सुनेंगे उस पर मनन विचार करेंगे तब हमें पता चलेगा कि जिस आनंद को पाने के लिए हमे मानव जीवन मिला हुआ है, जिसे हम संसार में ढूंढ रहे हैं, वह आनंद, सच्चिदानंद तो हमारे अंदर ही है पर वह प्रकट नहीं है, उसे प्रगट करने के लिए हमें सच्चे संतों की आवश्यकता है और जब हमें सच्चे संत मिल जाएंगे तो परमात्मा को हमारे अंदर प्रगट कर देंगे।
जिससे हमारे अंदर शांति आनंद दया करुणा का भाव जागृत होगा। भिलाई आश्रम क्षेत्र महात्मा भुवनेश्वरी बाई जी ने कहा कि जन्म मरण के चक्कर से अगर हमें बचना है, तो भगवान के पावन नाम को जानना पड़ेगा। जो अमंगल को भी मंगल करने वाला है। महात्मा महादेवी बाई जी ने कहा कि सांसारिक कार्यों को करने के लिए तो हमारे पास समय ही समय है परंतु भगवान की भक्ति, सेवा के लिए समय का अभाव हो जाता है जो फिर हमें 84 के चक्कर में फसाने आने वाला है इसलिए समय निकालकर हमें भगवान का भजन करना चाहिए। महात्मा शैला बाई जी ने “तू सत्संग में आ कि सोया तेरा भाग जगे” सुमधुर भजन सुना कर लोगों को आनंदित किया। इस कार्यक्रम में मानव उत्थान सेवा समिति एवं मानव सेवा दल व युथविंग के सदस्य उपस्थित रहे।