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स्कूल शिक्षा विभाग के नए सेटअप में है कई खामियां, सुधारने शालेय शिक्षक संघ ने सौंपा डीईओ को ज्ञापन

वाणिज्य संकाय में कम से कम 2 शिक्षक रखने की मांग

स्कूलों से संस्कृत शिक्षक कम कर संस्कृत भाषा को हतोत्साहित करने का खेल बंद हो:- शालेय शिक्षक संघ

सवाल- प्राइमरी के 5 कक्षा पर मात्र 2 शिक्षक देने पर कैसे पा सकेंगे शिक्षा में गुणवत्ता का लक्ष्य?

प्राइमरी स्कूलों में भी बढ़ाई जावे शिक्षकों की संख्या- जितेंद्र शर्मा

बालोद। शासकीय स्कूलों का नया सेटअप इन दिनों विवाद में पड़ गया है। शिक्षक संगठन इसमें बदलाव व सुधार की मांग कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने जैसे ही शासकीय स्कूलों में नया सेटअप लागू करने हेतु मापदंड को सार्वजनिक किया व डीईओ से परीक्षण कर सुझाव मांगे, तो शिक्षा जगत में भूचाल सा आ गया है। नए सेटअप में प्राइमरी की 5 कक्षाओ के लिए न्यूनतम 2 शिक्षक व एक प्रधानपाठक रखने की बात कही है। इसी तरह हायर सेकेंडरी स्कूलों में वाणिज्य संकाय के लिए भी एक निश्चत संख्या पर ही 2 या उससे अधिक शिक्षक रखने की बात है जबकि निर्धारित संख्या से कम रहने पर केवल 1 शिक्षक रखने की स्वीकृति दी गई है। जबकि वाणिज्य में हिंदी अंग्रेजी के अलावा 3 अन्य विषय भी पढ़ाये जाते है। जिसके लिए कम से कम 2 शिक्षकों की आवश्यकता होती ही है। इस मुद्दे पर शालेय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा के नेतृत्व में वाणिज्य संकाय के शिक्षकों ने गुरुवार को कलेक्टर व डीईओ को मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपकर इन विसंगतियों पर शासन का ध्यान आकृष्ट कराया व मांग किया कि प्रत्येक स्कूलों में वाणिज्य संकाय के लिए कम से कम 2 शिक्षक का पद अवश्य होना चाहिए। इसी तरह संस्कृत के लिए भी भारी भरकम छात्र संख्या को न्यूनतम आधार माना गया है। इसके अनुसार तो अधिकांश स्कूलों से संस्कृत शिक्षक के पद ही समाप्त हो जाएंगे व शासन द्वारा संस्कृत के प्रचार प्रसार के दावे भी झूठे साबित हो जाएंगे।अतः संस्कृत विषय के लिए भी संख्या का निर्धारण कम हो तथा संस्कृत शिक्षक की नियुक्ति हो। ज्ञापन देने छ. ग. शालेय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा, उपाध्यक्ष हेमलाल जोशी,जिला संगठन मंत्री विवेक धुर्वे व साथीगण श्रीमती ममता साहू,पूर्णिमा साहू,उषा बंषोड, गोमती भुआर्य, शीतला, सावित्री स्वर्णकार, संध्या धनगुन, खिलेश्वरी तिवारी, विभा ठाकुर, नरेंद्र कुमार ठाकुर,जगप्रसाद वर्मा उपस्थित हुए व वाणिज्य संकाय में गलत सेटअप का विरोध प्रदर्शन किया गया।

ये रखी गई मांगे व सुझाव

वाणिज्य संकाय के व्याख्याता पद पूर्व सेटअप के अनुसार 2 पद यथावत रखा जाए।

नवीन सेटअप के अनुसार वाणिज्य संकाय के व्याख्याता पद को संख्या बंधन से मुक्त किया जाए। वाणिज्य (कॉमर्स) विषय के अंतर्गत लेखाशास्त्र, व्यवसाय अध्ययन एवं अर्थशास्त्र आता है। कक्षा 11वीं एवं 12वीं में 1 व्याख्याता द्वारा प्रतिदिन 6 कालखंड के साथ कक्षा शिक्षक और अन्य विद्यालयीन प्रशासनिक कार्य का दायित्व निर्वहन कर पाना कठिन कार्य है। उल्लेखनीय है कि 2008 के सेटअप में वाणिज्य संकाय में दो व्याख्याता पद स्वीकृत हुआ था अतः 2022 के नए सेटअप में कम से कम 2 वाणिज्य संकाय के व्याख्याताओं के पद अनिवार्य रूप से स्वीकृत किया जाए। कला संकाय में भूगोल एवं अर्थशास्त्र के लिए पूर्व सेटअप के अनुसार 1 व्याख्याता ही अध्यापन कराता है। चूंकि कला संकाय में संख्या अधिक होने के कारण 11वीं एवं 12वीं कॉमर्स को अर्थशास्त्र के लिए एक ही कक्षा में समाहित करना संभव नहीं हो पाता तथा और अर्थशास्त्र का शिक्षक भूगोल भी अध्यापन कराता है। तथा वाणिज्य का अर्थशास्त्र वाणिज्य वाला व्याख्याता ही अध्यापन कराता है। इस कारण वाणिज्य संकाय को संख्या बंधन से मुक्त किया जाए। वाणिज्य एवं कला का व्याख्याता विद्यालयीन व्यवस्था के अनुरूप कक्षा 9वीं एवं 12वीं दसवीं का सामाजिक अध्ययन विषय का भी अध्यापन कार्य करता हैं।

By dailybalodnewseditor

2007 से पत्रकारिता में कार्यरत,,,,,कुछ नया करने का जुनून, कॉपी पेस्ट से दूर,,,

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