शराब कोचियों पर युवाओं का पहरा, कर रहे रात्रि में गश्ती, नशे के सौदागर के खिलाफ युवाओं ने निकाली विरोध रैली, जगन्नाथपुर में जमकर नारेबाजी

जगन्नाथपुर में छिड़ी मुहिम, शराब कोचिया हाय-हाय के नारे लगे

बालोद। ब्लाक के ग्राम जगन्नाथपुर में अवैध शराब बिक्री से बिगड़ते माहौल को सुधारने के लिए यहां के सक्रिय युवाओं ने बीड़ा उठाया है। विगत दिनों एसपी व कलेक्टर के नाम से ज्ञापन सौंपने के बाद स्वयं गांव की दशा सुधारने को लेकर ये जुट गए हैं। और गांव में बड़े बुजुर्गों की राय से ₹10000 के अर्थदंड का नियम लागू करवा कर शराब माफियाओं की हरकतों पर नजर रखी जा रही है। इस क्रम में शराब कोचियों के बीच दहशत पैदा करने के लिए युवा खुद गांव में पेट्रोलिंग कर रहे हैं। इस गश्त व्यवस्था से गांव को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। तो वही शराब कोचियों के खिलाफ प्रदर्शन का दौर भी चल रहा है। शाम को यहां की गलियों में शराब बेंचने वालों के खिलाफ युवा एकजुट होकर विरोध रैली निकालते हैं।

जमकर नारेबाजी होती है। शराब कोचिया हाय- हाय के नारे लगाकर शराब बेचना बंद करो, गांजा फुकना बंद करो, आदि नारे लगा कर अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को आगाह किया जाता है कि वे यह गलत काम बंद कर दें और गांव को सुधारने में साथ दें। गांव के युवाओं की सक्रियता व उनके विरोध भरे आंदोलन के कारण शराब बेचने वालों के बीच हड़कंप की स्थिति भी बनी हुई है। ग्रामीण अब कोचियों व उन्हें संरक्षण देने वालों के खिलाफ लामबंद भी होने लगे हैं और जिसका असर देखने को भी मिल रहा है। गांव में जहां डेढ़ सौ से 300 तक अवैध शराब बिक्री के बाद शीशी या बोतल बरामद होती थी उसमें गिरावट आ गई है। खाली शीशी एकत्रित करने वालों को अब पहले की तुलना में कम शीशियां मिल रही है। तो वही चौक चौराहै पर जो खुलेआम शराब बेचा करते थे वह कम हुए हैं। अर्थदंड नियम के मुताबिक युवाओं ने तय किया है कि गांव के चारों दिशा की सीमा में 2 किलोमीटर तक यह लागू रहेगा। जिसमें कोई भी ना शराब बेच सकेंगे, ना खुलेआम शराब पी सकेंगे, ना गांजा पी सकेंगे। सट्टा लिखने वालों पर भी नकेल कसा जा रहा है। इस तरह के किसी भी अपराध में लिप्त पाए जाने वालों पर ग्राम स्तर पर तो कार्रवाई होगी ही, पुलिस द्वारा भी कार्रवाई की जाएगी। गांव में विशेष रुप से मुनादी करवा कर ऐसे आरोपियों की जमानत करवाने वालों को भी आगाह किया गया है कि अब जमानत यानी उन्हें छुड़वाने के लिए नहीं जाना है। अन्यथा उन्हें भी इस कृत्य के लिए दंडित किया जाएगा। अक्सर यही शिकायत थी कि कई बार जब पुलिस किसी को पकड़ती है तो उनके जमानतदार कई खड़े हो जाते हैं। उन्हें छुड़ाने के लिए कोर्ट कचहरी पहुंचाते हैं और जमानत पर छूट कर आकर आरोपी फिर से वही कृत्य करते हैं। पर अब जमानतदारों पर भी नजर रखी जा रही है। और जो-जो भी कोचियो को संरक्षण दे रहे हैं उनकी पहचान कर उन पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

You cannot copy content of this page