जब सीएम की सभा में मितानिन महिलाएं चिल्लाने लग गई- कका हमरो भी तो सुन ले,,,, गुंडरदेही कर्मा महोत्सव में पहुंचे भूपेश बघेल ने की क्या घोषणाएं, पढ़िए पूरी खबर
बालोद। रविवार को कर्मा महोत्सव व सामूहिक विवाह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गुंडरदेही आगमन हुआ। जहां साहू समाज के पदाधिकारी सहित विधायक व संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद व अन्य मौजूद रहे। मंच पर जैसे ही सीएम का भाषण खत्म हुआ इधर भीड़ में सामने की ओर बैठी महिलाएं चिल्लाने लग गई। वे मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ी में संबोधित करते हुए कहने लगी कका हमरो तो सुन ले, कब से मांग करत हवन, आज तक पलट के नहीं देखे हो, महिलाएं दरअसल में मितानिन थी। जो अपनी मांगों को लेकर दूर से ही मुख्यमंत्री को चिल्ला रही थी और हमारी भी सुनने को लेकर बातें कर रहे थे। महिलाओं की आवाज सुनकर एएसपी प्रज्ञा मेश्राम भी वहां पहुंची और उन्होंने महिलाओं को समझाने का प्रयास किया। पर मितानिन महिलाएं चुप नहीं थी, वह अपनी बात मुखरता के साथ करती रही। इधर जैसे ही मंच से उतरकर मुख्यमंत्री मीडिया को संबोधित करने आए। उन्होंने मितानिन के मुद्दे पर कोई बात नहीं की। तो वहीं मनरेगा कर्मचारियों के चल रहे हड़ताल को लेकर कहा कोई भी काम नियम से होगा। बैठक होगी, ऐसे सड़क पर फैसले नहीं होते।
मंच पर मुख्यमंत्री ने की कचांदुर के बंद पड़े दिव्यांग स्कूल को फिर से शुरू करने की घोषणा
संसदीय सचिव व विधायक कुंवर सिंह निषाद की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ब्लाक के ग्राम कचांदुर में पूर्व में संचालित दिव्यांगों के आवासीय स्कूल को फिर से शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके संचालन के लिए आदेश जारी करें कि पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग से इसका संचालन होगा। पहले जन सहयोग व सर्व शिक्षा अभियान से यह चल रहा था। पर फंड की कमी से सब ठप हो गया। पढ़ाई बीच में रुक गई। जिसे विधायक ने गंभीरता से लिया। अब वे इसे फिर से नियमित शुरू करवाना चाहते हैं। जिस पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की।
विधायक निषाद ने कहा समाज का उपयोग राजनीति में करना गलत बात है
विधायक कुंवर निषाद ने कहा त्याग की प्रतिरूप माता कर्मा का जन्मोत्सव मना रहे हैं। साहू समाज ने आदर्श विवाह की शुरुआत की। जिसका अनुशरण राज्य ही नही देश भर में हो रहा। समाज से बढ़कर कोई नही है। सब इससे जुड़े है। समाज के बिना दुर्गति है। समाज के संस्कार व परंपरा को बनाये रखना है। आज आधुनिकता के दौर में सब भूल रहे हैं। ऐसे में लगता है 10-15 साल बाद बच्चे हमारी संस्कृति से कहीं अनजान ना हो जाए। पर हमारे सीएम ने छग की संस्कृति को आगे बढ़ाने कोशिश की है। जो आज मॉडल है। आज समाज मे भी कुछ ऐसे विध्वंश कारी तत्व हैं जो समाज को राजनीति का उपयोग कर रहे। ऐसा नही होना चाहिए।
विधायक ने ये मांग रखी
कचांदुर में दिव्यांग स्कूल 2011 से है। कोरोना से डेढ़ साल से बन्द रहा। इसे पंचायत व समाज कल्याण विभाग को संचालित करने दिया जाए। पैरी में केंद्रीय विद्यालय खुले। आज पैरी पंचायत को पीएम द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है। गुंडरदेही में एक स्कूल को स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना के तहत क्लास 1 से 12 वी तक संचालित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कही ये बात
सीएम बघेल ने कहा चुनौती कितनी बड़ी हो संगठित होकर काम करे तो सफलता निश्चित मिलती है। उन्होंने भक्त माता की महिमा बताई। दो साल कोरोना में बीत गया, कर्मा जयंती में छुट्टी घोषित किए। लेकिन इस साल कोरोना समाप्ति के बाद बहुत भीड़ दिख रही। अक्ति में नया साल की खेती की शुरुआत करते हैं। खेती जमीन को बचाना जरूरी है। जमीन आज जहरीली हो रही अनाज भी जहरीली हो रही। इससे लोगों को कई तरह बीमारी हो रही। इसके पीछे केमिकल फर्टिलाइजर है। हमें धरती की सेवा करना है। इसके लिए रासायनिक खाद को कम करना होगा। हम धर्म गौ माता की जय का नारा लगाते हैं लेकिन वास्तव में गौमाता की सेवा सिर्फ छग सरकार कर रही। अब गौमूत्र भी खरीद रहे। हमें इस कर्मा जयंती पर धरती माता की सेवा का संकल्प लेना है।
ये घोषणाएं भी की
सामाजिक भवन निर्माण के किए राशि की घोषणा की। विधायक की मांग पर कहा कचांदुर के दिव्यांग स्कूल को शुरू करेंगे, आदेश निकालेंगे। पैरी में केंद्रीय विद्यालय को लेकर भारत सरकार को चिट्ठी लिखेंगे। गुंडरदेही में एनसीईआरटी स्कूल है उसे भी आत्मानंद स्कूल बनाएंगे।
इस दौरान बीरेश ठाकुर, चंद्र प्रभा सुधाकर जिला कांग्रेस अध्यक्ष, सोना देवी देशलहरा, पूर्व विधायक वीरेंद्र साहू सहित अन्य सामाजिक पदाधिकारी मौजूद थे।