अफसरों ने माना असामाजिक तत्वों ने की ईएमटी व 108 सेवा की छवि खराब करने की कोशिश

बालोद/रायपुरविगत दिनों दुधली में एक मरीज शैलेंद्र भारद्वाज की संजीवनी 108 से अस्पताल पहुंचाने के बाद डॉक्टरों द्वारा मौत की पुष्टि की गई थी। जिसमें कुछ लोगों द्वारा संजीवनी 108 सेवा में शिकायत कर ईएमटी पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया। लेकिन जब मामले की जांच की गई तो निराधार पाया गया। इस संबंध में संजीवनी 108 सेवा रायपुर व बालोद जिले के अधिकारियों द्वारा कहा गया है कि कुछ असामाजिक तत्व के लोगों द्वारा संजीवनी 108 की सेवा कंपनी व ईएमटी की छवि खराब करने की कोशिश की गई है। जबकि मरीज को लाने, अस्पताल तक पहुंचाने में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई है। जांच में ऐसा कुछ सामने नहीं आया तो वही ईएमटी प्रियंका साहू के बारे में उनके विगत वर्षों द्वारा किए गए कार्यों की भी जांच की गई तो यह पाया गया कि उनके द्वारा ड्यूटी के प्रति संवेदनशीलता के साथ लोगों की जान बचाने की कोशिश की जाती है।

फ़ाइल न्यूज़

बालोद जिले के पहले प्रियंका साहू दंतेवाड़ा में भी पदस्थ रही। जहां उन्होंने नक्सली क्षेत्रों में भी कई हालातों का सामना करते हुए काम किया।

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जिसके लिए उन्हें कई सम्मान भी प्राप्त हुए हैं। जो संजीवनी 108 सेवा के लिए गर्व की बात थी। लेकिन अचानक बालोद जिले में उनकी इसी सक्रियता को देखते हुए कुछ असामाजिक तत्व के लोगों द्वारा उनकी छवि खराब करने की कोशिश की गई। उत्कृष्ट कार्य के लिए ईएमटी प्रियंका साहू को जिला कलेक्टर दंतेवाड़ा द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें संजीवनी 108 एक्सप्रेस से कर्मवीर सम्मान से भी नवाजा गया है। संजीवनी 108 में कई बार नदी नालों जंगल को पार कर मरीजों को लाने, संजीवनी 108 में डिलीवरी कराने, गंभीर केस में भी जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाकर मरीजों की जान बचाने ऐसे कई सराहनीय कार्य उनके द्वारा किया गया है। काम के प्रति जिम्मेदारी यह भी थी कि ड्यूटी खत्म होने के बाद भी अगर कोई इमरजेंसी में कॉल आता था तो वहां भी ईएमटी मरीजों की जान बचाने के लिए दौड़ पड़ती थी। इसके प्रमाण दंतेवाड़ा जिले में कई केसों में देखा गया है। जिसके मद्देनजर रखते हुए उनके वर्तमान पदस्थापना क्षेत्र बालोद में भी उनके कार्यों की समीक्षा की गई।

जिसमें पाया गया कि लापरवाही नहीं बरती गई है। कुछ असामाजिक तत्वों के लोगों द्वारा कंपनी की सेवा को बदनाम करने के लिए इस घटना को तूल दिया जा रहा है। ताकि ईएमटी और संजीवनी 108 की सेवा पर प्रश्नचिन्ह उठे और इसका फायदा अन्य निजी क्षेत्र उठाएं। 108 सेवा के डीएम गिरीश राजपूत ने कहा कि दुधली की घटना में जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं उसकी जांच की गई है। ईएमटी द्वारा भी आरोप को निराधार बताया गया है। उनके द्वारा मरीज की पूरी देखभाल की गई है। वही ईएमटी प्रियंका साहू ने कहा कि आज हम महिलाओं के सम्मान में महिला दिवस मना रहे हैं ऐसे में उन असामाजिक तत्वों के पुरुष प्रधानता की सोच वाले लोगों को समझना चाहिए कि महिलाओं का सम्मान क्या होता है? उन्होंने कहा कि मैं संजीवनी 108 में सेवा भाव से काम करती थी और आगे भी करते रहूंगी।

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