बालोद के 6 दृष्टिहीन ब्लाइंड जुडो के खिलाड़ी नेशनल के लिए चयनित, पढ़िए उन दिव्यांगों की कहानी जो रचेंगे एक और इतिहास
बालोद। आंखों की रोशनी चली गई है तो क्या हुआ। बचपन से दुनिया देखी नहीं है लेकिन दुनिया को अपनी ताकत दिखाने की हिम्मत रखते हैं यह दिव्यांग। दिव्यांग जिन्हें नाम में ही दिव्य शब्द इसलिए जोड़ा जाता है कि इनके पास ऐसी शक्ति होती है जो औरों से अलग करती है। दिव्यांग शब्द इसलिए उपयोग किया जाता है कि यह दूसरों से कमजोर नहीं है बल्कि दूसरों से हट कर हैं। ऐसे ही हैं बालोद जिले के वे 6 दिव्यांग जिनका चयन हाल ही में जुडो ब्लाइंड नेशनल प्रतियोगिता के लिए हुआ है। बालोद जिले से इस टीम में 6 खिलाड़ी हैं। जो नेशनल स्तर स्पर्धा में शामिल होने के लिए जाएंगे। आगामी 8 जनवरी को नेशनल स्तरीय प्रतियोगिता राजस्थान गंगानगर में प्रस्तावित है। विगत दिनों बिलासपुर में टीम चयन के लिए प्रतियोगिता हुई। जिसमें बालोद के खिलाड़ी चयनित हुए और टीम को मजबूत किए। बता दे बालोद जिले से जो खिलाड़ी चयनित हुए हैं उनके मार्गदर्शक भी एक वरिष्ठ खिलाड़ी हैं ।जो ग्राम कोहंगाटोला के हरिराम कोर्राम हैं। जो पहले भी नेशनल स्तर पर गोल्ड, सिल्वर मेडल जीत चुके हैं और अपने जैसे दिव्यांग बच्चों को खेल की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं। ब्लाइंड जुडो में महारथ हासिल कर चुके हरिराम के साथ अन्य पांच खिलाड़ी इस नेशनल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जाएंगे। सुविधाओं की कमी के बावजूद ये खिलाड़ी अपना बेहतर से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। विगत तीन-चार सालों से दिव्यांगों से संबंधित इस तरह के खेल का आयोजन भी नहीं हो रहा था। लेकिन खिलाड़ी जहां भी थे अपने स्तर पर अभ्यास कर रहे थे। और आज वे नेशनल के लिए टीम का हिस्सा बन गए हैं इस चयन पर उनके मार्गदर्शक शिक्षकों ने भी खुशी जताई है तो वहीं उनके जीत की कामना की जा रही है।
इनका हुआ है चयन
चयनित खिलाड़ियों में देवेन्द्र कुमार, भूपेश कुमार देशलहरे,हरिराम कोर्राम, फकीर राम, तुषार सिन्हा सभी बालोद व, गौरव चन्द्राकर दुर्ग संजय सोनकर दुर्ग शामिल हैं। देवेन्द्र यादव ग्राम डौकीडीह गुंडरदेही, के हैं। बीए सेकंड ईयर का छात्र है। 2015 में जुडो ब्लाइंड में लखनऊ में गोल्ड मेडल जीत चुका है। कचांदुर स्कूल में सामान्य बच्चों के साथ पढ़ा है।
भूपेश कुमार निवासी नाहन्दा बीए फाइनल का छात्र है। हरिराम कोर्राम कोहंगाटोला से कोच है।
फकीर राम भरदा खुर्द डीएलएड की पढ़ाई कर रहा है। पूर्व में 2014 में भी जुडो में गोल्ड जीता है। तुषार सिन्हा कोहंगाटोला से है।
ये बड़ी खबर भी पढ़े