क्या सच -क्या झूठ?आवास मामले में आत्महत्या के बाद भाजपा के धरना प्रदर्शन में बैठी मृतक की मां, दूसरे बेटे ने लगाया आरोप बहलाकर भाजपाई ले गए,थाने में भी शिकायत, इधर भाजपा अध्यक्ष ने क्या कहा आरोप पर पढ़िए पूरी खबर

बालोद। गुरुर ब्लाक के ग्राम कोचवाही अमलीपारा में 21 अक्टूबर 2021 को शीत कुमार नेताम नामक एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। परिजनों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक किस्त के बाद बाकी राशि जारी न होने से हताश होकर शीत ने यह कदम उठाया । वहीं इस मामले ने संवेदनशील मोड़ ले लिया है। जहां इस प्रमुख योजना पर भाजपा, कांग्रेसी सरकार पर क्रियान्वयन में लापरवाही का आरोप लगाती है तो वही कांग्रेस के विधायक इसमें मृतक के परिवार को हर संभव मदद देने के लिए आगे आ गई है। उनके द्वारा अधूरे आवास को बनवाने का काम भी शुरू करवा दिया गया है। पर इधर मामले में सियासी हलचल उस वक्त और ज्यादा बढ़ गई, जब बुधवार को गुरूर के अंबेडकर चौक में इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरते हुए भाजपाइयों द्वारा 1 करोड़ रुपए मुआवजे की मांग के साथ धरना दिया गया। तो वहीं इस धरने में मृतक शीत कुमार की मां रूखमणी बाई भी शामिल हुई है। इस पर बालोद पहुंचे मृतक के छोटे भाई केशव कुमार ने मीडिया के जरिए भाजपाइयों पर आरोप लगाया कि उनकी मां को राजनीति करने के लिए भाजपाई घर से जबरदस्ती ले गए हैं। उन्हें बहला-फुसलाकर राजनीति की जा रही है। बेटे का कहना है कि मैं विधायक के आश्वासन से संतुष्ट हूं, उनके द्वारा अधूरे घर को बनाने के लिए काम भी शुरू कर दिया गया है। मटेरियल लाने के लिए मैं चारामा गया था। मेरे आते तक भाजपाई घर में आए और मां को अपने साथ ले गए। जबकि मैंने उन्हें मना किया था ।तो इधर मृतक की मां गुरुर के धरना प्रदर्शन में बैठी नजर आई। इस आरोप पर भाजपा के जिला अध्यक्ष कृष्णकांत पवार ने कहा कि आरोप बेबुनियाद है। इस तरह से बेटे को सामने करके राजनीति करनी अच्छी बात नहीं है। हमने उनकी मां को जबरदस्ती या बहला कर नहीं लाए हैं व स्वेच्छा से आई है। उनका एक बेटा दुनिया से जा चुका है और उसी को न्याय दिलाने के लिए हम धरना दे रहे हैं। कोचवाही से सिर्फ उनकी मां ही नहीं बल्कि 20 से 25 लोग धरने में शामिल हुए हैं। हमने किसी को जानबूझकर या जबरदस्ती नहीं लाया है।

भाजपाइयों ने कहा मां ने किया जाने से इंकार तो बेटे ने कहा मुझे मां से मिलने नही दिया

भाजपाइयों के बीच धरने में बैठी मां रूखमणी बाई

मीडिया से मुलाकात के बाद बेटा केशवकुमार वापस गुरुर गया और अपनी मां को घर चलने के लिए मनाया गया भाजपाइयों ने कहा मां ने साथ बेटे के साथ चलने से इंकार कर दिया और धरने में ही बैठी रही। वहीं बेटे ने कहा कि उन्हें उनकी मां से मिलने नही दिया गया।

इधर बेटे ने की थाने में शिकायत लगाया मां को उठा ले जाने का आरोप

वही मृतक के छोटे भाई केशव नेताम ने थाना प्रभारी पुरूर के नाम से आवेदन देते हुए उनकी मां को भाजपाइयों द्वारा उठाकर ले जाने के संबंध में शिकायत की है। लिखित शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया है कि बुधवार को सुबह 8 बजे विधायक कार्यालय से एक व्यक्ति आया और घर के लिए निर्माण सामग्री छड़ सीमेंट खरीदने के लिए चारामा जाना है कहा। उक्त व्यक्ति के साथ में चारामा चला गया और जब वापस घर पहुंचा तो घर पर मेरी मां नहीं मिलने पर मैं आसपास पता करने से मुझे पता चला कि मेरी मां को मना करने के बावजूद भाजपा पार्टी के लोग मेरी मां को अपने साथ ले गए हैं। मेरे द्वारा आसपास मां को ढूंढने की कोशिश किया गया, नहीं मिलने पर मैं थाने पर इतला कर रहा हूं। इस तरह बेटे ने भाजपाइयों पर आरोप लगाते हुए थाने में लिखित आवेदन दिया है।

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इधर शीतकूमार नेताम द्वारा आवास योजना की दूसरी किश्त ना मिलने और आर्थिक समस्या को लेकर आत्महत्या का कदम उठाया गया है। मामले में पीड़ितों को न्याय दिलाने के मामले को लेकर बुधवार को भाजपा द्वारा गुरूर में एक दिवसीय जंगी धरना प्रदर्शन कर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया और पीड़ित परिवार को एक करोड़ का मुआवजा और उसके भाई को नौकरी देने की मांग की गई। जहां प्रमुख वक्ता के रूप में केदार कश्यप शामिल हुए। छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि जिस परिस्थिति से उसकी माता जूझ रही है वहां ऐसी स्थिति से किसी को जूझना ना पड़े उसकी मां को न्याय के लिए आज धरने के बैठी हुई है। आदिवासी समाज ने 99 प्रतिशत सीट दी पर आज आदिवासी समय को न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है। मां का दुख हम कम नहीं कर सकते लेकिन हम सब का कर्तव्य है कि किसी को ऐसा दिन ना देखना पड़े। उन्होंने मंच पर पूछा की कांग्रेस सरकार का आरोप है कि हम उनकी मां को जबरदस्ती लेकर आए हैं। आप छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हैं किसी और प्रदेश के नहीं। उन्हें एक करोड़ रुपए और परिवार के सदस्य को नौकरी दिया जाए। उन्होंने बाजार से कर्ज लिया और घर बनाना शुरू किया। पर वो हार गया और अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। घटना ऐसी है कि बोलना शुरू करें तो सुबह से शाम हो जायेगी। उन्होंने कहा कि एक नेता को जब घसीट के मारा तब पुलिस की गैरत कहा थी अब तो आप को समझना चाहिए प्रदेश के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए। सिहावा पूर्व विधायक पिंकी ध्रुव ने कहा कि केंद्र की सरकार कितना कर रही है पर इन योजनाओं को पलीता लगाने यहां की स्थानीय सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। बेरोजगार साथी और आवास योजना हितग्राही हर तरफ से परेशान है और आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं। ऐसे सरकार को तो अब खुद की नीतियों पर विचार करने की आवश्यकता है। भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार ने कहा कि यहां पर सरकार किसी की मदद तो नहीं कर रही है ऊपर से दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। यहां पर 6 हजार मकान अधूरे हैं और लगभग 15 करोड़ रुपए की राशि पेंडिंग है। आखिर ये सरकार किसान और आदिवासी हितैषी कहती है लेकिन आखिर क्या कर रही है। सरकार एक युवक जिसने मकान का सपना देखा था वो आज हमेशा के लिए मौत की नींद में सो गया। आखिर यह कौन सी नीति है जो लोगों को मौत की ओर ले जा रही है। प्रमुख रूप से पूर्व विधायक प्रीतम साहू,पूर्व विधायक वीरेंद्र साहू,पूर्व विधायक राजेंद्र राय, प्रदेश मंत्री राकेश यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष लेखराम साहू,जिला महामंत्री किशोरी साहू,किसान मोर्चा प्रदेश मंत्री पवन साहू,जिला कोषाध्यक्ष सुदेश सिंह,स्थानीय मंडल अध्यक्ष कौशल साहू,उपाध्यक्ष नरेश यदु, उपाध्यक्ष सुशीला साहू,जिला पंचायत सदस्य कीर्तिका साहू, नंदकिशोर शर्मा,नरेश साहू जयेश ठाकुर,अनीता कुमेटी जनार्दन सिन्हा,यादराम साहू,सोमेश सोरी,त्रिलोकी साहू, पुष्पेंद्र चंद्राकर, सुरेंद्र देशमुख,ईशाप्रकाश साहू, मंडल अध्यक्ष प्रेम साहू, सुरेश निर्मलकर,दुष्यंत सोनवानी,महामंत्री गुरूर मंडल मेहतर नेताम, भुवन साहू, अश्वन बारले,दीपा साहू, लीला शर्मा, खिलेश्वरी साहू,पूर्व जनपद अध्यक्ष डामेश्वरी साहू, भानुमती साहू, खोमिन साहू,रश्मि साहू चंद्रिका गंजीर, संध्या साहू नीता साहू, अनुसुइया ध्रुव, डिकेश्वरी बंधु, दिनेश्वरी सिन्हा, देवेंद्र माहला,आदित्य पिपरे,राजीव शर्मा,खेमलाल देवांगन तेजराम साहू,चिंता राम साहू, मनीष साहू, अजेंद्र साहू, मितेश साहू, सहित अन्य मौजूद रहे।

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